बीजापुर: नक्सल विरोधी अभियान के तहत पामेड़ और उसूर एरिया कमेटी की सप्लाई टीम के सदस्य आयतु सोढ़ी उर्फ रमेश ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया है. बता दें,आयतु सोढ़ी ने नक्सलियों की खोखली विचारधारा और उनके ओर से किए जा रहे अत्याचार से तंग आकर आत्मसमर्पण किया है.
नक्सली संगठन में कार्य का विवरण
जून 2011 में नक्सली संगठन में भर्ती होकर मिलिशिया सदस्य (आरपीसी कमलापुर अन्तर्गत) के पद पर वर्ष 2017 तक सक्रिय रूप से काम किया.
वर्ष 2018 से पामेड़/उसूर एरिया कमेटी में सप्लाई टीम के सदस्य के रूप में मई 2020 तक काम किया.
वर्ष 2012 में ग्राम लिंगापुर -भूसापुर के बीच जंगल में नक्सली विज्जा एवं राजू से ट्रेनिंग प्राप्त किया.
वर्ष 2019 में मनीला डीव्हीसीएम के कहने और 10 लाख रुपये देने पर हैदराबाद से वायरलेस
सेट, कपड़ा, बिजली समान और अन्य विस्फोटक सामग्री लाकर दी.
जनवरी 2020 में एरिया कमेटी सदस्य रमेश के कहने और 5 लाख रुपए देने पर हैदराबाद से दवाई, टेबलेट, वायरलेस सेट बिजली वायर, कपड़ा और दैनिक उपयोगी समान लाकर दिया.
संगठन में कार्य करते समय 12 बोर की बन्दूक रखता था.
इन महत्वपूर्ण घटनाओं को दिया था अंजाम
वर्ष 2016 में ग्राम पाउरगुड़ा में नक्सलियों की ओर से पुलिस पार्टी पर किए गए हमले में शामिल था, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में चार नक्सली मारे गए थे. आयतु इस घटना में भी शामिल था.
वर्ष 2016 में ग्राम लिंगापुर जंगल में पुलिस पार्टी पर नक्सली हमला हुआ था, मुठभेड़ के दौरान नक्सली कमांडर भूसका को गोली लगी था,इस घटना में भी आयतु शामिल था.
वर्ष 2018 में ग्राम उसूर के पास गलगम जाने वाले रास्ते पर टिफिन बम लगाने की घटना में शामिल था.
वर्ष 2018 में थाना बासागुडा के ग्राम आउटपल्ली के जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 1 पुलिस जवान शहीद हुआ था, आयतु इस घटना में भी शामिल था.
10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देती है सरकार
बता दें, कि नक्सलियों की ओर से आत्मसमर्पण करने पर उसका मनोबल बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से पुनर्वास नीति के तहत 10 हजार रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि दी जाती है.