बेमेतरा : प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस मनाया गया. वीर नारायण सिंह की याद में झालम में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. केंद्रीय गोंड महासभा के लोगों ने शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान की कहानी बताई.
केंद्रीय गोड महासभा के अतिथियों ने समाज सुधार और समाज के उत्थान को लेकर जानकारी दी. समाज में शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया गया. अतिथियों ने कार्यक्रम में कहा कि समाज में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार का भी समावेश हो, ताकि आने वाली पीढ़ी संस्कारी बन सके. उन्होंने पाश्चात्य संस्कृति का विरोध करते हुए कहा कि तेजी से बढ़ रही पश्चिमी संस्कृति भारतीयों को पतन की ओर ले जा रही है. इसलिए समाज में सुधार के लिए शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और संस्कृति का होना जरूरी है. उन्होंने बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखने की हिदायत दी.
गोंडवाना राजवंश का बताया इतिहास
केंद्रीय गोंड महासभा के अतिथियों ने भी वीर नारायण सिंह के त्याग और बलिदान की कहानी बताई. वहीं कार्यक्रम में प्रदेश के प्रसिद्ध झालम के कर्मा दल ने लोकरंग की छटा बिखेरी. समाज के लोगों ने छत्तीसगढ़ के 36 किले के गोंडवाना राजवंश के इतिहास को ताजा किया. कर्मा दल ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में पदाधिकारी, समाज के लोग और ग्रामीण उपस्थित रहे.