जिले में इस समय सीआरपीएफ के तकरीबन दस हजार जवान पदस्थ हैं, जो जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके में जनसेवा और
एक ही छत के नीचे हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई
बता दें कि सर्वधर्म मंदिर की खासियत ये है कि यहां हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोग एक साथ, एक ही छत के नीचे पूजा ही नहीं करते बल्कि गीता, कुरान, बाइबल और गुरु ग्रंथ का पाठ भी करते हैं. इसके साथ ही वे देश के लिए अमन-चैन की दुआ मांगते हैं. ये सुखद नजारा रोज देखा जा सकता है. मंदिर के चारों ओर बगीचे के साथ-साथ जल स्रोतों का भी निर्माण किया गया है. यहां आकर किसी को भी सुखद वातावरण की अनुभूति मिलती है.
जवान दे रहे धार्मिक सद्भावना का संदेश
सीआरपीएफ के डीआईजी आलोक अवस्थी का कहना है कि दुनिया में इंसानियत के अलावा कोई दूसरा धर्म नहीं होता है. हम भी यही संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि धर्म और जाति के नाम से न कभी कोई दंगे होने चाहिए और न ही संप्रदाय के नाम पर कोई भेदभाव.
भाईचारे और देश प्रेम का प्रतीक है ये मंदिर
इस मंदिर को देखकर अहमद इकबाल की लिखी पंक्तियां जरूर याद आती हैं "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम वतन हैं, हिन्दोस्तान हमारा". इस मंदिर की हर एक ईंट में सहजता, भाईचारा और देशप्रेम की भावना दिखाई देती है.