बीजापुर : इंद्रावती टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट में एनटीसीए की गाइड लाइन के अनुसार एक हजार 540 वर्ग किलोमीटर में बफर जोन बनाया गया था. एनटीसीए की गाइड लाइन के अनुसार इस बफर क्षेत्र में राज्य शासन और जिला प्रशासन कोई भी विकास कार्य बगैर अनुमति के नहीं कर सकता है. इस वजह से इस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सैकड़ों ग्राम पंचायतें प्रभावित हो रही हैं.
टाइगर रिजर्व का बफर जोन नेशनल हाइवे के मिंगाचल से लेकर जिले के अंतिम छोर के टीमेड तक है. इस जोन में राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से को समाहित किया गया है. इस ऐरिया में जिला मुख्यालय समेत भोपालपटनम और सैकड़ों ग्राम पंचायतों के साथ ही कई आश्रित गांव शामिल हैं.
इलाके में नहीं हो रहा विकास
इस क्षेत्र में विकास कार्य थम गया है. विकास कार्यो के लिए एनटीसीए से अनुमति ली गई थी, जिसकी स्वीकृति अब तक नहीं मिली है. एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार 2009 में बफर जोन बनाए जाने का निर्णय लिया गया था. इंद्रावती टाइगर प्रोजेक्ट बफर जोन का इलाका 3 हजार 790 किलोमीटर है.
नक्सलियों के एकाधिकार में है क्षेत्र
टाइगर एरिया पर नक्सलियों की सक्रियता बेहद ज्यादा है. इस क्षेत्र में विभाग के कर्मचारी अधिकारी भी नहीं पहुंच पाते कुछ ग्रामीणों के आधार पर ही वन्य पशुओं की गणना की जाती है. विभाग की माने तो वर्तमान में इस परियोजना में 5 बाघ के होने की पुष्टि हो चुकी है. लेकिन 15 बाघों के आकलन इनके पास मौजूद हैं.