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बीजापुर : दो साल बाद भी पूरा नहीं हो सका नल जल योजना का काम

बीजापुर के भोपालपटनम में नल जल योजना की स्वीकृति को लगभग 2 साल का समय पूरा हो चुका है. लेकिन काम अब तक पूरा नहीं किया जा सका. ग्रामीण फ्लोराइड और आयरन युक्त पानी पीने को मजबूर हैं.

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Published : Jun 7, 2020, 3:27 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 4:17 PM IST

Delay in work of nal jal scheme in bijapur
नल जल योजना के काम में देरी

बीजापुर : जिले के भोपालपटनम में नल जल योजना की स्वीकृति छत्तीसगढ़ सरकार ने 2018 में दी थी, जिसकी लागत 16 करोड़ रुपए है. लेकिन निर्माण कार्य में हो रही देरी से 2 साल बाद भी काम पूरा नहीं हो सका है. जिसकी वजह से इलाके के लोगों में नाराजगी है. उन्होंने मामले की शिकायत जनप्रतिनिधि से की है.जिला जनपद सदस्य ने इस समस्या के बारे में जिला प्रशासन को अवगत करा दिया है.

नल जल योजना के काम में देरी

बता दें कि नल जल योजना का काम पूरा होने से भोपालपटनम तहसील के 19 गांव के रहवासियों को शुद्ध पेयजल का लाभ मिलेगा. गांव के रहवासी फ्लोराइड और आयरन युक्त पानी पीने को मजबूर हैं. कई ग्रामीण दूषित पानी पीकर बीमारियों से ग्रसित होकर असमय ही काल के गाल में समा गए हैं. नल जल प्रदाय योजना के तहत इंटेकेवल और भोपालपटनम में ओवरहेड टैंक का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. ग्रेविटी मेन पाइप लाइन की टेंडर प्रक्रिया के चलते पाइपलाइन बिछाने का कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया. जल वितरण प्रणाली के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है.

शोध संयंत्र का काम लगभग पूरा

नल जल योजना के तहत ट्रीटमेंट प्लांट का काम लॉकडाउन के चलते बंद पड़ा है. क्योकि इस कार्य को करने के लिए कुशल श्रमिकों कि आवश्यकता होती है. बताया जा रहा है कि कोलकाता से आकर श्रमिक यहां काम कर रहे है. जल शोध संयंत्र का कार्य भी करीब 75 फीसदी हो चुका है.

पढ़ें-बीजापुर: सुरक्षाबलों के प्रहार से नक्सली पस्त, ठिकाना छोड़ भागे

ग्रामीणों को मिलेगा लाभ

BTI कॉलोनी में निर्मित संपवेल की क्षमता 20 लाख लीटर की है तो वही भोपालपटनम में बने ओवरहेड टैंक की क्षमता 10 लाख लीटर की है. विभागीय अधिकारी का कहना है कि संपवेल में 10 लाख लीटर पानी हमेशा स्टोर रहेगा जिससे क्षेत्र वासियों के लिए पानी की उप्लब्धता हमेशा बनी रहेगी.

बीजापुर : जिले के भोपालपटनम में नल जल योजना की स्वीकृति छत्तीसगढ़ सरकार ने 2018 में दी थी, जिसकी लागत 16 करोड़ रुपए है. लेकिन निर्माण कार्य में हो रही देरी से 2 साल बाद भी काम पूरा नहीं हो सका है. जिसकी वजह से इलाके के लोगों में नाराजगी है. उन्होंने मामले की शिकायत जनप्रतिनिधि से की है.जिला जनपद सदस्य ने इस समस्या के बारे में जिला प्रशासन को अवगत करा दिया है.

नल जल योजना के काम में देरी

बता दें कि नल जल योजना का काम पूरा होने से भोपालपटनम तहसील के 19 गांव के रहवासियों को शुद्ध पेयजल का लाभ मिलेगा. गांव के रहवासी फ्लोराइड और आयरन युक्त पानी पीने को मजबूर हैं. कई ग्रामीण दूषित पानी पीकर बीमारियों से ग्रसित होकर असमय ही काल के गाल में समा गए हैं. नल जल प्रदाय योजना के तहत इंटेकेवल और भोपालपटनम में ओवरहेड टैंक का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. ग्रेविटी मेन पाइप लाइन की टेंडर प्रक्रिया के चलते पाइपलाइन बिछाने का कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया. जल वितरण प्रणाली के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है.

शोध संयंत्र का काम लगभग पूरा

नल जल योजना के तहत ट्रीटमेंट प्लांट का काम लॉकडाउन के चलते बंद पड़ा है. क्योकि इस कार्य को करने के लिए कुशल श्रमिकों कि आवश्यकता होती है. बताया जा रहा है कि कोलकाता से आकर श्रमिक यहां काम कर रहे है. जल शोध संयंत्र का कार्य भी करीब 75 फीसदी हो चुका है.

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ग्रामीणों को मिलेगा लाभ

BTI कॉलोनी में निर्मित संपवेल की क्षमता 20 लाख लीटर की है तो वही भोपालपटनम में बने ओवरहेड टैंक की क्षमता 10 लाख लीटर की है. विभागीय अधिकारी का कहना है कि संपवेल में 10 लाख लीटर पानी हमेशा स्टोर रहेगा जिससे क्षेत्र वासियों के लिए पानी की उप्लब्धता हमेशा बनी रहेगी.

Last Updated : Jun 7, 2020, 4:17 PM IST
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