बेमेतरा: जिले के लोग इन दिनों पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. पेयजल के लिए यहां के लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. जिले में भू-जलस्तर गिरने से करीब 1 हजार 461 सरकारी हैंडपंप बंद हो गए हैं. वहीं 173 मोटरपंप पानी की जगह हवा उगल रहे हैं.
बांध भी सूखे
जिले के तमाम बांध और नहर सूख चुके हैं. लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है. इसके लिए लोग प्रशासन को जिम्मेदार बताते हुए जल संरक्षण के लिए कोई उपाय नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं.
गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
बेमेतरा नगर के शिव मंदिर वार्ड में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. हालांकि ETV भारत ने जब पानी की किल्लत की खबर चलाई तो पालिका ने यहां सुबह-शाम टैंकर की व्यवस्था शुरू कर दी है, लेकिन जिले के बाकी हिस्सों में पेयजल की हालत बद से बदतर होते जा रही है. नवागढ़ ब्लॉक में स्तिथि और भी गंभीर है.
पानी के लिए हाहाकार
नवागढ़ ब्लॉक के मुरता, संबलपुर, मारो और नारायणपुर में पानी के लिए हाहाकार मचा है. पीएचई विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता परीक्षित चौधरी ने बताया कि जिले में कुल 4 हजार 476 हैंडपम्प हैं. इसमें 1 हजार 461 भू-जल स्तर गिरने के कारण बंद हो गए हैं. वहीं 2 हजार 400 मोटरपंप में से 173 बंद पड़े हैं. चौधरी ने कहा कि जलस्तर अब बारिश शुरू होने के बाद ही बढ़ने की संभावना. इसके बाद ही इन बंद पड़े हैंडपंप को चालू किया जा सकेगा.