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वाह रे प्रशासन! जब जरूरत पड़ी तो याद आए बापू, फिर कर दिया कमरे में 'कैद'

नगर पंचायत के उदासीन रवैए के कारण हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर 'महात्मा' को याद कर फिर बिसरा दिया जाता है.

महातमा गांधी की पूजा करते लोग
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Published : Oct 3, 2019, 11:07 AM IST

Updated : Oct 4, 2019, 8:09 AM IST

बीजापुर : एक तरफ 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर जहां पूरे देश-प्रदेश में महात्मा गाधी को याद किया गया. 'स्वच्छता दूत' के स्वच्छता अभियान समेत कई कार्यों का स्मरण कर बापू को नमन किया गया. उनके कृतित्व और व्यक्तित्व को आत्मसात करने का निर्णय लिया गया. वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत के उदासीन रवैए के कारण हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर 'महात्मा' को याद कर फिर बिसरा दिया जाता है.

बापू की प्रतिमा

उनकी प्रतिमा को फिर वापस कमरे में रखकर कैद कर दिया जाता है. बीते दिनों भी यही नजारा देखने को मिला. नगर पंचायत के कर्मचारियों ने प्रतिमा बाहर निकालकर साफ-सफाई की. जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी में गांधी को स्मरण किया गया. जब कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम होते हैं तब प्रतिमा को बाहर निकालकर बापू की पूजा की जाती है फिर प्रतिमा को वापस कमरे में रख दिया जाता है. 'महात्मा' की प्रतिमा के साथ ऐसा हाल विचारणीय प्रश्न है. गांधी की प्रतिमा को चौराहे से हटाने के दो साल बाद भी नगर पंचायत या किसी जनप्रतिनिधि दूसरे जगह स्थापित करवाने की सुध नहीं ली है.

गांधी प्रतिमा
गांधी प्रतिमा

सड़क निर्माण के दौरान बीच सड़क में आ रही थी प्रतिमा
बताया जाता है कि सड़क निर्माण के दौरान प्रतिमा बीच सड़क में आ रही थी, तब वहां से उसे हटा दिया गया. दो साल पहले जिले के भोपालपटनम में मुख्य चौराहे पर स्थापित गांधी की प्रतिमा की पूजा-अर्चना होती थी. दो अक्टूबर और राष्ट्रीय कार्यक्रमों में बापू को माल्यार्पण कर याद किया जाता था. इस चौराहे का नाम भी गांधी चौक किया गया था.

नगर पंचायत अधिकारी का टालमटोल जवाब
मामले में जब नगर पंचायत अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने टालमटोल जवाब देते हुए कहा कि उस प्रतिमा को नगर पंचायात में लगवाएंगे और गांधी चौक के लिए बड़ी प्रतिमा लाएंगे.

बीजापुर : एक तरफ 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर जहां पूरे देश-प्रदेश में महात्मा गाधी को याद किया गया. 'स्वच्छता दूत' के स्वच्छता अभियान समेत कई कार्यों का स्मरण कर बापू को नमन किया गया. उनके कृतित्व और व्यक्तित्व को आत्मसात करने का निर्णय लिया गया. वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत के उदासीन रवैए के कारण हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर 'महात्मा' को याद कर फिर बिसरा दिया जाता है.

बापू की प्रतिमा

उनकी प्रतिमा को फिर वापस कमरे में रखकर कैद कर दिया जाता है. बीते दिनों भी यही नजारा देखने को मिला. नगर पंचायत के कर्मचारियों ने प्रतिमा बाहर निकालकर साफ-सफाई की. जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी में गांधी को स्मरण किया गया. जब कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम होते हैं तब प्रतिमा को बाहर निकालकर बापू की पूजा की जाती है फिर प्रतिमा को वापस कमरे में रख दिया जाता है. 'महात्मा' की प्रतिमा के साथ ऐसा हाल विचारणीय प्रश्न है. गांधी की प्रतिमा को चौराहे से हटाने के दो साल बाद भी नगर पंचायत या किसी जनप्रतिनिधि दूसरे जगह स्थापित करवाने की सुध नहीं ली है.

गांधी प्रतिमा
गांधी प्रतिमा

सड़क निर्माण के दौरान बीच सड़क में आ रही थी प्रतिमा
बताया जाता है कि सड़क निर्माण के दौरान प्रतिमा बीच सड़क में आ रही थी, तब वहां से उसे हटा दिया गया. दो साल पहले जिले के भोपालपटनम में मुख्य चौराहे पर स्थापित गांधी की प्रतिमा की पूजा-अर्चना होती थी. दो अक्टूबर और राष्ट्रीय कार्यक्रमों में बापू को माल्यार्पण कर याद किया जाता था. इस चौराहे का नाम भी गांधी चौक किया गया था.

नगर पंचायत अधिकारी का टालमटोल जवाब
मामले में जब नगर पंचायत अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने टालमटोल जवाब देते हुए कहा कि उस प्रतिमा को नगर पंचायात में लगवाएंगे और गांधी चौक के लिए बड़ी प्रतिमा लाएंगे.

Intro:बीजापुर - जिले के भोपालपटनम में कई सालो से नगर के मुख्य चौराहे पर स्थापित गांधी जी की प्रतिमा की पूज परख हो रही थी। 2अक्टुम्बर, व् राष्ट्रीय कार्यक्रमों में बापू जी को माल्यार्पण किया जाता था इस चौराहे का नाम भी गांधी चौक दिया गया था अब उस चौराहे पर गांधी जी नहीं रहे। दो साल पहले सड़क निर्माण कार्य मे गांधी जी की प्रतिमा को हटा दी गई। बापू जी की प्रतिमा अब नगरपंचायत के एक कमरे में रहती है। जब कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम आते है। बापू जी को बहार निकालकर पूजा जाता है। फिर वही कमरे में बापू को रखा जाता है।
Body:सड़क निर्माण में बीच सड़क पर आ रही थी गांधी के उस कथन का हवाला देते हुए उनकी प्रतिमा को हटाए जाने का आह्वान किया था।
भारत की आजादी में महात्मा गांधी के अतुल्य योगदान पर हर भारतीय को गर्व है। महात्मा गांधी अपने सादा-जीवन और उच्च विचारों के चलते प्यार से भारतीयों के बापू बन गए। उस महापुरुष की प्रतिमा का ऐसा हाल विचारणीय है। Conclusion:गांधी जी की प्रतिमा चौराहे से हटाने के बाद दो सालो से नगरपंचायत या जनप्रतिनिधि किसी ने दूसरे जगह विस्थापित करवाने की सुध नहीं ली है।ऐसा ही नजारा आज भी देखा गया। नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा प्रतिमा बाहर निकाली गई और झाड़-पोंछ के बाद जनप्रतिनिधियों और अधिकारी-कर्मचारियों की मौजूदगी में गांधी जी का स्मरण किया गया एक तरफ स्वच्छता अभियान समेत कई कार्यक्रम आयोजित कर बापू को याद किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत के उदासीन रवैये के कारण बापू की प्रतिमा बिसरा दी गई है।
वही नगर पंचायत अधिकारी टालमटोल जवाब देते हुए कहा कि उस प्रतिमा को नगर पंचायात में लगाएंगे और गांधी चौक के लिए बड़ी प्रतिमा लाएंगे कह कर पलल्ला झाड़ दिया ।

बाईट सुशील..नगर पंचायत cmo
Last Updated : Oct 4, 2019, 8:09 AM IST
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