बीजापुर: भोपालपटनम ब्लॉक में कहीं स्कूल भवनों की हालत जर्जर है, तो कहीं झोपड़ी में विद्यालय संचालित हो रहे हैं. हैरत की बात तो यह है कि पाठशाला की हालत जर्जर होने के बावजूद इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं जा रहा है. मट्टी मरका इलाके में स्कूल भवनों की हालत बहुत ही चिंताजनक है. कई स्कूल तो ऐसे हैं, जो कभी भी रेत के टीले की तरह ढह सकते हैं, लेकिन जिम्मेदारों को इनकी सुध लेने के लिए पल भर की फुर्सत नहीं है.
ग्रामीणों का कहना है कि फिलहाल लॉकडाउन की वजह से सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. जहां ऑनलाइन एजुकेशन की सुविधा है, वहां तो ठीक, लेकिन ग्रामीण अंचलों में न तो लोगों के पास मोबाइल है और न ही इलाके में नेटवर्क, ऐसे में बच्चे शिक्षा से महरूम हैं. इसके अलावा स्कूल भवन के जर्जर होने की वजह से यहां पढ़ाई कराते वक्त शिक्षक भी दहशत में रहते हैं, तो वहीं यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं डर के साए में ज्ञान की घुट्टी पीने को मजबूर हैं.
बच्चे कैसे करेंगे पढ़ाई
ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक शाला मट्टीमरका, गोखुर, गंगाराम रायगुड़ और नल्लमपल्ली जैसे कई गांवों के स्कूल झोपड़ी में ही संचालित होते हैं. वहीं भोपालपट्टनम के जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण अभी नया शिक्षा सत्र शुरू नहीं हुआ है, लेकिन जब कभी भी शिक्षा सत्र की शुरुआत होगी, उस दौरान विद्यार्थी कहां बैठेंगे और कैसे पढ़ाई करेंगे, यह भी सोचने वाली बात है. इतना ही नहीं इलाके में आंगनबाड़ी भवन भी नहीं है.
![Children study in a hut in Mattimaraka village](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-bjr-01-jhopadi-avb-cg10026_30072020144442_3007f_01297_1054.jpg)
अंधकार में नौनिहालों का भविष्य
बता दें कि भोपालपट्नम इलाके में कई गांवों के स्कूलों की हालत जर्जर है, तो वहीं कुछ झोपड़ी में संचालित किए जाते हैं, कई ऐसे हैं, जो कब ढह जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता. बावजूद इसके सिस्टम के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि भी आंखे मूंदे बैठे हुए हैं.