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नहीं रुक रही सागौन की तस्करी, बैरक बना शो-पीस - bijapur news

सागौन की लकड़ियों की हो रही तस्करी को लेकर वन विभाग ने इसे रोकने के लिए बैरक बनाया है ताकि तस्करों को रोका जा सके.

सागौन तस्करी
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Published : Oct 12, 2019, 7:59 AM IST

Updated : Oct 12, 2019, 2:55 PM IST

बीजापुर : वन विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां तस्करों की ओर से बेधड़क बेसकीमती सागौन की लकड़ियों की तस्करी की जा रही है. तस्कर इंद्रावती और गोदावरी नदी के माध्यम से लकड़ियों की तस्करी कर रहे हैं. इन्हें रोकने के लिए वन विभाग ने बैरक बनाया है फिर भी तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है.

नहीं रुक रही सागौन की तस्करी

दरअसल, जिले में वन विभाग लगातार हो रही बेसकीमती सागौन की तस्करी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है. जिले के अंतिम छोर पर महाराष्ट्र और तेलंगाना की सीमा से लगे भोपालपट्टनम वन परिक्षेत्र नक्सल प्रभावित होने के कारण अन्तर्राज्यीय लकड़ी तस्करी गिरोह की ओर से यहां इन्द्रावती और गोदावरी नदी के माध्यम से बहुमूल्य सागौन की तस्करी को बेखौफ अंजाम देते रहे हैं. वहीं पड़ोसी राज्य तक भी लकड़ियों की तस्करी आसानी से करते रहे हैं. वन विभाग इन पर लगाम लगाने में असफल नजर आ रहा है.

महाराष्ट्र सीमा से जुड़ने वाले तिमेड के पास बना इंद्रावती पुल में पास एक बैरक और दूसरा भोपालपट्टनम ब्लॉक के अंतिम छोर तरलागुड़ा, जो तेलंगाना से जोड़ता है. इस जगह पर एक बैरक बनाया गया है ताकि तस्करों को रोका जा सके.

ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी अपने मुख्यालय में नहीं रहते, जिसकी वजह से तस्करी पर लगाम लगाना मुश्किल है.

बीजापुर : वन विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां तस्करों की ओर से बेधड़क बेसकीमती सागौन की लकड़ियों की तस्करी की जा रही है. तस्कर इंद्रावती और गोदावरी नदी के माध्यम से लकड़ियों की तस्करी कर रहे हैं. इन्हें रोकने के लिए वन विभाग ने बैरक बनाया है फिर भी तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है.

नहीं रुक रही सागौन की तस्करी

दरअसल, जिले में वन विभाग लगातार हो रही बेसकीमती सागौन की तस्करी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है. जिले के अंतिम छोर पर महाराष्ट्र और तेलंगाना की सीमा से लगे भोपालपट्टनम वन परिक्षेत्र नक्सल प्रभावित होने के कारण अन्तर्राज्यीय लकड़ी तस्करी गिरोह की ओर से यहां इन्द्रावती और गोदावरी नदी के माध्यम से बहुमूल्य सागौन की तस्करी को बेखौफ अंजाम देते रहे हैं. वहीं पड़ोसी राज्य तक भी लकड़ियों की तस्करी आसानी से करते रहे हैं. वन विभाग इन पर लगाम लगाने में असफल नजर आ रहा है.

महाराष्ट्र सीमा से जुड़ने वाले तिमेड के पास बना इंद्रावती पुल में पास एक बैरक और दूसरा भोपालपट्टनम ब्लॉक के अंतिम छोर तरलागुड़ा, जो तेलंगाना से जोड़ता है. इस जगह पर एक बैरक बनाया गया है ताकि तस्करों को रोका जा सके.

ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी अपने मुख्यालय में नहीं रहते, जिसकी वजह से तस्करी पर लगाम लगाना मुश्किल है.

Intro:जिले में वन विभाग लगातार हो रही बेसकीमती सागौन लकड़ी की तस्करी को लेकर हमेशा सुर्खिYYYGGगGया बटोर।जिले के अंतिम छोर पर महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य की सीमा से लगे भोपालपटनम वन परिक्षेत्र नक्सल प्रभावित होने के कारण अन्तर्राज्जीय लकड़ी तस्करी गिरोह द्वारा यंहा से बहने वाली नदी इन्द्रावती औऱ गोदावरी के माध्य्म से बहुमूल्य सागौन की तस्करी को बेखौप अंजाम देते रहे और पड़ोसी राज्य तक आसानी से पहुंचा रहे थे।वही वन विभाग इन तस्करो पर लगाम लगाने में असफल नजर आई।अब इस क्षेत्र के अंतिम छोर पर दो बैरक बनाया गया चुकी इंद्रावती पुल बनने से वाहनों में तस्करी करने का प्रयास करेंगे तस्करी।


Body:महाराष्ट्र सीमा से जुड़ने वाले तिमेड के पास बना इंद्रावती पुल में पास एक बैरक और दूसरा भोपालपटनम ब्लॉक के अंतिम छोर तरलागुड़ा जो तेलंगाना से जोड़ता है वह एक बैरक लगाया गया ।


Conclusion:ग्रामीणों की माने वन विभाग के अधिकारी अपने मुख्यालय में नहीं रहते जिसकी वजह से तस्करी पर लगाम लगाना मुश्किल सा नजर आ रहा है वही ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है

बाईट - अफजल खान ...नगर वासी भोपालपटनम
बाईट - लिंगय्या....ग्रामवासी तिमेड
बाईट - पुष्पेंद्र सिंग...वनपरिक्षेत्र अधिकारी, भोपालपटनम
Last Updated : Oct 12, 2019, 2:55 PM IST
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