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बीजापुर: वन भूमि अधिकार पट्टा योजना से किसानों को हो रहा फायदा

शासन की वन भूमि अधिकार पट्टा योजना काफी अच्छी पहल साबित हो रही है. कई किसान इससे अपना जीवन स्तर सुधार रहे हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में भी इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है.

Forest land rights lease scheme
वन भूमि अधिकार पट्टा योजना से किसानों को हो रहा फायदा
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Published : Aug 1, 2020, 2:51 AM IST

Updated : Aug 1, 2020, 12:17 PM IST

बीजापुर: छत्तीसगढ़ शासन की वन भूमि अधिकार पट्टा योजना काफी अच्छी पहल साबित हो रही है. पिछले कई साल से वन भूमि पर खेती कर रहे किसानों को वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान कर रही है. जिससे किसान काफी खुश हैं. भू स्वामी बनने के बाद जमीन के साथ ही एक बेहतर जीवन भी मिल रहा है. किसान बिना किसी परेशानी के इससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में भी इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. भैरमगढ़ के बरदेला से इसका एक उदाहरण भी सामने आया है.

बरदेला के किसान सुरेश नेताम 20 साल से कब्जे की जमीन पर खेती कर रहे थे. उन्हें काबिज भूमि पर वन अधिकार मान्यता पत्र देकर भू-स्वामी बनाया गया. जिसके बाद जीवन स्तर में काफी बदलाव देखने को मिला. उन्हें एक एकड़ भूमि पर वन अधिकार पत्र मिला. उनके पिता श्यामलाल नेताम को भी वन अधिकार पट्टा के तहत 2 एकड़ कृषि भूमि मिली. उनके पास पहले से 3 एकड़ की जमीन थी. सरकार से मिली जमीन और अपनी जमीन पर खेती कर किसान काफी मुनाफा कमा रहे हैं.

पढ़ें: जानिए क्यों वन भूमि के वितरण के बावजूद सरकारी रिकाॅर्ड में नहीं घटेगा रकबे का आंकड़ा

डबरी निर्माण से भी हुई मदद

सुरेश नेताम की जमीन पर मनरेगा के तहत डबरी निर्माण कराया गया. खेतों में डबरी के माध्यम से सिंचाई का काम किया जाता है, जिससे फसल उत्पादन पहले से बेहतर हो रहा है. डबरी में पिछले साल मछली पालन भी किया गया था. मछली का अच्छा उत्पादन हुआ, जिससे किसान ने करीब 15 हजार रूपए भी कमाए. वहीं पिछले वर्ष 1 लाख 65 हजार रूपए का धान विक्रय भी किया. इसके अलावा 32 हजार रूपए कृषि लोन भी अदा कर दिया.

इतनी होती है आमदनी

सुरेश ने बताया कि श्यामलाल नेताम के नाम से एक एकड़ वन अधिकार पट्टा वाली जमीन पर मौसमी सब्जी लगाते हैं, सब्जी से सालाना 20 से 25 हजार रूपए की आमदनी होती है. साथ ही उक्त भूमि पर फलदार वृक्ष आम के दस पेड़ है जिसमें हर वर्ष 6-7 क्विंटल आम की पैदावार होती है. हर साल 8 से 10 हजार रुपए का आम बेचता है.

बीजापुर: छत्तीसगढ़ शासन की वन भूमि अधिकार पट्टा योजना काफी अच्छी पहल साबित हो रही है. पिछले कई साल से वन भूमि पर खेती कर रहे किसानों को वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान कर रही है. जिससे किसान काफी खुश हैं. भू स्वामी बनने के बाद जमीन के साथ ही एक बेहतर जीवन भी मिल रहा है. किसान बिना किसी परेशानी के इससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में भी इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. भैरमगढ़ के बरदेला से इसका एक उदाहरण भी सामने आया है.

बरदेला के किसान सुरेश नेताम 20 साल से कब्जे की जमीन पर खेती कर रहे थे. उन्हें काबिज भूमि पर वन अधिकार मान्यता पत्र देकर भू-स्वामी बनाया गया. जिसके बाद जीवन स्तर में काफी बदलाव देखने को मिला. उन्हें एक एकड़ भूमि पर वन अधिकार पत्र मिला. उनके पिता श्यामलाल नेताम को भी वन अधिकार पट्टा के तहत 2 एकड़ कृषि भूमि मिली. उनके पास पहले से 3 एकड़ की जमीन थी. सरकार से मिली जमीन और अपनी जमीन पर खेती कर किसान काफी मुनाफा कमा रहे हैं.

पढ़ें: जानिए क्यों वन भूमि के वितरण के बावजूद सरकारी रिकाॅर्ड में नहीं घटेगा रकबे का आंकड़ा

डबरी निर्माण से भी हुई मदद

सुरेश नेताम की जमीन पर मनरेगा के तहत डबरी निर्माण कराया गया. खेतों में डबरी के माध्यम से सिंचाई का काम किया जाता है, जिससे फसल उत्पादन पहले से बेहतर हो रहा है. डबरी में पिछले साल मछली पालन भी किया गया था. मछली का अच्छा उत्पादन हुआ, जिससे किसान ने करीब 15 हजार रूपए भी कमाए. वहीं पिछले वर्ष 1 लाख 65 हजार रूपए का धान विक्रय भी किया. इसके अलावा 32 हजार रूपए कृषि लोन भी अदा कर दिया.

इतनी होती है आमदनी

सुरेश ने बताया कि श्यामलाल नेताम के नाम से एक एकड़ वन अधिकार पट्टा वाली जमीन पर मौसमी सब्जी लगाते हैं, सब्जी से सालाना 20 से 25 हजार रूपए की आमदनी होती है. साथ ही उक्त भूमि पर फलदार वृक्ष आम के दस पेड़ है जिसमें हर वर्ष 6-7 क्विंटल आम की पैदावार होती है. हर साल 8 से 10 हजार रुपए का आम बेचता है.

Last Updated : Aug 1, 2020, 12:17 PM IST
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