बीजापुर: जिले में आश्रम, छात्रावासों, पोटाकेबिनों में पढ़ने वाले छात्रों के सिलसिलेवार मौतों का सिलसिला चल रहा है. बीते 2 सितंबर को तोयनार आश्रम में रहने वाले 11वीं के छात्र की तालाब में डुबने से मौत हुई थी. चार बच्चे तोयनार आश्रम से दो किलोमीटर दूर स्थित तालाब में नहाने गये हुए थे. इसी दौरान यह हादसा हो गया था. मामले में कार्रवाई करते हुए आश्रम अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला: यह घटना 2 सितंबर दोपहर करीब 3 बजे का बताया जा रहा है. आश्रम में एक हैंड पंप मौजूद हैं, जो बंद बताया जा रहा है. जिसके बाद बच्चे तोयनार आश्रम से दो किलोमीटर दूर स्थित तालाब में नहाने चले गए. इसी दौरान डूबने से बच्चे की मौत हो गई.
मृतक बच्चे के गांव में छाया मातम: जिस बच्चे की मौके मौत हुई, उसका नाम राजेश टिगें बताया जा रहा है. बच्चे का परिवार बीजापुर में रहता है. मृतक बच्चे के पिता ने एक दिन पहले ही उसे तोयनार आश्रम में छोड़ा था. तालाब में डूबने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को जिला चिकित्सालय बीजापुर में पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंपा गया. बच्चे की मौत से मां बाप का बुरा हाल है. गांव में मातम छाया हुआ है.
छात्र की मौत के बाद अब प्रशासन नींद से जागा है. आदिवासी विकास शाखा के सहायक आयुक्त कल्याण सिंह मसराम ने मामले की जांच कराने की बात कही हैं.
"प्री मैट्रिक आश्रम में 2 सितंबर को दोपहर 03 बजे चार बच्चे आश्रम से दो किलोमीटर दूर के तालाब में नहाने गए थे. नहाने के दौरान यह हादसा हुआ है. पूरा घटना घटने की जानकारी मुझे मिली है, पूरा जांच किया जा रहा है. " - कल्याण सिंह मसराम, सहायक आयुक्त (आदिवासी विकास शाखा), बीजापुर
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हादसे का जिम्मेदार कौन? : बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा ने आश्रम अधिक्षक भूपेश गंगवाल को शासकीय कार्यों में लापरवाही बरतने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है. वहीं शंकर मोरला को अधीक्षक का प्रभार सौंपा गया है. जुलाई के अंतिम सप्ताह में चिन्नाकोडेपाल में संचालित पोटा केबिन में अध्यनरत एक मासूम आदिवासी छात्र की मौत मलेरिया से हुई थी.