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बीजापुर में नक्सलियों ने फेंके पर्चे, भूमकाल दिवस मनाने का किया ऐलान - भोपालपट्टनम में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया

नक्सलियों ने बीजापुर में पर्चे फेंककर भूमकाल दिवस मनाने का ऐलान किया है. नक्सलियों की इस करतूत के बाद इलाके में दहशत का माहौल है.

Naxalites threw pamphlets in Bijapur
बीजापुर में नक्सलियों ने फेंके पर्चे
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Published : Feb 9, 2022, 5:02 PM IST

बीजापुर: जिले में नक्सली वारदात लगातार बढ़ती जा रही है. मंगलवार को भोपालपट्टनम में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया था. उसके बाद अब नक्सलियों ने भूमकाल दिवस मनाने को लेकर पर्चा जारी किया है. भोपालटन्नम और मद्देड़ के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 63 पर नक्सलियों ने भूमकाल दिवस से जुड़े पर्चे फेंके हैं. यह इलाका पेगडापल्ली से लेकर रुद्राम के बीच का है. नक्सलियों द्धारा पर्चे फेंकने की सूचना पुलिस को मिली. जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पर्चे को उठाया.

नक्सलियों की तरफ से पर्चा फेंके जाने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. सड़क पर गाड़ियों की आवाजाही कम हो गई है. भोपालपटनम से बीजापुर तक और गंगालूर से बीजापुर तक आवागमन चालू है. लेकिन लोगों में दहशत का माहौल देखा जा रहा है. जिले में तेजी से सर्चिंग अभियान चालू कर दिया गया है. हालांकि जिले में यात्री बसें भी यथावत चालू है और आवागमन सुचारू रूप से जारी है.माओवादियों द्वारा फेंके गए बैनर पोस्टर को पुलिस की टीम ने रास्ते से निकाल दिया है. नक्सलियों ने पर्चे फेंककर भूमकाल दिवस मनाने का ऐलान किया है

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क्या है भूमकाल आंदोलन

बस्तर में भूमकाल आंदोलन सन् 1909 में शुरू हुआ था. यह आंदोलन आदिवासियों के स्वाभिमान, आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन तथा आदिवासियों की स्वतंत्रता से जुड़ा था. इस आंदोलन के जरिए आदिवासियों ने अंग्रेजों से लोहा लिया था और चुनौती दी थी. भूमकाल क्रांति के महानायक अमर शहीद गुंडाधुर ने आजादी के 37 साल पहले सन 1910 में बस्तर जैसे वनांचल क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका था. अमर शहीद गुंडाधुर ने आदिवासी एकता को जोड़ने का काम किया था

बीजापुर: जिले में नक्सली वारदात लगातार बढ़ती जा रही है. मंगलवार को भोपालपट्टनम में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया था. उसके बाद अब नक्सलियों ने भूमकाल दिवस मनाने को लेकर पर्चा जारी किया है. भोपालटन्नम और मद्देड़ के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 63 पर नक्सलियों ने भूमकाल दिवस से जुड़े पर्चे फेंके हैं. यह इलाका पेगडापल्ली से लेकर रुद्राम के बीच का है. नक्सलियों द्धारा पर्चे फेंकने की सूचना पुलिस को मिली. जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पर्चे को उठाया.

नक्सलियों की तरफ से पर्चा फेंके जाने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. सड़क पर गाड़ियों की आवाजाही कम हो गई है. भोपालपटनम से बीजापुर तक और गंगालूर से बीजापुर तक आवागमन चालू है. लेकिन लोगों में दहशत का माहौल देखा जा रहा है. जिले में तेजी से सर्चिंग अभियान चालू कर दिया गया है. हालांकि जिले में यात्री बसें भी यथावत चालू है और आवागमन सुचारू रूप से जारी है.माओवादियों द्वारा फेंके गए बैनर पोस्टर को पुलिस की टीम ने रास्ते से निकाल दिया है. नक्सलियों ने पर्चे फेंककर भूमकाल दिवस मनाने का ऐलान किया है

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क्या है भूमकाल आंदोलन

बस्तर में भूमकाल आंदोलन सन् 1909 में शुरू हुआ था. यह आंदोलन आदिवासियों के स्वाभिमान, आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन तथा आदिवासियों की स्वतंत्रता से जुड़ा था. इस आंदोलन के जरिए आदिवासियों ने अंग्रेजों से लोहा लिया था और चुनौती दी थी. भूमकाल क्रांति के महानायक अमर शहीद गुंडाधुर ने आजादी के 37 साल पहले सन 1910 में बस्तर जैसे वनांचल क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका था. अमर शहीद गुंडाधुर ने आदिवासी एकता को जोड़ने का काम किया था

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