बीजापुर: जिले के मद्देड़, भोपालपट्नम आवापल्ली समेत कई गांवों में बैकुंठ चतुर्दशी मनाई गई. रात के वक्त भक्तों ने पूजा अर्चना कर दीप प्रज्जवलित किए.
बैकुंठ चतुर्दशी के दिन बैकुंठ के 12 द्वार खुले रहते हैं. ऐसी मान्यता है की भगवान विष्णु जी ने शिवजी का पूजन कर बैकुंठ दीप जलाया था. कमलनयन विष्णु भगवान ने एक बार एक अनुष्ठान (यज्ञ) किया, जिसमें उन्होंने भगवान शिव को स्वर्ण कमल अर्पित करने का वचन किया. उन्होंने आंखें निकालकर भगवान शिव को अर्पित कर दी. जिस दिन विष्णु भगवान ने ऐसा किया उस दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी थी.