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बेमेतरा: खरीदी केंद्रों से धान उठाव में हो रही देरी, बारिश में खराब होने का डर

बेमेतरा में धान के उठाव में दरी हो रही है. ऐसे में खुले पड़े धान के खराब होने का डर बना हुआ है. जिल में अूब तक 10 लाख क्विंटल धान का उठाव हो चुका है. वहीं 6 लाख 56 हजार क्विंटल धान का उठाव अभी होना बाकी है.

Paddy pickup is delayed
धान उठाव में हो रही देरी
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Published : Aug 22, 2020, 11:58 PM IST

बेमेतरा: प्रदेश में धान खरीदी के वक्त दावा किया गया था कि वक्त रहते तय समय में धान का उठाव करवा लिया जाएगा. बारिश में धान की बर्बादी नहीं होगी. लेकिन प्रदेश के कई इलाकों में धान का उठाव नहीं हो सका है. बेमेतरा के धान संग्रहण केंद्र सरदा में भी धान का उठाव नहीं हो सका है. लिहाजा धान बारिश में भीग रहा है. प्रशासन की ओर से इसे लेकर कोई पहल नहीं की गई है.

बारिश में धान के खराब होने का डर

16 लाख 56 हजार क्विंटल धान का भंडारण
जिले के धान संग्रहण केंद्र सरदा में 16 लाख 56 हजार क्विंटल धान का भंडारण किया जा चुका है. जिनमें से 10 लाख क्विंटल धान का उठाव हो चुका है. वहीं 6 लाख 56 हजार क्विंटल धान का उठाव अभी होना बाकी है. धान अभी धान संग्रहण केंद्र में पड़े हुए हैं.

पढ़ें: नारायणपुर: नक्सलवाद का रास्ता छोड़ 2 इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर

बदलते मौसम का पडे़गा असर

कई क्विंटल धान फिलहाल खरीदी केंद्र और समतियों में हैं. कई जगहों पर खुले आसमान के निचे पड़े धान पर बदलते मौसम का प्रभाव भी पड़ रहा है. ऐसे में प्रशासन ठीक से यह भी नहीं बता पा रहा है कि पूरे धान का उठाव कब तक हो सकेगा. बता दें कलेक्टर शिव अनन्त तायल ने कुछ समिति प्रबंधकों को धान खराब होने के लेकर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था.

प्रदेश के कई जिलों में धान भीगे

साल 2020 में जनवरी-फरवरी में भी मौसम ने करवट ली थी. इस दौरान भी कई केंद्रों में बारिश के कारण धान भीग गया था. लगातार ऐसी खबरें आ रही थी. मई के महीने में जांजगीर-चांपा के खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं हो सका था. जिसके कारण कई क्विंटल धान खरीदी केंद्रों में ही बर्बाद हो रहा था. रायगढ़ से भी ऐसी ही तस्वीर सामने आई थी.

बेमेतरा: प्रदेश में धान खरीदी के वक्त दावा किया गया था कि वक्त रहते तय समय में धान का उठाव करवा लिया जाएगा. बारिश में धान की बर्बादी नहीं होगी. लेकिन प्रदेश के कई इलाकों में धान का उठाव नहीं हो सका है. बेमेतरा के धान संग्रहण केंद्र सरदा में भी धान का उठाव नहीं हो सका है. लिहाजा धान बारिश में भीग रहा है. प्रशासन की ओर से इसे लेकर कोई पहल नहीं की गई है.

बारिश में धान के खराब होने का डर

16 लाख 56 हजार क्विंटल धान का भंडारण
जिले के धान संग्रहण केंद्र सरदा में 16 लाख 56 हजार क्विंटल धान का भंडारण किया जा चुका है. जिनमें से 10 लाख क्विंटल धान का उठाव हो चुका है. वहीं 6 लाख 56 हजार क्विंटल धान का उठाव अभी होना बाकी है. धान अभी धान संग्रहण केंद्र में पड़े हुए हैं.

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बदलते मौसम का पडे़गा असर

कई क्विंटल धान फिलहाल खरीदी केंद्र और समतियों में हैं. कई जगहों पर खुले आसमान के निचे पड़े धान पर बदलते मौसम का प्रभाव भी पड़ रहा है. ऐसे में प्रशासन ठीक से यह भी नहीं बता पा रहा है कि पूरे धान का उठाव कब तक हो सकेगा. बता दें कलेक्टर शिव अनन्त तायल ने कुछ समिति प्रबंधकों को धान खराब होने के लेकर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था.

प्रदेश के कई जिलों में धान भीगे

साल 2020 में जनवरी-फरवरी में भी मौसम ने करवट ली थी. इस दौरान भी कई केंद्रों में बारिश के कारण धान भीग गया था. लगातार ऐसी खबरें आ रही थी. मई के महीने में जांजगीर-चांपा के खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं हो सका था. जिसके कारण कई क्विंटल धान खरीदी केंद्रों में ही बर्बाद हो रहा था. रायगढ़ से भी ऐसी ही तस्वीर सामने आई थी.

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