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छत्तीसगढ़ में कहां हो रही दो शिफ्टों में गोबर की रखवाली ?

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Published : May 19, 2022, 6:37 PM IST

छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना ने पशुपालकों की आय बढ़ाई है. इससे महिला स्वयं सहायता समूह भी आय अर्जित कर कर रही है. कवर्धा में महिलाएं गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार कर लाखों की कमाई कर रही है. तो वहीं बीजापुर में एक किसान मंटूराम कश्यप गोबर से होने वाली आय को लेकर गोबर की रखवाली कर रहा है. छत्तीसगढ़ में गोबर अब गोधन बन गया

Impact of Godhan Nyay Yojana in Chhattisgarh
दो शिफ्टों में गोबर की रखवाली

रायपुर/बीजापुर: छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना का असर आम लोगों पर सिर चढ़कर बोल रहा है. एक ओर कवर्धा में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर धड़ल्ले से बेच रही हैं और उससे हुए आदमनी से सोने के गहने खरीद रही हैं. तो वहीं बीजापुर के कुटरू में एक किसान पति और पत्नी गोबर की रखवाली कर रहे हैं. ताकि उनके द्धारा इकट्ठा किए गए गोबर को कोई चुरा न लें. इस बात का खुलासा आज सीएम के बीजापुर दौरे के दौरान हुआ.यहां कुटरू में रहने वाले किसान मंटू राम कश्यप ने सीएम बघेल को बताया कि वह गोबर की चौकीदारी करते हैं. मंटूराम कश्यप ने गोबर की चौकीदारी की बात सीएम भूपेश बघेल से कटरू में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान कही है.

"टॉर्च जलाकर करता हूं गोबर की रखवाली": मुख्यमंत्री को मंटूराम ने बताया कि "मैं रात में टॉर्च जला कर गोबर की चौकीदारी करता हूं और इस काम मे मेरी पत्नी भी मेरा साथ देती हैं". उन्होंने बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचते हैं. मंटूराम ने बताया कि अब तक उन्होंने लगभग 14 हजार किलो गोबर करीब 28 हजार रुपये में बेचा है.

ये भी पढ़ें: नीति आयोग टीम ने छत्तीसगढ़ के विकास कार्यों को सराहा, कहा गोधन न्याय योजना शुरू करने वाला देश का पहला राज्य छत्तीसगढ़

"गोबर चोरी की घटना के बाद गोबर की रखवाली किया शुरू": मंटूराम ने यह भी कहा कि "पहले छत्तीसगढ़ में गोबर को कोई नहीं पूछता था. लेकिन अब हर किसी की नजर गोबर पर लगी रहती है. कुछ दिन पहले उनके इकठ्ठे किये गोबर को गांव के कुछ लोग उठा ले गए थे. इसके बाद उन्होंने तय किया कि पत्नी के साथ रात में गोबर की निगरानी करेंगे".

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में गोबर से 'सोना' बना रहीं महिलाएं?

पत्नी के साथ शिफ्ट में करते हैं गोबर की चौकीदारी: मंटूराम गोबर की चौकीदारी रातभर करते हैं. उनके इस काम मे उनकी पत्नी भी साथ देती हैं. वे कहते हैं कि "रातभर जागना संभव नहीं है. इसलिए वे और उनकी पत्नी दो शिफ्ट में गोबर की देखरेख करते हैं. रात में कुछ देर मैं फिर मेरी पत्नी टॉर्च लेकर गोबर की निगरानी करते हैं" .

गोबर से मिल रही आय ने मजबूर किया : मंटूराम बताते हैं कि "रात में टॉर्च लेकर वे कई बार देखने जाते हैं कि गोबर कोई ले तो नहीं गया. वे कहते हैं कि जब से गोबर की कीमत मिलने लगी है. तब से गोबर सहेजकर रखना पड़ता है . एक दिन इकट्ठा किया हुआ गोबर कुछ लोग चुपचाप उठा ले गए. इसके बाद से गोबर की निगरानी करने लगा" .

गोधन न्याय योजना से मिले रुपयों से मकान की कराई मरम्मत: मंटूराम कश्यप ने बताया कि "उनके पास 15 गाय और भैंसे हैं. अब तक गोधन न्याय योजना से गोबर बेचकर करीब 28 हजार रुपये मिले हैं. उन्होंने बताया कि उनके मकान से पानी टपकता था . जिसे बहुत दिन से रिपेयर कराना चाहते थे. गोबर बेचकर मिले पैसे से उन्होंने मकान रिपेयर करा लिया है. मकान में प्लास्टर भी करा लिया है . अब छत से पानी टपकने की समस्या भी खत्म हो गई है".

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के नाम एक और उपलब्धि, गोधन न्याय योजना को एलेट्स एनोवेशन अवॉर्ड

साल 2020 में शुरू हुई थी गोधन न्याय योजना: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने 21 जुलाई 2020 को प्रदेश में गोधन न्याय योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का उदेश्य पशुपालकों और किसानों को पशुपालन के लिए प्रेरित करना था. इसके अलावा सरकार पशुपालकों की आय इस योजना के तहत बढ़ाना चाहती थी. इसलिए इसे लॉन्च किया गया था. इस योजना के माध्यम से अब तक पशुपालकों की आय में वृद्धि हुई है. Chhattisgarh Godhan Nyay Yojana से छत्तीसगढ़ में दूध का उत्पादन बढ़ा है. पशुपालकों में पशुओं का पालन करने की तरफ रुझान बढ़ा है.

रायपुर/बीजापुर: छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना का असर आम लोगों पर सिर चढ़कर बोल रहा है. एक ओर कवर्धा में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर धड़ल्ले से बेच रही हैं और उससे हुए आदमनी से सोने के गहने खरीद रही हैं. तो वहीं बीजापुर के कुटरू में एक किसान पति और पत्नी गोबर की रखवाली कर रहे हैं. ताकि उनके द्धारा इकट्ठा किए गए गोबर को कोई चुरा न लें. इस बात का खुलासा आज सीएम के बीजापुर दौरे के दौरान हुआ.यहां कुटरू में रहने वाले किसान मंटू राम कश्यप ने सीएम बघेल को बताया कि वह गोबर की चौकीदारी करते हैं. मंटूराम कश्यप ने गोबर की चौकीदारी की बात सीएम भूपेश बघेल से कटरू में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान कही है.

"टॉर्च जलाकर करता हूं गोबर की रखवाली": मुख्यमंत्री को मंटूराम ने बताया कि "मैं रात में टॉर्च जला कर गोबर की चौकीदारी करता हूं और इस काम मे मेरी पत्नी भी मेरा साथ देती हैं". उन्होंने बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचते हैं. मंटूराम ने बताया कि अब तक उन्होंने लगभग 14 हजार किलो गोबर करीब 28 हजार रुपये में बेचा है.

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"गोबर चोरी की घटना के बाद गोबर की रखवाली किया शुरू": मंटूराम ने यह भी कहा कि "पहले छत्तीसगढ़ में गोबर को कोई नहीं पूछता था. लेकिन अब हर किसी की नजर गोबर पर लगी रहती है. कुछ दिन पहले उनके इकठ्ठे किये गोबर को गांव के कुछ लोग उठा ले गए थे. इसके बाद उन्होंने तय किया कि पत्नी के साथ रात में गोबर की निगरानी करेंगे".

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पत्नी के साथ शिफ्ट में करते हैं गोबर की चौकीदारी: मंटूराम गोबर की चौकीदारी रातभर करते हैं. उनके इस काम मे उनकी पत्नी भी साथ देती हैं. वे कहते हैं कि "रातभर जागना संभव नहीं है. इसलिए वे और उनकी पत्नी दो शिफ्ट में गोबर की देखरेख करते हैं. रात में कुछ देर मैं फिर मेरी पत्नी टॉर्च लेकर गोबर की निगरानी करते हैं" .

गोबर से मिल रही आय ने मजबूर किया : मंटूराम बताते हैं कि "रात में टॉर्च लेकर वे कई बार देखने जाते हैं कि गोबर कोई ले तो नहीं गया. वे कहते हैं कि जब से गोबर की कीमत मिलने लगी है. तब से गोबर सहेजकर रखना पड़ता है . एक दिन इकट्ठा किया हुआ गोबर कुछ लोग चुपचाप उठा ले गए. इसके बाद से गोबर की निगरानी करने लगा" .

गोधन न्याय योजना से मिले रुपयों से मकान की कराई मरम्मत: मंटूराम कश्यप ने बताया कि "उनके पास 15 गाय और भैंसे हैं. अब तक गोधन न्याय योजना से गोबर बेचकर करीब 28 हजार रुपये मिले हैं. उन्होंने बताया कि उनके मकान से पानी टपकता था . जिसे बहुत दिन से रिपेयर कराना चाहते थे. गोबर बेचकर मिले पैसे से उन्होंने मकान रिपेयर करा लिया है. मकान में प्लास्टर भी करा लिया है . अब छत से पानी टपकने की समस्या भी खत्म हो गई है".

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साल 2020 में शुरू हुई थी गोधन न्याय योजना: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने 21 जुलाई 2020 को प्रदेश में गोधन न्याय योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का उदेश्य पशुपालकों और किसानों को पशुपालन के लिए प्रेरित करना था. इसके अलावा सरकार पशुपालकों की आय इस योजना के तहत बढ़ाना चाहती थी. इसलिए इसे लॉन्च किया गया था. इस योजना के माध्यम से अब तक पशुपालकों की आय में वृद्धि हुई है. Chhattisgarh Godhan Nyay Yojana से छत्तीसगढ़ में दूध का उत्पादन बढ़ा है. पशुपालकों में पशुओं का पालन करने की तरफ रुझान बढ़ा है.

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