बेमेतरा: बिरनपुर गांव में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद अब शांति है. बुधवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच शांति समिति की बैठक हुई. इसके बाद गांव में अमन चैन है. शासन प्रशासन की मौजूदगी में ग्रामीण घरों से बाहर निकले. लोगों ने एक दूसरे से मुलाकात की. गांव में सरकारी उचित मूल्य की दुकान से लोगों ने सामान खरीदा
शांति समिति की बैठक में फैसला : बुधवार को सभी समाज प्रमुखों और ग्रामीणों ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि सभी मिल जुलकर शांति से रहेंगे. गांव में पहले की तरह अमन चैन कायम रखेंगे. इस बैठक का सकारात्मक असर गांव में दिख रहा है.
अस्थायी पुलिस चौकी खोलने पर सहमति : बेमेतरा कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा, पुलिस अधीक्षक आई कल्याण एलिसेला सहित अन्य अधिकारी और पुलिस जवानों ने भी बिरनपुर गांव का दौरा किया. गांव में लोगों को राशन मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन ने व्यवस्था की. प्रशासन ने स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट और मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की है. कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा ने बताया कि ''बिरनपुर में लोगों की मांग पर अस्थाई पुलिस चौकी और मोबाइल टावर की व्यवस्था की जाएगी.''
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क्यों भड़की थी हिंसा : बिरनपुर गांव में 2 बच्चों के विवाद ने खूनी संघर्ष का रुप ले लिया.जिसमें 22 साल के युवक की मौत हुई थी. इस मौत के बाद दो समुदाय आमने सामने आ गए. हत्या के एक दिन बाद दूसरे समुदाय के लोगों का शव मिला था. जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल गांव में तैनात कर दिया गया था.वहीं इस मामले में छत्तीसगढ़ बंद भी बुलाया गया. शांति समिति की बैठक के बाद अब शांति कायम है.