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protest of tribals in Bijapur आदिवासी आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज का आरोप, कई ग्रामीण घायल - tribal agitators in burji village

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में कैंप का विरोध कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया है. इस कार्रवाई से 50 से ज्यादा ग्रामीण घायल हुए हैं. इनमें 18 छात्र भी शामिल हैं. गांव वालों ने घायल ग्रामीणों की तस्वीरें भी जारी की हैं.

protest of tribals in Bijapur
आदिवासी आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज का आरोप
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Published : Jan 21, 2023, 6:59 PM IST

बीजापुर: जिले के गंगालूर थाना इलाके के बुर्जी गांव में 19 जनवरी की सुबह शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों पर लाठीचार्ज के आरोप लगे हैं. आदिवासियों का आरोप है कि सुबह के वक्त डीआरजी यानी डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड के जवानों ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया. इस कार्रवाई में 50 से अधिक ग्रामीण घायल हुए हैं. वहीं 18 छात्राओं के साथ मारपीट कर उन्हें प्रताड़ित किया गया.

लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तारी का आरोप : मूलवासी बचाओ मंच बस्तर संभाग ने एक विज्ञप्ति जारी कर गंभीर आरोप लगाया है. मूलवासी बचाओ मंच ने कहा है कि ''18 जनवरी को दन्तेवाड़ा-बीजापुर जिले के डीआरजी, सीआरपीएफ, एसटीएफ और सीएएफ की टीम पीड़िया मुरुम गांव के रोनी ओयाम, उंगी ओयाम को उनके घर से पकड़ के अपने साथ ले गई है.'' मूलवासी बचाओ मंच ने इरमगोण्डा के ग्रामीण पोदिया कारम को गोली मारकर घायल करने का सनसनीखेज आरोप भी लगाया है.

ये भी पढ़ें- लोकनृत्य के जरिए पेसा कानून का विरोध

पुलिस ने लाठीचार्ज से किया इनकार : ग्रामीणों ने पुलिसिया लाठीचार्ज में घायल ग्रामीणों की तस्वीरे जारी की है. वहीं पुलिस ने आदिवासियों के आरोपों को खारिज किया है. पुलिस ने लाठीचार्ज की किसी भी घटना से इनकार किया है.

दरअसल जिले के धुर नक्सल प्रभावित बुरजी पुसनार गांव में पुलिस कैंप के विरोध में ग्रामीण कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं.अकेले बुरजी पसनार ही नहीं बल्की बीजापुर में 3 से ज्यादा जगह पर ग्रामीणों का आंदोलन चल रहा है. इसमें सिलेगर भी शामिल है. ग्रामीणों का आरोप है कि बिना ग्रामसभा की अनुमति से पुसनार में सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित कर दिया गया है. धरना प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों ने बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मानवधिकारों से मदद की अपील की है.

बीजापुर: जिले के गंगालूर थाना इलाके के बुर्जी गांव में 19 जनवरी की सुबह शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों पर लाठीचार्ज के आरोप लगे हैं. आदिवासियों का आरोप है कि सुबह के वक्त डीआरजी यानी डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड के जवानों ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया. इस कार्रवाई में 50 से अधिक ग्रामीण घायल हुए हैं. वहीं 18 छात्राओं के साथ मारपीट कर उन्हें प्रताड़ित किया गया.

लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तारी का आरोप : मूलवासी बचाओ मंच बस्तर संभाग ने एक विज्ञप्ति जारी कर गंभीर आरोप लगाया है. मूलवासी बचाओ मंच ने कहा है कि ''18 जनवरी को दन्तेवाड़ा-बीजापुर जिले के डीआरजी, सीआरपीएफ, एसटीएफ और सीएएफ की टीम पीड़िया मुरुम गांव के रोनी ओयाम, उंगी ओयाम को उनके घर से पकड़ के अपने साथ ले गई है.'' मूलवासी बचाओ मंच ने इरमगोण्डा के ग्रामीण पोदिया कारम को गोली मारकर घायल करने का सनसनीखेज आरोप भी लगाया है.

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पुलिस ने लाठीचार्ज से किया इनकार : ग्रामीणों ने पुलिसिया लाठीचार्ज में घायल ग्रामीणों की तस्वीरे जारी की है. वहीं पुलिस ने आदिवासियों के आरोपों को खारिज किया है. पुलिस ने लाठीचार्ज की किसी भी घटना से इनकार किया है.

दरअसल जिले के धुर नक्सल प्रभावित बुरजी पुसनार गांव में पुलिस कैंप के विरोध में ग्रामीण कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं.अकेले बुरजी पसनार ही नहीं बल्की बीजापुर में 3 से ज्यादा जगह पर ग्रामीणों का आंदोलन चल रहा है. इसमें सिलेगर भी शामिल है. ग्रामीणों का आरोप है कि बिना ग्रामसभा की अनुमति से पुसनार में सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित कर दिया गया है. धरना प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों ने बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मानवधिकारों से मदद की अपील की है.

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