बीजापुर: जिले में इस साल गोबर के बने इको फ्रेंडली दीयों से लोगों के घर रोशन होंगे. आमतौर पर मिट्टी से बनाए जाने वाले दीयों को महिलाएं गोबर से बना रही है. राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण गौठानों और नगर पालिका बीजापुर शहर के गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से आकर्षक और सुन्दर दीये बना रही हैं.
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दीये के साथ-साथ विभिन्न आकर्षक होम डेकोरेशन, स्वास्तिक, शुभ-लाभ, धूपबत्ती, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति और गोबर से गमला बनाया जा रहा है. बाजार की उपलब्धता के अनुरुप विभिन्न गौठानों में दीये बनाये जा रहे हैं,जिससे स्व-सहायता की महिलाएं अतिरिक्त आय अर्जित कर पायेंगी. दीया बनाने वाले समूह में भैरमगढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत पातर पारा, बीजापुर ब्लाॅक के ग्राम पंचायत धनोरा नगर पालिका क्षेत्र के गौठानों सहित विभिन्न गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह दीया बना रही हैं. ये महिलाएं दीयों का रंग-रोगन कर आकर्षक कलाकृति उकेर कर उन्हें अंतिम रुप दे रही हैं. स्थानीय बाजार के माध्यम से इन दीयों को बेचा जाएगा.
अतिरिक्त आय का बना साधन
मणि कंचन स्व-सहायता समूह की सचिव ओमिन बाई साहू ने बताया कि बिक्री के लिये ग्राहकों की भी उत्सुकता दिखाई दे रही है.उन्होंने कहा कि इसे बनाकर हम लोगों को भी अच्छा महसूस हो रहा है. नये तरीके के कार्य करने के लिये जिला प्रशासन ने मार्गदर्शन और प्रोत्साहित किया. गोबर से बना दीया पूर्ण रुप से ईको फ्रेंडली है. इसे उपयोग के बाद खाद के रूप में गमलों या बाड़ियों में उपयोग किया जा सकता है.स्व-सहायता समूह की सभी महिलांए पूरे मन से इस कार्य को करने में जुटी हुई है. यह हमारी अतिरिक्त आमदनी का स्त्रोत बना है, जिससे इस बार हम लोग भी दीपावली के अवसर पर अतिरिक्त लाभ अर्जित कर त्योहार अच्छे से मानाएंगे.
बाजार में मांग
मुख्य नगरपालिका अधिकारी पवन मेरिया ने बताया कि तीन महिला समूह की लगभग 30 महिलाएं दीया और विभिन्न कलाकृतियां गोबर से बना रही है. विभिन्न सांचा और मशीन से आकर्षक ढंग से बने सामानों का बाजार में काफी अच्छा मांग है. निश्चित रूप से महिलाएं इस कार्य से अपनी आजीविका को बढ़ाएंगी.