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बीजापुर उपार्जन केंद्रों पर औसत धान की भी नहीं हुई खरीदी

खरीदी केंद्रों पर बारदाना की कमी अभी भी बनी हुई है. सरकार बारदाने को लेकर कितने भी दावे क्यों ना कर रही हो लेकिन हकीकत यही है कि किसान छोटी मोटी समस्याओं से दो चार हो रहा है.

बीजापुर उपार्जन केंद्र
Average paddy has not even been purchased
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Published : Dec 13, 2021, 12:52 PM IST

बीजापुर: एक दिसंबर से राज्य सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है. लेकिन संग्रहण केंद्रों में किसानों की उपस्थिति ना के बराबर है. जिसके कारण अब तक 15 प्रतिशत भी खरीदी नहीं हो पाई है. वहीं खरीदी केंद्रों पर बारदाना की कमी (Shortage of Gunny Bags at Procurement Centers) भी मुख्य रूप से बनी हुई है.'

धान पंचायत छत्तीसगढ़ 2021: सरगंवा धान खरीदी केंद्र में पुराने बारदाने बना किसानों के लिए सिरदर्द

बीजापुर जिले के सहकारी समितियों में लगभग 15 हजार किसान पंजीकृत हैं. इन्होंने खरीफ फसल धान की पैदावार के लिए सहकारी समितियों से ऋण लिया है. किसान मिंजाई कर धान केंद्रों पर नहीं ले जा पा रहें हैं. जिसके लिए बारदाने की कमी होना बताया जा रहा है. बीजापुर जिले के सहकारी समितियों से प्राप्त जानकारी अनुसार सिर्फ एक हजार किसान ही संग्रहण केन्द्र पहुंच पाया है. जिसके कारण अभी मात्र 7-8 प्रतिशत ही धान खरीदी हुई है. जिले के संग्रहण केंद्रों को मिले लक्ष्य के अनुसार साढ़े 68 हजार मिट्रिक टन धान खरीदी किया जाना है. जिसके खिलाफ साढ़े तीन हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हो पाई है और सरकारी लक्ष्य के अनुरूप यह ऊंट के मुंह में जीरा है.

अभी खरीदी करने के लिए फरवरी तक का समय है. लेकिन किसानों की तरफ से घर में धान रखने के बावजूद बारदाने के अभाव के कारण धान, खरीदी केंद्रों पर नहीं ला पा रहे हैं. जिसके कारण समितियों के साथ राज्य सरकार को लक्ष्य प्राप्ति करना सबसे बड़ी चुनौती है.

बीजापुर: एक दिसंबर से राज्य सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है. लेकिन संग्रहण केंद्रों में किसानों की उपस्थिति ना के बराबर है. जिसके कारण अब तक 15 प्रतिशत भी खरीदी नहीं हो पाई है. वहीं खरीदी केंद्रों पर बारदाना की कमी (Shortage of Gunny Bags at Procurement Centers) भी मुख्य रूप से बनी हुई है.'

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बीजापुर जिले के सहकारी समितियों में लगभग 15 हजार किसान पंजीकृत हैं. इन्होंने खरीफ फसल धान की पैदावार के लिए सहकारी समितियों से ऋण लिया है. किसान मिंजाई कर धान केंद्रों पर नहीं ले जा पा रहें हैं. जिसके लिए बारदाने की कमी होना बताया जा रहा है. बीजापुर जिले के सहकारी समितियों से प्राप्त जानकारी अनुसार सिर्फ एक हजार किसान ही संग्रहण केन्द्र पहुंच पाया है. जिसके कारण अभी मात्र 7-8 प्रतिशत ही धान खरीदी हुई है. जिले के संग्रहण केंद्रों को मिले लक्ष्य के अनुसार साढ़े 68 हजार मिट्रिक टन धान खरीदी किया जाना है. जिसके खिलाफ साढ़े तीन हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हो पाई है और सरकारी लक्ष्य के अनुरूप यह ऊंट के मुंह में जीरा है.

अभी खरीदी करने के लिए फरवरी तक का समय है. लेकिन किसानों की तरफ से घर में धान रखने के बावजूद बारदाने के अभाव के कारण धान, खरीदी केंद्रों पर नहीं ला पा रहे हैं. जिसके कारण समितियों के साथ राज्य सरकार को लक्ष्य प्राप्ति करना सबसे बड़ी चुनौती है.

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