बीजापुर: जिला पंचायत सदस्य ने जल संसाधन विभाग पर निर्माण कार्य में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. जिला पंचायत सदस्य ने वित्तीय अनियमितता को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की शिकायत की है.
बीजापुर के अर्जुनल्ली गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत निर्माण कार्य कराया गया था. जिसके तहत उद्ववहन सिंचाई योजना में बने नहर के दोनों किनारे पर रिटर्निंग वॉल के निर्माण कार्य के लिए 1 करोड़ 5 लाख 34 हजार रुपए की स्वीकृति मिली थी. इसके लिए बीजापुर जल संसाधन विभाग को आगे का कार्य कराने की जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन संबंधित विभाग पर निर्माण कार्य किए बिना ही स्वीकृत राशि में से करीब 85 लाख रुपये ट्रांसफर करने का आरोप है.
बिना काम के लिया गया पैसा
मामले का खुलासा करते हुए जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ने बताया कि, बीजापुर जिला पंचायत ने 29 फरवरी 2020 को रिटर्निंग वॉल बनाने के लिए प्रशासकीय स्वीकृति जारी की थी. लेकिन संबंधित निर्माण कार्य किए बिना ही मार्च 2020 को स्वीकृत की हुई राशि का आहरण कर लिया. इसके करीब 8 महीने बाद भी जल संसाधन विभाग ने अब तक निर्माण कार्य करना मुनासिब नहीं समझा. क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य ने बताया कि, किसी भी शासकीय योजना में अग्रिम भुगतान करने का प्रावधान ही नहीं है. लेकिन जल संसाधन विभाग ने सभी नियमों को दरकिनारा करते हुए बिना कार्य के राशि का आहरण कर लिया है.
15 साल के बाद भी स्थिति जस की तस
ताटी ने अर्जुनल्ली के किसानों से चर्चा के बाद बताया कि वह नहीं चाहते कि यहां रिटर्निंग वॉल बने. जिस उद्देश्य को लेकर इस योजना की शुरुआत की गई थी, वह आज तक पूरी नहीं हई. 15 साल बीतने के बाद भी किसानों के खेतों को पानी नहीं नसीब हुआ.
अधिकारियों की लापरवाही!
ताटी का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों के समय-समय पर ध्यान नहीं देने की वजह से ही संबंधित कार्य एजेंसी ने भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. ताटी ने इस पूरे मामले में जिला पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका को भी संदिग्ध बताते हुए जिला कलेक्टर से इसकी शिकायत की है. उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच करने की मांग की है.