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उम्मीद है नक्सलियों की ये अपील असर न करे, एक बार फिर बुलेट को हराए बैलेट

लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही नक्सलियों ने अपनी नाट्य चेतना मंडली द्वारा आदिवासियों को वोट न देने के लिए भ्रमित करना शुरू कर दिया है.

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Published : Apr 5, 2019, 1:05 PM IST

बीजापुर: लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही नक्सलियों ने अपनी नाट्य चेतना मंडली द्वारा आदिवासियों को वोट न देने के लिए भ्रमित करना शुरू कर दिया है. शत-प्रतिशत मतदान के लिए चुनाव आयोग तरह-तरह के आयोजन कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर नक्सली ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों के बीच चुनाव बहिष्कार का फरमान जारी कर रहे हैं. बीजापुर में नक्सलियों ने ग्रामीणों की बैठक लेकर उनसे चुनाव में हिस्सा न लेने की अपील की है.

एक तरफ जहां चुनाव आयोग मतदातों को मतदान के प्रति जागरूक करने हाट बाजारों और ग्रामीण इलाकों में तरह-तरह के आयोजन कर रहा है. वहीं दूसरी ओर नक्सली अपने जनचेतना नाट्य मंडली के माध्यम से गांव में कार्यक्रम कर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का फरमान जारी कर रहे हैं.

मतदान न करने की अपील की
बीजापुर में नक्सली ने सैकड़ों ग्रामीणों को जमा कर बैठक ली और चुनाव बहिष्कार का फरमान जारी करते हुए ग्रामीणों को मतदान का हिस्सा न बनने की अपील की. इसके साथ ही नक्सली ग्रामीणों को अपने जनचेतना नाट्य मंडली के माध्यम से चुनाव और मतदान से दूर रहने की हिदायत दे रहे हैं.

सरकार पर लगाए आरोप
नक्सलियों का मानना है कि पार्टियां लोक लुभावन वादे कर चुनाव जीत लेती है. लेकिन जीत के बाद वे आदिवासियों और पिछड़े इलाकों के विकास को भूल जाती हैं. नक्सली नेता ने कहा कि नक्सलियों के नाम पर निर्दोष आदिवासियों की हत्या की जाती है और उन्हें फर्जी मामलों में जेल भेज दिया जाता है.

विधानसभा चुनाव में लोगों ने बैलेट से दिया था जवाब
बता दें कि चुनाव आयोग की तरह ही नक्सली भी इस समय अपने आधार इलाको में जनचेतना नाट्य मंडली बनाकर चुनाव बहिष्कार के कार्यक्रम कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव में भी नक्सलियों ने लोगों के मन में भय पैदा करने की कोशिश की थी लेकिन बुलेट पर बैलेट भारी रहा. उम्मीद है कि इस बार भी अपने लोकतंत्र की जीत होगी और आतंक की हार.

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बीजापुर: लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही नक्सलियों ने अपनी नाट्य चेतना मंडली द्वारा आदिवासियों को वोट न देने के लिए भ्रमित करना शुरू कर दिया है. शत-प्रतिशत मतदान के लिए चुनाव आयोग तरह-तरह के आयोजन कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर नक्सली ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों के बीच चुनाव बहिष्कार का फरमान जारी कर रहे हैं. बीजापुर में नक्सलियों ने ग्रामीणों की बैठक लेकर उनसे चुनाव में हिस्सा न लेने की अपील की है.

एक तरफ जहां चुनाव आयोग मतदातों को मतदान के प्रति जागरूक करने हाट बाजारों और ग्रामीण इलाकों में तरह-तरह के आयोजन कर रहा है. वहीं दूसरी ओर नक्सली अपने जनचेतना नाट्य मंडली के माध्यम से गांव में कार्यक्रम कर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का फरमान जारी कर रहे हैं.

मतदान न करने की अपील की
बीजापुर में नक्सली ने सैकड़ों ग्रामीणों को जमा कर बैठक ली और चुनाव बहिष्कार का फरमान जारी करते हुए ग्रामीणों को मतदान का हिस्सा न बनने की अपील की. इसके साथ ही नक्सली ग्रामीणों को अपने जनचेतना नाट्य मंडली के माध्यम से चुनाव और मतदान से दूर रहने की हिदायत दे रहे हैं.

सरकार पर लगाए आरोप
नक्सलियों का मानना है कि पार्टियां लोक लुभावन वादे कर चुनाव जीत लेती है. लेकिन जीत के बाद वे आदिवासियों और पिछड़े इलाकों के विकास को भूल जाती हैं. नक्सली नेता ने कहा कि नक्सलियों के नाम पर निर्दोष आदिवासियों की हत्या की जाती है और उन्हें फर्जी मामलों में जेल भेज दिया जाता है.

विधानसभा चुनाव में लोगों ने बैलेट से दिया था जवाब
बता दें कि चुनाव आयोग की तरह ही नक्सली भी इस समय अपने आधार इलाको में जनचेतना नाट्य मंडली बनाकर चुनाव बहिष्कार के कार्यक्रम कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव में भी नक्सलियों ने लोगों के मन में भय पैदा करने की कोशिश की थी लेकिन बुलेट पर बैलेट भारी रहा. उम्मीद है कि इस बार भी अपने लोकतंत्र की जीत होगी और आतंक की हार.

Intro:बीजापुर:--लोकसभा चुनाव के करीब आते ही एक तरफ जहा चुनाव आयोग मतदातों को मतदान के प्रति जागरूक करने हाट बाजारों और ग्रामीण इलाकों में तरह तरह के आयोजन कर रहा है वही दूसरी ओर माओवादी भी अपने जनचेतना नाट्य मंडली के माध्यम से गांव में गांव में कार्यक्रम कर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का फरमान जारी कर रहे है,ऐसा ही एक नजारा बीजापुर में नक्सलियों के आधार इलाके में देखा गया है जहाँ माओवादी सैकड़ो ग्रामीणों को जमा कर बैठक लेकर चुनाव बहिष्कार का फरमान जारी करते हुए ग्रामीणों को मतदान का हिस्सा न बनने की अपील कर रहे थे,साथ ही ग्रामीणों को अपने जनचेतना नाट्य मंडली के माध्यम से चुनाव और मतदान से दूर रहने की हिदायत दे रहे है,माओवादी नेताओ का मानना है कि सरकार लोक लुभावन वादे कर चुनाव तो जीत लेती है पर जीत के बाद वह आदिवासियों और पिछड़े इलाकों के विकास को भूल जाती है यही नही बल्कि सरकार में आते ही आदिवासियों का शोषण शुरू कर दिया जाता है,माओवादियों के नाम पर निर्दोष आदिवासियों की हत्या की जाती है और उन्हें फर्जी मामलो में जेल भेज दिया जाता है इसीलिए वे चुनाव का हिस्सा न बनकर उसका बहिष्कार कर रहे है,बता दे कि चुनाव आयोग की तरह ही माओवादी भी इस समय अपने आधार इलाको में जनचेतना नाट्य मंडली को आधार बनाकर चुनाव बहिष्कार के कार्यक्रम कर रहे है यही नही बल्कि माओवादियों के इस कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण भी बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे है।

बाइट-महिला माओवादी नेता शर्मिला

हिंदी अनुवाद:-- चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों से वादा किया था कि वे चुनाव जीतने के बाद फर्जी मामलो में जेल में बंद सभी आदिवासियों को रिहा करवाएंगे,बस्तर में तैनात शुरक्षा बल के सभी जवानों और स्थापित कैम्पों को हटाए जाएंगे पर एक भी वादा भूपेश सरकार द्वारा पूरा नही किया गया इसीलिए वे गांव गांव में चुनाव का बहिष्कार कर रहे है।


Body:बीजापुर


Conclusion:अब देखना यह है कि नक्सली दबाव के बीच आदिवासियों का एक बड़ा तबका आखिर कैसे अपने मताधिकार का प्रयोग कर पायेगा?
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