बेमेतरा: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना तहत जिले के विभिन्न स्व सहायता समूह की महिलाओं ने हर्बल गुलाल को तैयार किया है. हर्बल गुलाल पूरी तरह प्राकृतिक है. इसमें किसी भी प्रकार के रसायन का इस्तेमाल नहीं किया गया है. महिलाएं जिला जनपद कार्यालय में स्टॉल लगाकर गुलाल की बिक्री कर रही हैं.
फूलों और सब्जियों का उपयोग
जय मां कर्मा महिला स्व सहायता समूह ठेलका और झालम के महिला स्व सहायता समूह के महिलाओं ने हर्बल गुलाल तैयार किया है. समूह की महिलाओं ने कृषि विज्ञान केंद्र, बेमेतरा के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में हर्बल गुलाल तैयार किया है. हर्बल गुलाल में पलाश, टेसू के फूल, चुकंदर, पालक, लाल भाजी, गेंदा और विभिन्न फूल का उपयोग कर हर्बल गुलाल को तैयार किया गया है.
हर्बल गुलाल के फायदे
होली के दौरान कैमिकल युक्त रंग और गुलाल शरीर की त्वचा को हानि पहुंचाते हैं. ऐसे में हर्बल गुलाल का स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है. यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है. वहीं इसके आंख में चले जाने से किसी प्रकार की कोई जलन नहीं होती. यह पूरी तरह प्राकृतिक उत्पाद है.
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कृषि मंत्री को भेंट कर चुकी हैं हर्बल गुलाल
पिछले दिनों स्व सहायता समूह की महिलाओं ने रायपुर में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से मुलाकात की थी. जिसमें महिलाओं ने हर्बल गुलाल को कृषि मंत्री को भेंट किया था. मंत्री रविंद्र चौबे ने भी महिलाओं की सराहना करते हुए उनकी प्रशंसा की थी.