बीजापुर : शुक्रवार को बीजापुर के पुजारीपारा में हुई कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में एक ग्रामीण की मौत हुई थी और एक व्यक्ति घायल हो गया था. इस केस में दो अन्य लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, लेकिन मामले में अब नया मोड़ आ गया है. इस पूरे घटनाक्रम में ग्रामीणों ने फर्जी मुठभेड़ का आरोप पुलिस पर लगाया है.
ग्रामीणों ने पुलिस थाना मोदकपाल को एक पत्र भी दिया, जिसमें ग्रामीणों ने कहा है कि 'दुब्बा कन्हैया, यालम धरमैया, यालम सुबैया और अंगनपल्ली किस्तैया ग्राम पुसगुड़ी पुजारीपारा के निवासी हैं. ये चार लोग महुआ रखवाली में गाय भगाने अपने घरों से लगभग 100-200 मीटर की दूरी पर गए थे. इन चारों का मकान नेशनल हाईवे सड़क से 50 मीटर दूरी पर है. ये लोग गाय भगाकर चिड़िया मारते हुए घर वापस लौट रहे थे.
पत्र में आगे लिखा है कि वापस लौटते समय रास्ते में मिले पुलिसकर्मियों ने इनसे सवाल-जवाब किया. फिर इनमें से एक यालम सुबैया ने सभी के पुजारीपारा के निवासी होने की बात बताई. ग्रामीणों का आरोप है कि इसके बाद पुलिस ने इन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं, जिसमे सबसे पहले जा रहे दुब्बा कन्हैया की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई.
पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दूसरे नंबर पर यालम धरमैया था. उसके पैर में गोली लगी है, जिससे उसका दाहिना पैर फ्रैक्चर हो गया है. ग्रामीणों ने शिकायत में कहा है कि बचे हुए दो युवक यालम सुबैया और अंगनपल्ली किस्तैया को पुलिस ने पकड़ लिया और घसीटते हुए सड़क पर ले जाकर छोड़ दिया.
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दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने शिकायत में ये भी कहा है कि आदिवासियों को अपने जीवनयापन के लिए वनोपज का ही सहारा रहता है. ऐसे में एक तरफ नक्सली का डर और दूसरी तरफ हमारे सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों द्वारा अत्याचार करना कहां तक उचित है. ग्रामीणों ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
'मुखबिरों से मिली थी सूचना'
घटना पर ETV भारत ने पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप से बातचीत की. उन्होंने फोन पर बताया कि घटना क्रॉस फायरिंग जैसी दिखाई तो देती है, लेकिन ये पुलिस-नक्सली मुठभेड़ भी हो सकती है. अभी कुछ कह पाना मुश्किल है. हमें मुखबिरों से सूचना मिली थी कि पुसगुड़ी के आसपास नक्सलियों की गतिविधियां देखी गई है, तभी हमने मुरकीनार कैंप से जवानों की एक टीम को सर्चिंग के लिए भेजा.
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'दोषियों पर होगी कार्रवाई'
उन्होंने कहा कि चार ग्रामीण पुलिस जवानों को देखकर जंगल की तरफ भागने लगे. जवानों के रोकने पर भी वे नहीं रुके. जवानों ने नक्सलियों का संदेह जताते हुए 5 राउंड फायरिंग की, जिसमें से एक ग्रामीण की मौत हो गई और एक घायल हो गया. इस घटना की जांच करवाई जाएगी और आरोप सिद्ध होने पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.