बीजापुर : भैरमगढ़ ब्लॉक में चिकित्सा सेवा देने के लिए धुर नक्सल क्षेत्र में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में फंस गई (Naxalites captured boat of medical team) है. बताया जा रहा है कि टीम नदी के पार जिस वोट से गई थी उसे नक्सलियों ने अपने कब्जे में ले लिया है. जिसके बाद पूरा स्टाफ नदी के किनारे गांव में फंस गया है. जिसकी वजह से टीम को लौटने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही (Bhairamgarh of bijapur ) है. मेडिकल स्टाफ समेत 25 स्टाफ इंद्रावती नदी पार फंसे हुए हैं. 2 सरपंच, एक बीएमओ, एक सीएमएचओ समेत 19 स्टाफ नदी उस पार फंसे हैं.अनहोनी की आशंका से स्टाफ के लोग सहमे हैं.पुलिस ने कहा कि '' विकास विरोधी नक्सलियों ने जन सुविधा के लिए उपलब्ध कराये गए मोटर बोट को उस पार नदीघाट से बलपूर्वक उठाकर लिया है. लेकिन टीम को सुरक्षित लाया जा रहा है.'' Naxalite incident in Bijapur
क्यों गई थी टीम : जिले के भैरमगढ़ ब्लाक सुदूर एवं धुर नक्सली क्षेत्र के नाम से विख्यात नदी उस पार के गांवों में अज्ञात बीमारी से 39 लोगों की मौत की खबर मीडिया में लगातार प्रसारित हुई थी. जिस पर 23 सितम्बर को 20 स्वास्थ्य कार्यकर्ता और चिकित्सकिय टीम 14 किलोमीटर पैदल चलकर सुदूर क्षेत्रों में पहुंची. जहां जिस पर प्रशासन ने ऐसी किसी भी बीमारी से मौत की पुष्टि नही की है. अभी भी कुछ रिपोर्ट आना बाकी है. स्वास्थ्य अमला अभी भी गांव में हैं. विधायक विक्रम शाह मंडावी, कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा एवं एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने वास्तविक स्थिति को जानने सुदूर नक्सली क्षेत्रों में मोटर साईकिल के माध्यम से इन्द्रावती नदी किनारे गांव उस पार पहुंचे. जो ग्राम पंचायत ईतामपारा का एक गांव है.
क्या था प्रशासन का कहना : गांव में फंसे स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि '' किसी भी प्रकार की अज्ञात बीमारी से लोगों की मृत्यु नहीं हुई एक व्यक्ति की मृत्यु 5 अगस्त को सांप काटने से हुई, 19 जून को एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर अपनी जान दी. वहीं एक 70 वर्षीय वृद्ध 16 सितम्बर को बेडपल्ली दो प्राकृतिक मृत्यु हुई, 40 वर्षीय एक व्यक्ति को अन्य बीमारी के कारण मृत्यु हुई जो 22 सितम्बर को हुई. वहीं लंबी बीमारी एवं पेट दर्द के कारण दो लोगों की मृत्यु 16 एवं 17 सितम्बर को हुई है. 16 सितम्बर को ही एक वृद्ध की प्राकृतिक मृत्यु हुई. इसी तरह ग्राम बैल में टीबी एवं आत्महत्या से विगत दो माह में तीन मौत हुई है. मर्रामेटा में कुल दो मौत हुई जिसमें केवल एक व्यक्ति के शरीर में सूजन देखा गया है.इसी तरह बीमारी, आत्महत्या एवं प्राकृतिक मौतें हुई. लेकिन अज्ञात बीमारी से 39 लोगों की मौत की पुष्टि नहीं हुई. अभी कुछ और रिपोर्ट आना शेष है. जिससे स्थिति पूर्ण रूप से स्पष्ट हो पाएगी.
जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य अमला द्वारा लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में अस्थायी कैम्प लगाकर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही है. किसी भी प्रकार के संक्रामक एवं मौसमी बीमारी को मद्देनजर रखते हुए तत्परता से सुदूर एवं दूरस्थ अंचलों में दूर पैदल चलकर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है. इस टीम के लौटने के बाद जानकारी मिल पाएगी.