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Bemetara: घोरहा में चर्च निर्माण और प्रार्थना सभा का विरोध

चुनावी साल आते ही बेमेतरा में सियासी घमासान का दौर तेज हो चला है. बीजेपी नए नए मुद्दों को उठाकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. घोरहा में चर्च निर्माण और प्रार्थना सभा का विरोध किया जा रहा है. रविवार को पूर्व मंत्री दयालदास बघेल ने बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन किया है.

Protest against church construction in Bemetara
चर्च निर्माण और प्रार्थना सभा का विरोध
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Published : May 7, 2023, 8:16 PM IST

चर्च निर्माण और प्रार्थना सभा का विरोध

बेमेतरा: जिले के नांदघाट में चुनावी माहौल बन चुका है. बीजेपी एक बार फिर धर्मांतरण, चर्च निर्माण और प्रार्थना सभा को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. रविवार को पूर्व मंत्री दयालदास बघेल के नेतृत्व में घोरहा गांव के सरपंच और ग्रामीण थाने पहुंचे. इन लोगों ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है. ताकि चर्च के निर्माण पर तत्काल रोक लगाई जाए.

धर्मांतरण करवाने की कोशिश का लगाया आरोप: बीजेपी नेताओं और ग्रामीणों का कहना है कि, "इस गांव में ईसाई धर्म का कोई भी परिवार नहीं रहता है. कुछ लोग धर्मांतरण करने की फिराक में हर रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन करते हैं. चर्च निर्माण के लिए आज आधारशिला भी गांव में रखी गई है.यहां धर्मांतरण के उदेश्य से यह सब किया जा रहा है. इसलिए हम सब इसका विरोध करते हैं. यही वजह है कि चर्च निर्माण और प्रार्थना सभा का हम लोग विरोध कर रहे हैं. जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए".

सरपंच ने क्या कहा: ग्राम पंचायत घोरहा की सरपंच पुन्नी बाई वर्मा ने अपने पंचायत लेटर पेड में लिखित शिकायत की है. इस शिकायत में उन्होंने बताया है" कि हमारे गांव में कोई भी ईसाई मिशनरी नहीं है. उसके बाद भी चर्च निर्माण हो रहा है. गांव में ईसाई धर्म के प्रचार प्रसार हेतु इस धर्म का कार्यक्रम रखा जा रहा है. धर्म परिवर्तन की भी कोशिश इसी के माध्यम से किया जा रही है. जिसका पूरा गाँव और पंचायत विरोध कर रहा है. इसके बावजूद अगर गांव में चर्च और प्रार्थना स्थल का निर्माण होता है. तो इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी"

दयालदास बघेल ने बोला हल्ला: इस पूरे मामले में पूर्व मंत्री दयालदास बघेल ने मोर्चा कस लिया है. वह ग्रामीणों के साथ थाने पहुंचे और गांववालों की आवाज बुलंद की. दयालदास बघेल ने कहा कि" घोरहा गांव में कोई भी ईसाई मिशीनरी नहीं है. उसके बाद आज चर्च के लोकार्पण के लिए भारी संख्या दूर दूर से लोग पहुंचे हैं. जिसके विरोध में घोरहा सहित आसपास के ग्रामीणों के साथ वे भी थाने पहुंचे हैं. हमारी मांग है कि यहां चर्च निर्माण और प्रार्थना सभा पर रोक लगनी चाहिए. जब इस समाज के लोग यहां नहीं है तो यहां चर्च का क्या मतलब"

ये भी पढ़ें: bemetara violence: बिरनपुर हिंसा के 14 आरोपियों को साजा पुलिस ने किया गिरफ्तार

इस मामले में कार्रवाई नहीं होने पर प्रदर्शनकारी गांव वालों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. अब देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे से कैसे पार पाता है.

चर्च निर्माण और प्रार्थना सभा का विरोध

बेमेतरा: जिले के नांदघाट में चुनावी माहौल बन चुका है. बीजेपी एक बार फिर धर्मांतरण, चर्च निर्माण और प्रार्थना सभा को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. रविवार को पूर्व मंत्री दयालदास बघेल के नेतृत्व में घोरहा गांव के सरपंच और ग्रामीण थाने पहुंचे. इन लोगों ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है. ताकि चर्च के निर्माण पर तत्काल रोक लगाई जाए.

धर्मांतरण करवाने की कोशिश का लगाया आरोप: बीजेपी नेताओं और ग्रामीणों का कहना है कि, "इस गांव में ईसाई धर्म का कोई भी परिवार नहीं रहता है. कुछ लोग धर्मांतरण करने की फिराक में हर रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन करते हैं. चर्च निर्माण के लिए आज आधारशिला भी गांव में रखी गई है.यहां धर्मांतरण के उदेश्य से यह सब किया जा रहा है. इसलिए हम सब इसका विरोध करते हैं. यही वजह है कि चर्च निर्माण और प्रार्थना सभा का हम लोग विरोध कर रहे हैं. जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए".

सरपंच ने क्या कहा: ग्राम पंचायत घोरहा की सरपंच पुन्नी बाई वर्मा ने अपने पंचायत लेटर पेड में लिखित शिकायत की है. इस शिकायत में उन्होंने बताया है" कि हमारे गांव में कोई भी ईसाई मिशनरी नहीं है. उसके बाद भी चर्च निर्माण हो रहा है. गांव में ईसाई धर्म के प्रचार प्रसार हेतु इस धर्म का कार्यक्रम रखा जा रहा है. धर्म परिवर्तन की भी कोशिश इसी के माध्यम से किया जा रही है. जिसका पूरा गाँव और पंचायत विरोध कर रहा है. इसके बावजूद अगर गांव में चर्च और प्रार्थना स्थल का निर्माण होता है. तो इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी"

दयालदास बघेल ने बोला हल्ला: इस पूरे मामले में पूर्व मंत्री दयालदास बघेल ने मोर्चा कस लिया है. वह ग्रामीणों के साथ थाने पहुंचे और गांववालों की आवाज बुलंद की. दयालदास बघेल ने कहा कि" घोरहा गांव में कोई भी ईसाई मिशीनरी नहीं है. उसके बाद आज चर्च के लोकार्पण के लिए भारी संख्या दूर दूर से लोग पहुंचे हैं. जिसके विरोध में घोरहा सहित आसपास के ग्रामीणों के साथ वे भी थाने पहुंचे हैं. हमारी मांग है कि यहां चर्च निर्माण और प्रार्थना सभा पर रोक लगनी चाहिए. जब इस समाज के लोग यहां नहीं है तो यहां चर्च का क्या मतलब"

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इस मामले में कार्रवाई नहीं होने पर प्रदर्शनकारी गांव वालों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. अब देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे से कैसे पार पाता है.

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