बीजापुर : जिस समय पूरा देश नए साल का स्वागत कर रहा था. उस समय बीजापुर के मुतवेण्डी गांव में एक मां की 6 माह की बच्ची गोली का शिकार हुई. जिस वक्त ये घटना हुई उस वक्त मां अपनी फूल सी बच्ची को दूध पिला रही थी.गोली मां की हथेली को चीरते हुए बच्ची के कोमल शरीर को भेद गई.जिसमें उसकी मौत हो गई. ये घटना मासे परिवार के लिए जीवन भर का दर्द दे गई.लेकिन इसके पीछे कौन था,उसका असली चेहरा सामने नहीं आ सका है.
पुलिस का दावा क्रास फायरिंग में मौत : घटना के फौरन बाद पुलिस ने दावा किया कि नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान क्रॉस फायरिंग में मासूम को गोली लगी. गोली भी नक्सलियों की तरफ से दागी गई थी. पुलिस के इस बयान को चंद घंटे हुए थे कि नक्सलियों की तरफ से भी बयान आ गया. जिसमें बच्ची की मौत के लिए नक्सल संगठन ने पुलिस को कसूरवार ठहराते हुए पुलिसिया दावे का खंडन कर दिया . जिस इलाके में यह घटना घटी वहां हालात खंदक जैसे हैं. समूचा इलाका नक्सलियों के प्रभाव में है, जहां सुरक्षा के सख्त पहरे में विकास का खाका खींचने की तैयारी है.
पत्रकारों ने जाननी चाही सच्चाई : आखिर किसकी गोली से छह माह की मासूम की मौत हुई? पुलिस और नक्सलियों के दावों का आखिर सच क्या है ? इन्हीं सवालों का जबाव तलाशने ईटीवी भारत ने घटना के अगले ही दिन मुतवेण्डी गांव का रूख किया.गंगालूर से बुरजी होकर मुतवेण्डी जाने का रास्ता है. मीडिया के पहुंचने पर अघोषित पाबंदी होने से एड़समेटा गांव के रास्ते पहाड़ियों, पहाड़ी नालों को लांघकर मुतवेण्डी गांव का सफर किया गया.लेकिन मुतवण्डी गांव से पहले ही हिरुमगुंडा गांव में टीम की मुलाकात मृत बच्ची के पिता बामन से हो गई.
मृत बेटी के पिता ने बयां की सच्चाई : हिरुमगुंडा गांव में मृत मासूम के पिता बामन से पत्रकारों की मुलाकात हुई. जो बीजापुर तक पहुंचे नहीं थे और वापस अपने गांव मुतवेण्डी लौट रहे थे. बामन से हमारी बातचीत यही हुई, उसने जो देखा कैमरे पर कह दिया और अपने गांव की ओर बढ़ गया. बामन ने बताया कि जवानों ने कहा था कि सड़क निर्माण किया जाना है. इसलिए सड़क निर्माण की साइट पर आकर ये बता दें कि आपकी जमीन कौन सी है और कहीं पेड़ पौधे तो सड़क की जद में तो नहीं आ रहे. इसलिए हम सब उसी तरफ जा रहे थे. तभी फायरिंग शुरू हो गई.वहीं पास ही स्थित मकान में मेरी पत्नी छह माह की बेटी को दूध पिला रही थी. तभी गोली आकर पत्नी की हाथ को घायल करते हुए बेटी को जा लगी. जिससे घटना स्थल पर उसकी मौत हो गई, अब मुझे मुआवजा नहीं बल्कि बेटी के बदले बेटी चाहिए.
अगले दिन ईटीवी की टीम पहुंची मुतवेण्डी : अंधेरा होने के कारण टीम ने हिरुमगुंडा गांव में ही रात बिताई.इसके बाद अगले दिन मुतवेण्डी गांव की ओर निकल पड़े. मुतवेण्डी गांव में घुसने के बाद कुछ घरों के बाहर केवल बच्चे खेलते-कूदते नजर आए. बाकी पूरे गांव में सन्नाटा पसरा था. ग्रामीणों की मदद से हम बामन के घर पहुंचे.जहां पता चला कि जिस जगह बच्ची को गोली लगी वो उसके बड़े भाई का घर था. घटना के वक्त मासे आंगन में चारपाई पर बैठी अपनी दुंधमूही बच्ची को दूध पिला रही थी.तभी एक गोली ने उसकी खुशियां छीन ली.
बच्ची की मां ने जवानों पर लगाए आरोप : घटना स्थल से कुछ दूरी पर सुरक्षा के बीच बच्ची का अंतिम संस्कार किया गया.इस दौरान जरूरी मजिस्टियल प्रक्रिया भी पूरी की गई.मीडिया वहां पहुंचती, इसके पहले ही जवानों ने रोक लिया.कुछ देर बाद मृत बच्ची की मां मासे और ग्रामीण लौटे. मासे से हमारी बातचीत हुई.गोंडी में बोलते मासे ने कहा कि मैं घर में चारपाई पर बैठकर अपनी बेटी को दूध पिला रही थी. तभी घर की दूसरी ओर से शाम को करीब 4 बजे जवानों की ओर से फायरिंग शुरू कर दी गई.फायरिंग की जद में आकर गोली लगने से मेरी बेटी की मौत हो गई और मैं घायल हो गई.परिजनों के कथन और पुलिस के दावों और नक्सलियों के खंडन को लेकर बीजापुर एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने सफाई दी है.
'' बच्ची की मौत नक्सलियों की गोली से हुई. एक जनवरी को जवान इलाके में एरिया डॉमिनेशन पर थे.इस दौरान नक्सलियों की तरफ से ब्लास्ट किया गया. जवानों ने पोजिशन लिया. नक्सली फायर करते भाग रहे थे. नक्सलियों की फायर में एक गोली बच्ची को लगी.'' आंजनेय वार्ष्णेय,SP
कौन है असली कसूरवार ? : मुतवेण्डी में घटी घटना को लेकर परिजनों के आरोप और पुलिस-नक्सली दावों पर अब भी सवालों की चादर है. नक्सली और पुलिस एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.लेकिन उस परिवार का क्या जो बिना किसी कसूर के अपनी दूधमुंही बच्ची को खो बैठा है. मां की गोद आज उजड़ चुकी है. वहीं पिता की आंखों से आंसू रुक नहीं रहे.लेकिन अब तक ये सच्चाई सामने नहीं आ सकी कि आखिर वो किसकी गोली थी जिसने एक परिवार को दुखों का सैलाब दे दिया.
बीजापुर में इनामी नक्सली गिरफ्तार: बीजापुर के केतुलनार में माओवादी विरोधी अभियान के तहत एक जनमिलिशिया सदस्य को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी का नाम लिंगा कुंजाम है. उस पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित था. पकड़ा गया नक्सली 28नवम्बर 2023 को दरभा कच्चे मार्ग पर IED लगाने की घटना में शामिल था. इसके अलावा 11 जनवरी 2022 को केतुलनार गढमेरीपारा के ग्रामीण की हत्या और 04 फरवरी 2023 को मंगापेटा के पास गिट्टी परिवहन कर रही हाइवा में आगजनी की घटना में शामिल था.