बेमेतरा: शहर के पुलिस थाने में लंबे समय से जमे पुलिस जवानों के स्थानांतरण को लेकर बेमेतरा विधायक आशीष छाबडा द्वारा लिखे अनुशंसा पत्र को लेकर विरोध देखने को मिला था. पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण हो जाने के बाद जवान संदीप साहू ने राज्यपाल को खत लिखकर विधायक द्वारा नीति के विरूद्ध स्थानांतरण करने और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था. जिस पर विधायक आशीष छाबडा ने पुलिस जवानों के स्थानांतरण को रूटीन प्रक्रिया बताया था. वहीं प्रधान आरक्षक ने अपने बयान का ही खंडन किया है और विधायक से माफी मांगी है.
आखिर क्या है पुरा मामला: पूरा मामला बेमेतरा का है. जहां विधायक आशीष छाबडा की अनुशंसा पर बेमेतरा थाने में पदस्थ 5 पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण हो गया है. बेमेतरा थाने से स्थानांतरण हो जाने से आहत पुलिस जवान प्रधान आरक्षक संदीप साहू ने राज्यपाल के नाम खत लिखकर विधायक द्वारा झूठा आरोप लगाकर अनुशंसा पत्र लिखे जाने की बात कही थी. साथ ही स्थानांतरण आदेश यथावत नहीं होने पर विधायक के घर के बाहर परिवार सहित आत्मदाह करने की बात कही थी.
विधायक ने अपने उपर लगे आरोप का किया खंडन: पुलिस जवान प्रधान आरक्षक संदीप साहू के द्वारा लगाए गए आरोपों का बेमेतरा विधायक आशीष छाबडा ने खंडन किया है. उन्होंने कहा कि "आरोप पूरा निराधार है. इसमें षड्यंत्र की कोई बात नहीं. सरकार का सीधा आदेश है, हर विभाग में जो अधिकारी काफी लंबे समय से एक जगह में पदस्थ है, उनको स्थानांतरण करना है. ये तो सतत प्रक्रिया है. ट्रांसफर होते रहते हैं, उसमे कहीं कोई दो मत वाली बात ही नहीं. ये जो आरोप उन्होंने लगाए, वो उनके सेवा आचरण के विपरीत है. मैं बड़े अधिकारियों से मांग करूगा कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए."
प्रधान आरक्षक ने विधायक से मांगी माफी: सोमवार को प्रधान आरक्षक से संदीप साहू ने एक पत्र जारी कर कहा कि "मेरा स्थानांतरण हो जाने से काफी आहत था और आवेश में आकर विधायक आशीष छाबडा के खिलाफ टीका टिप्पणी कर दिया था. मीडिया और अन्य विशेष पार्टी द्वारा निजी स्वार्थ के चलते जरूरत से ज्यादा बयानबाजी किया जा रहा है. मेरे द्वारा सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी से बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा की छवि धूमिल हुई है, जिसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं."
बहरहाल प्रधान आरक्षक के आरोपों को लेकर विपक्षी दलों ने बेमेतरा विधायक के खिलाफ मोर्चा खोला दिया था. मामले को लेकर राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी भी देखने को मिली. अब देखना होगा कि प्रधान आरक्षक के माफीनामे के बाद मामला शांत होगा या नहीं.