बीजापुर: छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र व तेलंगाना की सरहद पर बसा बीजापुर जिला साल 2007 में अस्तित्व में आया. उस दौरान छत्तीसगढ़ में भाजपा का सरकार थी. लेकिन विधायक कांग्रेस पार्टी के थे. 2008 में समीकरण बदला. भाजपा के दो बार के विधायक रहे. वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है. विधायक भी कांग्रेस के ही है. अब देखना होगा कि इस क्षेत्र की कुर्सी 2023 के चुनाव में कांग्रेस बचा पाती है या नहीं.
बीजापुर जिले की एकलौती विधानसभा सीट बीजापुर है. जो 39 हजार वर्ग फीट में फैला हुई है. इस क्षेत्र की जनसंख्या लगभग 2 लाख 55 हजार है. जिसमें महिला की जनसंख्या 1 लाख 26 हजार और पुरुष की जनसंख्या 1 लाख 28 हजार है. जिले में चार ब्लाक भैरमगढ़,उसूर,भोपालपटनम और बीजापुर है. इन चारों ब्लाक के 169 पंचायत है. जिसमें बीजापुर ब्लॉक में 36, भैरमगढ़ के 59, भोपालपटनम 35 व उसुर 39 ग्राम पंचायत है. बीजापुर नगर पालिका और भैरमगढ़ व भोपालपटनम नगर पंचायत क्षेत्र भी है. बीजापुर विधानसभा अनुसुचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा क्षेत्र के साल 2022 के मतदाता सूची के अनुसार 1 लाख 62 हजार 488 मतदाता है. जिसमें क्रमशः महिला 84494 और पुरुष 77986 हैं.
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बीजापुर का सियासी सफर: इस विधानसभा क्षेत्र में 2018 में 245 पोलिंग स्टेशन बनाए गए. सबसे ज्यादा मतदान केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में हैं. जिससे 223 और शहरी क्षेत्र में 22 मतदान केंद्र. साल 2003 से 2008 तक राजेन्द्र पामभोई विधायक थे. 2008 से 2018 तक महेश गागड़ा विधायक रहे. 2013 में भाजपा सरकार में वनमंत्री भी बने. 2018 के चुनाव में विक्रम शाह मंडावी विधायक चुने गए जो कि 2023 तक बने रहेंगे.