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बैकुंठ चतुर्दशीः पूजा-अर्चना कर जलाए गए दीप

बीजापुर के मद्देड, भोभोपालपट्नम आवापल्ली समेत कई गांवों में बैकुंठ चतुर्दशी मनाई गई. रात के वक्त भक्तों ने पूजा अर्चना कर दीप प्रज्जवलित किया.

बैकुंठ चतुर्दशी पर बैकुंठ प्राप्ती के लिए हुआ दीप प्रज्वलित
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Published : Nov 11, 2019, 10:22 AM IST

Updated : Nov 11, 2019, 2:21 PM IST

बीजापुर: जिले के मद्देड़, भोपालपट्नम आवापल्ली समेत कई गांवों में बैकुंठ चतुर्दशी मनाई गई. रात के वक्त भक्तों ने पूजा अर्चना कर दीप प्रज्जवलित किए.

बैकुंठ चतुर्दशी पर बैकुंठ प्राप्ती के लिए हुआ दीप प्रज्वलित

बैकुंठ चतुर्दशी के दिन बैकुंठ के 12 द्वार खुले रहते हैं. ऐसी मान्यता है की भगवान विष्णु जी ने शिवजी का पूजन कर बैकुंठ दीप जलाया था. कमलनयन विष्णु भगवान ने एक बार एक अनुष्ठान (यज्ञ) किया, जिसमें उन्होंने भगवान शिव को स्वर्ण कमल अर्पित करने का वचन किया. उन्होंने आंखें निकालकर भगवान शिव को अर्पित कर दी. जिस दिन विष्णु भगवान ने ऐसा किया उस दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी थी.

बीजापुर: जिले के मद्देड़, भोपालपट्नम आवापल्ली समेत कई गांवों में बैकुंठ चतुर्दशी मनाई गई. रात के वक्त भक्तों ने पूजा अर्चना कर दीप प्रज्जवलित किए.

बैकुंठ चतुर्दशी पर बैकुंठ प्राप्ती के लिए हुआ दीप प्रज्वलित

बैकुंठ चतुर्दशी के दिन बैकुंठ के 12 द्वार खुले रहते हैं. ऐसी मान्यता है की भगवान विष्णु जी ने शिवजी का पूजन कर बैकुंठ दीप जलाया था. कमलनयन विष्णु भगवान ने एक बार एक अनुष्ठान (यज्ञ) किया, जिसमें उन्होंने भगवान शिव को स्वर्ण कमल अर्पित करने का वचन किया. उन्होंने आंखें निकालकर भगवान शिव को अर्पित कर दी. जिस दिन विष्णु भगवान ने ऐसा किया उस दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी थी.

Intro:बीजापुर जिले के मद्देड, भोपालपटनम आवापल्ली समेत कई गांवों में बैकुंठ चतुर्दशी को मानते हुए रात 12:00 बजे भक्ति में माहौल से पूजा अर्चना के बाद दीप प्रज्वलित । जिले के कई गांवों में अपनी मन्नत मांगते हुए दीप प्रज्वलित किया।


Body:वैकुंठ चतुर्दशी के दिन वैकुंठ के 12 द्वार खुले रहते हैं ऐसी मान्यता के अनुसार ग्राम मद्देड में पिछले कई वर्षों से वैकुंठ दीप मोक्ष प्राप्ति के लिये रात को 12:00 बजे प्रज्वलित करते हैं आ रहे है। जिसमें महिलाएं पुरुष बच्चे सभी शामिल रहते हैं बीती रात के भी भारी संख्या में लोग खट्टा होकर यह दीप प्रज्वलित किया।


Conclusion:भगवान विष्णु जी ने शिवजी का पूजन कर के वैकुंठ दीप जलाया विष्णु भगवान 11 कमल चढ़ा रहे थे जिसमें से एक कमल शिवजी ने छुपा लिया था शिव जी को कमल चढ़ाने के लिए जब एक कमल नहीं दिखा तो अपना नेत्र देने के लिए राजी हो गए थे इसलिए को वैकुंठ चतुर्दशी के नाम से प्रसिद्ध हुआ । बाईट पण्डित जी बाईट ... बाईट... बाईट...
Last Updated : Nov 11, 2019, 2:21 PM IST
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