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बेमेतरा: पेड़ों पर अंधाधुंध चल रही कुल्हाड़ी, प्रशासन नहीं ले रहा सुध - ETV भारत

अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण बेमेतरा में स्टेट हाईवे के किनारे सरकार द्वारा संरक्षित पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल रही है और जिम्मेदार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

पेड़ों पर अंधाधुंध चल रही कुल्हाड़ी
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Published : Jun 5, 2019, 7:41 PM IST

बेमेतरा : जिले में स्टेट हाईवे के किनारे सरकार द्वारा संरक्षित पेड़ों पर इन दिनों कुल्हाड़ी चल रही है और जिम्मेदार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण आए दिन सैकड़ों पेड़ काटे जा रहे हैं.

पेड़ों पर अंधाधुंध चल रही कुल्हाड़ी

जिले के ग्राम जेवरा एन से मक्खनपुर तक की सड़क के दोनों ओर वन विभाग ने पौधे तो रोप दिए, लेकिन सहेजना भूल गए. इससे 50 फीसदी पौधे सूखकर मर गए. बचे हुए पौधों को बचाने के लिए ETV भारत ने खबर दिखाई, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और पानी छिड़काव के लिए टैंकर का आना शुरू हुआ.

वनविहीन बेमेतरा जिला में बदहाली का आलम ये है कि नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम गिधवा में विदेशी परिदों का आगमन बंद हो गया है. हाईटेक नर्सरी बंद होने के कगार पर हैं. नवागढ़ ब्लॉक के गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है. इन सब के बाद भी हरियाली बचाव के लिए बेमेतरा जिला प्रशासन कोई पहल नहीं कर रहा है.

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए जिला प्रशासन चाहे लाख वृक्षारोपण करें, लेकिन जमीनी हकीकत तो ये है कि वृक्षारोपण के बाद जिम्मेदार उन्हें सहेजना भूल जाते हैं और पौधे रख-रखाव के अभाव में या तो सूख कर मर जाते हैं, या फिर कुल्हाड़ी की भेंट चढ़ जाते हैं.

बेमेतरा : जिले में स्टेट हाईवे के किनारे सरकार द्वारा संरक्षित पेड़ों पर इन दिनों कुल्हाड़ी चल रही है और जिम्मेदार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण आए दिन सैकड़ों पेड़ काटे जा रहे हैं.

पेड़ों पर अंधाधुंध चल रही कुल्हाड़ी

जिले के ग्राम जेवरा एन से मक्खनपुर तक की सड़क के दोनों ओर वन विभाग ने पौधे तो रोप दिए, लेकिन सहेजना भूल गए. इससे 50 फीसदी पौधे सूखकर मर गए. बचे हुए पौधों को बचाने के लिए ETV भारत ने खबर दिखाई, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और पानी छिड़काव के लिए टैंकर का आना शुरू हुआ.

वनविहीन बेमेतरा जिला में बदहाली का आलम ये है कि नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम गिधवा में विदेशी परिदों का आगमन बंद हो गया है. हाईटेक नर्सरी बंद होने के कगार पर हैं. नवागढ़ ब्लॉक के गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है. इन सब के बाद भी हरियाली बचाव के लिए बेमेतरा जिला प्रशासन कोई पहल नहीं कर रहा है.

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए जिला प्रशासन चाहे लाख वृक्षारोपण करें, लेकिन जमीनी हकीकत तो ये है कि वृक्षारोपण के बाद जिम्मेदार उन्हें सहेजना भूल जाते हैं और पौधे रख-रखाव के अभाव में या तो सूख कर मर जाते हैं, या फिर कुल्हाड़ी की भेंट चढ़ जाते हैं.

Intro:हरे भरे पेड़ो पर अन्धाधुन्ध चल रही कुल्हाड़ी
ज़िम्मेदार नही कर रहे कार्यवाही

बेमेतरा5 जून

जिले में स्टेड हाइवे सड़क के किनारे इन दिनों सरकार द्वारा संरक्षित पेड़ो पर कोचियों की कुल्हाड़ी चल रही हैं और जिम्मेदार मामले में कोई कार्यवाही नही कर रहे है जिससे कोचियों का यह कार्य रुकने का नाम नही ले रहा हैं और आये दिन सैकड़ो पेड़ काटे जा रहे है ।

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने जिला प्रशासन चाहे लाख वृक्षारोपण करे परंतु जमीनी सच्चाई यही है की वृक्षारोपण करने के बाद जिम्मेदार उन्हें सहेजना भूल जाते है और पौधे सुख कर मर जाते है ।

बता दे कि जिले के ग्राम जेवरा एन से मक्खनपुर तक सड़क के दोनों छोर पर वन विभाग ने पौधे रोप दिए उसके बाद सहेजना भूल गए जिससे 50 फीसदी पौधे सुख कर मर गए बचे 50 फीसदी पौधों को बचाने हमने खबर चलाई जिसके बाद पानी छिड़काव के लिए टैंकर आना शुरू हुआ।

वन विहीन बेमेतरा जिला में बदहाली का आलम यह है कि नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम गिधवा में विदेशी परिदों का आगमन बंद हो गया हैं हाईटेक नर्सरी बंद होने के कगार पर है नवागढ़ ब्लॉक के गांवो में पानी के लिए हाहाकार मची हैं हरियाली बचाव के लिए बेमेतरा जिला में प्रशासन द्वारा कोई कार्य नही किये गए है जिसका आने वाला परिणाम घातक सिध्द होगा।Body:BmtConclusion:Bmt
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