बेमेतरा : जिले में स्टेट हाईवे के किनारे सरकार द्वारा संरक्षित पेड़ों पर इन दिनों कुल्हाड़ी चल रही है और जिम्मेदार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण आए दिन सैकड़ों पेड़ काटे जा रहे हैं.
जिले के ग्राम जेवरा एन से मक्खनपुर तक की सड़क के दोनों ओर वन विभाग ने पौधे तो रोप दिए, लेकिन सहेजना भूल गए. इससे 50 फीसदी पौधे सूखकर मर गए. बचे हुए पौधों को बचाने के लिए ETV भारत ने खबर दिखाई, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और पानी छिड़काव के लिए टैंकर का आना शुरू हुआ.
वनविहीन बेमेतरा जिला में बदहाली का आलम ये है कि नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम गिधवा में विदेशी परिदों का आगमन बंद हो गया है. हाईटेक नर्सरी बंद होने के कगार पर हैं. नवागढ़ ब्लॉक के गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है. इन सब के बाद भी हरियाली बचाव के लिए बेमेतरा जिला प्रशासन कोई पहल नहीं कर रहा है.
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए जिला प्रशासन चाहे लाख वृक्षारोपण करें, लेकिन जमीनी हकीकत तो ये है कि वृक्षारोपण के बाद जिम्मेदार उन्हें सहेजना भूल जाते हैं और पौधे रख-रखाव के अभाव में या तो सूख कर मर जाते हैं, या फिर कुल्हाड़ी की भेंट चढ़ जाते हैं.