बेमेतरा: मई महीने की भीषण गर्मी के चलते जिले की जीवनदायिनी शिवनाथ नदी सूखने की कगार पर है. शिवनाथ नदी में जिले में बनाए गए 13 एनीकटों में भी पानी कम बचा हुआ है. ऐसे में मानसूनी बारिश में देर हुई, तो जिले में पेयजल संकट गहरा सकता है. यहां से ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना और शहरी जल प्रदाय योजना संचालित होती है. ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कत बेमेतरा शहरवासियों और विकासखंड के 57 गांवों के ग्रामीणों को हो सकती है. हालांकि जल संसाधन विभाग के एसडीओ सीएस शिवहरे कुछ दिन और पानी की कमी नहीं होने की बात कर रहे हैं.
पीएचई विभाग ने जलसंसाधन को लिखा पत्र
जिले में गहराते जल संकट को देखते हुए पीएचई विभाग ने जल संसाधन विभाग को जलापूर्ति के लिए खम्हरिया और अमोरा के एनीकट में पानी भरने के लिए पत्र लिखा है. जून में शिवनाथ नदी में पानी की कमी होती है, लेकिन इस वर्ष 20 मई के बाद ही नदी में पानी की किल्लत शुरू हो गई है. जिले के शिवनाथ नदी के अमोरा घाट से बेमेतरा शहर की 28 हजार आबादी और बेमेतरा ब्लॉक के 57 गांव के लिए ट्रीटमेन्ट प्लांट से स्वच्छ जल की आपूर्ति की जाती है. अब पानी की कमी होने से इन जगहों पर स्वच्छ जल संकट मंडराने लगा है.
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फिलहाल नदी में पर्याप्त पानी: एसडीओ
नदी में सूखे की आहट को देखते हुए पीएचई विभाग ने जल संसाधन विभाग को पत्र लिखकर गेट खोलने की मांग की है. जिससे गर्मी के दिनों में लोगों को मीठा पानी पहुंचाया जा सके. जलसंसाधन विभाग के एसडीओ सीएस शिवहरे ने बताया कि फिलहाल नदी में पानी है. जिसे पीएचई विभाग इंटकवेल में लाकर कुछ दिनों तक जलापूर्ति कर सकता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसान खेती के लिए नदी के पानी का उपयोग कर रहे हैं. जिससे पानी में कमी आई है. विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है. जल्द ही पानी की आपूर्ति कर ली जाएगी.