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बीजापुर: हाथरस घटना को लेकर जिला पंचायत सदस्य ने उत्तर प्रदेश सरकार पर बोला हमला

बीजापुर जिला पंचायत सदस्य बसन्त राव ताटी ने उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने हाथरस जिले की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर कई सवाल भी दागे हैं.

District Panchayat Member of Bijapur
जिला पंचायत सदस्य बसन्त राव ताटी
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Published : Oct 3, 2020, 11:06 AM IST

बीजापुर: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की घटना को लेकर बीजापुर जिला पंचायत सदस्य बसन्त राव ताटी ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सरकार पर कई आरोप भी लगाए हैं. उन्होंंने कहा कि हाथरस कांड में अपनी बेटी को खो चुके परिवार से मिलने जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने रोक लिया. जब दोनों कार छोड़कर पैदल जाने लगे, तो पुलिस ने उनके साथ धक्कामुक्की की, जिसमें राहुल गांधी नीचे गिर पड़े. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज भी किया. बसंत राव ने यूपी सरकार से पूछा है कि क्या यही स्वस्थ लोकतंत्र है.

उन्होंने कहा कि यह तो सत्ताधारी पार्टी की तानाशाही है. जनता देख रही है कि बीजेपी सरकारें तानाशाही की भी सारी हदें तोड़ रही हैं. यह लोकतंत्र की सरेआम हत्या का प्रयास है. देश की जनता यह सच खुली आंखों से देख रही है और समय आने पर वह इसका माकूल जवाब भी देगी.

उत्तर प्रदेश सरकार पर बोला हमला

पढ़ें- कोरिया : हाथरस कांड का विरोध, कांग्रेस कार्यकर्ता ने योगी सरकार का फूंका पुतला

पीड़ित परिवार को धमकाया जा रहा

केन्द्र और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए बसन्त राव ताटी ने सवाल किया कि दलित लड़की के साथ हुई हैवानियत के अपराधियों को आखिर 15 दिनों तक क्यों बचाया जा रहा था, क्यों इतने दिन तक इस घटना को देश से छिपाया गया, क्यों मीडिया, जागरूक नागरिकों और विपक्ष को पीड़ित परिवार से मिलने से जबरदस्ती रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि मीडिया में जो खबरें आ रही हैं, उसके अनुसार तो पीड़ित परिवार को इस मामले में मुंह बंद रखने के लिए धमकाया भी जा रहा है. ताटी ने कहा कि इस अत्यंत दुखद और शर्मनाक घटना की मैं घोर निंदा करता हूं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 14 सितंबर को युवती के साथ हुई हैवानियत का मामला गरमाया हुआ है. पीड़ित परिवार का कहना है कि युवती के साथ गैंगरेप कर उसे बहुत मारा गया था, उसकी हड्डियां तोड़ दी गई थी और जीभ को काट दिया गया था. हालांकि यूपी पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है, जिसके बाद से सरकार पर विपक्ष भी हमलावर हो गया है. इस मामले को लेकर अब छत्तीसगढ़ के लोगों में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है. यूपी सरकार भी इस मामले में अब बैकफुट पर नजर आ रही है.

बीजापुर: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की घटना को लेकर बीजापुर जिला पंचायत सदस्य बसन्त राव ताटी ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सरकार पर कई आरोप भी लगाए हैं. उन्होंंने कहा कि हाथरस कांड में अपनी बेटी को खो चुके परिवार से मिलने जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने रोक लिया. जब दोनों कार छोड़कर पैदल जाने लगे, तो पुलिस ने उनके साथ धक्कामुक्की की, जिसमें राहुल गांधी नीचे गिर पड़े. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज भी किया. बसंत राव ने यूपी सरकार से पूछा है कि क्या यही स्वस्थ लोकतंत्र है.

उन्होंने कहा कि यह तो सत्ताधारी पार्टी की तानाशाही है. जनता देख रही है कि बीजेपी सरकारें तानाशाही की भी सारी हदें तोड़ रही हैं. यह लोकतंत्र की सरेआम हत्या का प्रयास है. देश की जनता यह सच खुली आंखों से देख रही है और समय आने पर वह इसका माकूल जवाब भी देगी.

उत्तर प्रदेश सरकार पर बोला हमला

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पीड़ित परिवार को धमकाया जा रहा

केन्द्र और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए बसन्त राव ताटी ने सवाल किया कि दलित लड़की के साथ हुई हैवानियत के अपराधियों को आखिर 15 दिनों तक क्यों बचाया जा रहा था, क्यों इतने दिन तक इस घटना को देश से छिपाया गया, क्यों मीडिया, जागरूक नागरिकों और विपक्ष को पीड़ित परिवार से मिलने से जबरदस्ती रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि मीडिया में जो खबरें आ रही हैं, उसके अनुसार तो पीड़ित परिवार को इस मामले में मुंह बंद रखने के लिए धमकाया भी जा रहा है. ताटी ने कहा कि इस अत्यंत दुखद और शर्मनाक घटना की मैं घोर निंदा करता हूं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 14 सितंबर को युवती के साथ हुई हैवानियत का मामला गरमाया हुआ है. पीड़ित परिवार का कहना है कि युवती के साथ गैंगरेप कर उसे बहुत मारा गया था, उसकी हड्डियां तोड़ दी गई थी और जीभ को काट दिया गया था. हालांकि यूपी पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है, जिसके बाद से सरकार पर विपक्ष भी हमलावर हो गया है. इस मामले को लेकर अब छत्तीसगढ़ के लोगों में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है. यूपी सरकार भी इस मामले में अब बैकफुट पर नजर आ रही है.

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