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सौर सुजला योजना से किसानों को मिला लाभ, कई एकड़ में कर रहे खेती

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से संचालित सौर सुजला योजना का किसानों को लाभ मिल रहा है. इसके माध्यम से बीजापुर का किसान भरत सिंह बेलगंया 6 एकड़ में खेती कर रहा है.

Vegetable production benefited
साग-सब्जी उत्पादन में मिला लाभ
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Published : Jun 24, 2020, 9:16 PM IST

बीजापुर: राज्य शासन किसानों की आय में वृद्धि के लिए सौर सुजला योजना संचालित कर रही है. यह योजना ग्रामीण इलाकों के कृषकों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है. सौर सुजला योजना के तहत सोलर सिंचाई पंप लगाने के बाद खेती में प्रोत्साहन मिल रहा है. साथ ही पेयजल के लिए शुद्ध पानी भी मिल रहा है.

Saur Sujala yojana benefits
सौर सुजला योजना का मिला लाभ

इसी कड़ी में बीजापुर के मांझीगुड़ा ग्राम के रहने वाले किसान भरत सिंह बेलगंया ने सोलर सिंचाई पंप के माध्यम से रबी और ग्रीष्मकाल के दौरान अपने डेढ़ एकड़ बाड़ी में सब्जी उत्पादन कर अतिरिक्त आय प्राप्त की है.

Vegetable production benefited
साग-सब्जी उत्पादन में मिला लाभ

10 हजार रुपये कृषक अंशदान के तौर पर किया जमा

किसान भरत सिंह बेलगंया ने बताया कि खुद के खर्च से खनन किए गए नलकूप में साल 2016-17 में उद्यानिकी और क्रेडा की मदद से सोलर सिंचाई पंप लगाया था. इसके लिए उन्होंने 10 हजार रूपए कृषक अंशदान जमा किया था

कई तरह की सब्जी का किया जा रहा उत्पादन

छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण की ओर से किसान भरत सिंह को 2 लाख 30 हजार रूपए का अनुदान दिया गया. किसान सिंह ने बताया कि सोलर सिंचाई पंप से वे अपनी डेढ़ एकड़ बाड़ी में रबी सीजन के दौरान बैंगन, भिंडी, करेला, बरबट्टी, टमाटर, मिर्च सहित अन्य साग-सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं. वहीं ग्रीष्मकाल में लौकी, कद्दू, भिंडी, बरबट्टी, करेला, मेथी, धनिया आदि उत्पादन करते हैं.

6 एकड़ की जमीन में कर रहे खेती

उत्पादित सब्जी को किसान भरत सिंह बेलगंया बीजापुर नगर में हर महीने तीन से चार हजार रूपए का विक्रय करते हैं. इस आमदनी से उन्हें परिवार की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती हैं. उन्होंने आगे बताया कि उनके पास कुल 6 एकड़ जमीन है, जिसमें से 2 एकड़ खेत में सफरी-चूड़ी जैसी देशी किस्म के धान की फसल लगाते हैं. वहीं 2 एकड़ में एचएमटी धान का रोपा लगाते हैं और दो एकड़ जमीन में उड़द कुल्थी जैसे स्थानीय दलहन की खेती करते हैं.

14 सदस्यीय परिवार का हो रहा भरण-पोषण

भरत सिंह खेती-किसानी की आय से 14 सदस्यीय परिवार का आसानी के साथ भरण-पोषण कर रहे हैं. साथ ही भरत सिंह बेलगंया ने घर में खेती कार्य के लिए एक ट्रैक्टर भी रखा है, जिसे गांव के किसानों को किराये पर भी उपलब्ध कराते हैं. वहीं भरतसिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार किसानों के हितों के लिए जो योजनाएं चला रही है. उसका लाभ लेकर आगे बढ़ना समय की जरूरत है.

बीजापुर: राज्य शासन किसानों की आय में वृद्धि के लिए सौर सुजला योजना संचालित कर रही है. यह योजना ग्रामीण इलाकों के कृषकों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है. सौर सुजला योजना के तहत सोलर सिंचाई पंप लगाने के बाद खेती में प्रोत्साहन मिल रहा है. साथ ही पेयजल के लिए शुद्ध पानी भी मिल रहा है.

Saur Sujala yojana benefits
सौर सुजला योजना का मिला लाभ

इसी कड़ी में बीजापुर के मांझीगुड़ा ग्राम के रहने वाले किसान भरत सिंह बेलगंया ने सोलर सिंचाई पंप के माध्यम से रबी और ग्रीष्मकाल के दौरान अपने डेढ़ एकड़ बाड़ी में सब्जी उत्पादन कर अतिरिक्त आय प्राप्त की है.

Vegetable production benefited
साग-सब्जी उत्पादन में मिला लाभ

10 हजार रुपये कृषक अंशदान के तौर पर किया जमा

किसान भरत सिंह बेलगंया ने बताया कि खुद के खर्च से खनन किए गए नलकूप में साल 2016-17 में उद्यानिकी और क्रेडा की मदद से सोलर सिंचाई पंप लगाया था. इसके लिए उन्होंने 10 हजार रूपए कृषक अंशदान जमा किया था

कई तरह की सब्जी का किया जा रहा उत्पादन

छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण की ओर से किसान भरत सिंह को 2 लाख 30 हजार रूपए का अनुदान दिया गया. किसान सिंह ने बताया कि सोलर सिंचाई पंप से वे अपनी डेढ़ एकड़ बाड़ी में रबी सीजन के दौरान बैंगन, भिंडी, करेला, बरबट्टी, टमाटर, मिर्च सहित अन्य साग-सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं. वहीं ग्रीष्मकाल में लौकी, कद्दू, भिंडी, बरबट्टी, करेला, मेथी, धनिया आदि उत्पादन करते हैं.

6 एकड़ की जमीन में कर रहे खेती

उत्पादित सब्जी को किसान भरत सिंह बेलगंया बीजापुर नगर में हर महीने तीन से चार हजार रूपए का विक्रय करते हैं. इस आमदनी से उन्हें परिवार की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती हैं. उन्होंने आगे बताया कि उनके पास कुल 6 एकड़ जमीन है, जिसमें से 2 एकड़ खेत में सफरी-चूड़ी जैसी देशी किस्म के धान की फसल लगाते हैं. वहीं 2 एकड़ में एचएमटी धान का रोपा लगाते हैं और दो एकड़ जमीन में उड़द कुल्थी जैसे स्थानीय दलहन की खेती करते हैं.

14 सदस्यीय परिवार का हो रहा भरण-पोषण

भरत सिंह खेती-किसानी की आय से 14 सदस्यीय परिवार का आसानी के साथ भरण-पोषण कर रहे हैं. साथ ही भरत सिंह बेलगंया ने घर में खेती कार्य के लिए एक ट्रैक्टर भी रखा है, जिसे गांव के किसानों को किराये पर भी उपलब्ध कराते हैं. वहीं भरतसिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार किसानों के हितों के लिए जो योजनाएं चला रही है. उसका लाभ लेकर आगे बढ़ना समय की जरूरत है.

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