बेमेतरा: कोरोना संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन की वजह से स्कूल सालभर बंद रहे. छत्तीसगढ़ में 15 अप्रैल से बोर्ड की परीक्षा होने जा रही है. ये परीक्षा 1 मई तक चलेंगी. अब कोरोना काल में सिलेबस पूरा कराना स्कूलों के लिए चुनौती है. कुछ जिलों में सिलेबस पूरा करा लिया गया है. लेकिन बेमेतरा इसमें पिछड़ गया है. अब अधूरे सिलेबस के सहारे 10वीं के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा देनी है. जिसके लिए विद्यार्थियों पर तैयारियों का बोझ बढ़ गया है. छात्र-छात्राएं दिन-रात कड़ी मेहनत कर परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.
सालभर से स्कूल बंद, बच्चों पर बोर्ड परीक्षा का बोझ बढ़ा
कोरोना काल में मोहल्ला क्लास और ऑनलाइन क्लासेस के जरिए स्कूलों का संचालन किया गया. जिसमें अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिल पाई है. करीब 50 फीसदी बच्चे इससे विभिन्न कारणों से वंचित रहे. 15 फरवरी से हाल ही में स्कूल खोले गए. जहां स्टूडेंट्स को सिलेबस पूरा कराने की बजाय परीक्षा की तैयारियों के उद्देश्य से पढ़ाया जा रहा है. लॉकडाउन के कारण बंद रहे स्कूल का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ा हैं. जहां ऑनलाइन कक्षाओं में खराब कनेक्टिविटी, गरीबी, अकेलापन और नासमझ सभी हावी रहे हैं.
इस साल 20 हजार परीक्षार्थी देंगे 10वीं की परीक्षा
इस साल जिले में 10वीं की परीक्षा में पिछले 5 सालों के मुकाबले सबसे ज्यादा परीक्षार्थी परीक्षा देंगे. कक्षा 10वीं में 20 हजार 234 और कक्षा 12वीं में 9 हजार 618 विद्यार्थी परीक्षा देंगे. कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष संबधित स्कूलों को परीक्षा केंद्र और संबंधित प्राचार्यों को केंद्राध्यक्ष बनाया गया है.
परीक्षा के मद्देनजर स्कूलों में कराई जा रही पढ़ाई
ETV भारत से बातचीत के दौरान कक्षा दसवीं के छात्र -छात्राओं ने बताया कि उनका सिलेबस पूरा नहीं हुआ है. लॉकडाउन में उन्होंने ऑनलाइन और मोहल्ला क्लास में पढ़ाई की. अब 15 फरवरी से स्कूल आ रहे हैं. जहां टीचर्स परीक्षा की तैयारी करा रहे हैं. स्कूल के अलावा घर में भी वे पढ़ाई कर रहे हैं. जिससे बेहतर अंक आने की उम्मीद है.
इधर शिक्षकों ने बताया कि अब सिलेबस पूरा कराना मुश्किल है. लेकिन छात्रों को मानसिक रूप से परीक्षा की तैयारी की जा रही है. पिछले 5 सालों में आए प्रश्नपत्रों के आधार पर छात्रों को तैयारी कराई जा रही है. ताकि उन्हें परीक्षा में कोई कठिनाई ना हो और वे अच्छे अंकों के साथ पास हो सके.
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मोहल्ला क्लास और ऑनलाइन माध्यम से हुई पढ़ाई
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी मधुलिका तिवारी ने बताया कि कोरोना काल में पढ़ई तुंहर दुआर और पढ़ई तुंहर पारा के अंतर्गत छात्रों को पढ़ाया गया है. ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से भी पढ़ाई हुई. अब स्कूल खुल गए है. स्कूल में टीचर्स बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
इस साल अपने ही सेंटर में परीक्षा देंगे छात्र
कोरोना वायरस के कारण दसवीं और बारहवीं बोर्ड के छात्रों को अपने ही स्कूल में परीक्षा देना है. इसके पहले तक परीक्षार्थियों को अपने स्कूल से दूसरे स्कूल में परीक्षा देना पड़ता था. इस व्यवस्था से अंदरूनी इलाकों के बच्चों को काफी सहूलियत होगी.