बीजापुर : बीजापुर जिले के सुदूर अंचल सुकमा बॉर्डर सिलगेर पर दो साल पहले आदिवासियों पर गोलियां बरसाई गई थी.आदिवासी बिना ग्राम सभा की अनुमति के पुलिस कैंप खोलने का विरोध कर रहे थे. विरोध इतना बढ़ा कि पुलिस ने आदिवासियों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. जिसमें चार आदिवासियों की मौके पर ही मौत हो गई थी. तब से लेकर आज तक सिलगेर के ग्रामीण न्यायिक जांच और मुअवजा को लेकर धरने पर बैठे हैं.
मृतकों को दी गई श्रद्धांजलि : इस घटना को आज दो साल पूरे हो गए हैं. दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ग्रामीण फायरिंग में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देते हुए बरसी मना रहे हैं. जिसमें मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने सीपीआई के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम, जिला सचिव कमलेश झाड़ी, रमा सोढ़ी सहित कई सीपीआई कार्यकर्ता सिलगेर पहुंचे. वहीं सीपीआई के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने सिलगेर की भूमि से जमकर दहाड़ लगाई. मनीष कुंजाम ने मौजूदा कांग्रेस की सरकार और पूर्व की बीजेपी सरकार को आदिवासी विरोधी बताया. मनीष कुंजाम ने कहा कि दोनों ही यहां के आदिवासियों को जल, जंगल,जमीन से बेदखल करके खनिज संसाधानों को पूंजीपतियों के हवाले करना चाहते हैं.
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बीजेपी और कांग्रेस पर गंभीर आरोप : मनीष कुंजाम के मुताबिक ''कांग्रेस और बीजेपी आदिवासी हितैषी हो ही नहीं सकते. बस्तर जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में टाटा, एस्सार, अडानी, जैसे कंपनियों को लाने में बीजेपी कांग्रेस का हमेशा से गठजोड़ रहा है. सलवा जुडुम जैसे जनविरोधी दमनकारी पूंजीवादी परस्त आंदोलन को भी बीजेपी कांग्रेस ने ही मिलकर चलाया है. हमने इनकी षडयंत्रकारी नीतियों के खिलाफ डटकर संघर्ष किया है. जीत भी हासिल की है.'' आदिवासियों की माने को सिलगेर की लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक दोषियों को सजा और उन्हें न्याय नहीं मिल जाता.आदिवासियों के हिस्से में सिर्फ संघर्ष है. वे अपनी अस्मिता और जल जंगल जमीन संस्कृति को बचाए रखने के लिए संवैधानिक लड़ाई लड़ते रहेंगे.