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धान खरीदी में परिवहन नहीं होने से ओवर स्टॉक के हालात, खरीदी प्रभावित

बेमेतरा में धान खरीदी में परिवहन नहीं हो रहा है. इसकी वजह से ओवर स्टॉक के हालात बन गए हैं. वहीं इसके कारण धान खरीदी प्रभावित हो रही है. इसकी वजह से किसान काफी परेशान हैं.

धान खरीदी प्रभावित
धान खरीदी प्रभावित
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Published : Dec 13, 2019, 1:19 PM IST

Updated : Dec 13, 2019, 1:35 PM IST

बेमेतरा: जिले में धान खरीदी शुरू होने के 12 दिन बाद भी धान का परिवहन शुरू नहीं किया गया है. परिवहन के अभाव में केंद्रों में धान का भंडारण क्षमता से अधिक होने लगा है.

परिवहन नहीं होने से ओवर स्टॉक के हालात
बता दें कि जिले के झाल, हाटहाडाडु, मुरता, संबलपुर में केन्द्रों की क्षमता से दोगुना से अधिक धान का स्टोरेज हो चुका है. वहीं बिना पूर्व तैयारी के धान खरीदी के कारण हो रही अव्यवस्थाओं ने शासन-प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी है.

जिले में बीते 12 दिनों में 7 लाख 69 हजार 670 क्विंटल धान खरीदें जा चुके हैं.

  • 47634 क्विंटल मोटा धान.
  • 346258 क्विंटल महामाया धान.
  • 139634 क्विंटल पतला धान.
  • 82 क्विंटल एचएमटी धान.
  • 944 क्विंटल आईआर धान.
  • 36 और 235116 क्विंटल सरना धान है.

जिले के 91 धान खरीदी केंद्रों में 16 हजार 428 किसानों से 92 करोड़ का धान खरीदा जा चुका है.

खरीदी केंद्रों में ओवर स्टॉक की स्थिति

जिले के 91 केन्द्रों में से 51 केन्द्रों में क्षमता से अधिक भंडारण हो चुका है. ओवर स्टॉक के शिकार हो रहे कई केंद्र ऐसे भी हैं, जहां पर क्षमता से दो गुना-तीन गुना अधिक भंडारण हो चुका है.

परिवहन नहीं होने से बढ़ी परेशानी
जिले में धान खरीदी शुरू हुए 12 दिन हो गए और 12 दिनों में खरीदी केंद्रों में ओवर स्टॉक कि स्थिति है. वहीं अभी तक धान का परिवहन शुरू नहीं हो पाया है, जिससे खरीदी प्रभावित हो रही है. वहीं आने वाले दिनों में हालात यदि ऐसे ही रहे तो धान खरीदी बंद हो जाएगी.

बारदाने की समस्या बढ़ी
अधिकतर सेवा सहकारी समितियों में बारदाने नहीं हैं, जिससे खरीदी प्रभावित हो रही है. खरीदी से पूर्व जिला प्रशासन की ओर से पर्याप्त बारदाने होने की बात कही जा रही थी, जिसकी पोल 12 दिनों की खरीदी ने ही खोल कर रख दी है. जैसे-तैसे पुराने बारदाने से खरीदी चल रही थी, वह भी अब खत्म हो गया है. वहीं नए बारदाने नहीं होने से खरीदी प्रभावित हो रही है.

पढ़े: माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10 वीं और 12वीं के समय सारणी किए घोषित

बाजार में नहीं बिक रहा धान
प्रदेश सरकार ने प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान लेने की बात कही है. वहीं उत्पादन प्रति एकड़ 22 से 25 क्विंटल का हुआ है, जिसे किसान नहीं बेच पा रहे हैं. प्रशासन के बढ़ते दबाव के कारण कोचियों ने धान लेना बंद कर दिया है. इससे किसान परेशान है और हार्वेस्टिंग का खर्च नहीं दे पा रहे हैं.

बेमेतरा: जिले में धान खरीदी शुरू होने के 12 दिन बाद भी धान का परिवहन शुरू नहीं किया गया है. परिवहन के अभाव में केंद्रों में धान का भंडारण क्षमता से अधिक होने लगा है.

परिवहन नहीं होने से ओवर स्टॉक के हालात
बता दें कि जिले के झाल, हाटहाडाडु, मुरता, संबलपुर में केन्द्रों की क्षमता से दोगुना से अधिक धान का स्टोरेज हो चुका है. वहीं बिना पूर्व तैयारी के धान खरीदी के कारण हो रही अव्यवस्थाओं ने शासन-प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी है.

जिले में बीते 12 दिनों में 7 लाख 69 हजार 670 क्विंटल धान खरीदें जा चुके हैं.

  • 47634 क्विंटल मोटा धान.
  • 346258 क्विंटल महामाया धान.
  • 139634 क्विंटल पतला धान.
  • 82 क्विंटल एचएमटी धान.
  • 944 क्विंटल आईआर धान.
  • 36 और 235116 क्विंटल सरना धान है.

जिले के 91 धान खरीदी केंद्रों में 16 हजार 428 किसानों से 92 करोड़ का धान खरीदा जा चुका है.

खरीदी केंद्रों में ओवर स्टॉक की स्थिति

जिले के 91 केन्द्रों में से 51 केन्द्रों में क्षमता से अधिक भंडारण हो चुका है. ओवर स्टॉक के शिकार हो रहे कई केंद्र ऐसे भी हैं, जहां पर क्षमता से दो गुना-तीन गुना अधिक भंडारण हो चुका है.

परिवहन नहीं होने से बढ़ी परेशानी
जिले में धान खरीदी शुरू हुए 12 दिन हो गए और 12 दिनों में खरीदी केंद्रों में ओवर स्टॉक कि स्थिति है. वहीं अभी तक धान का परिवहन शुरू नहीं हो पाया है, जिससे खरीदी प्रभावित हो रही है. वहीं आने वाले दिनों में हालात यदि ऐसे ही रहे तो धान खरीदी बंद हो जाएगी.

बारदाने की समस्या बढ़ी
अधिकतर सेवा सहकारी समितियों में बारदाने नहीं हैं, जिससे खरीदी प्रभावित हो रही है. खरीदी से पूर्व जिला प्रशासन की ओर से पर्याप्त बारदाने होने की बात कही जा रही थी, जिसकी पोल 12 दिनों की खरीदी ने ही खोल कर रख दी है. जैसे-तैसे पुराने बारदाने से खरीदी चल रही थी, वह भी अब खत्म हो गया है. वहीं नए बारदाने नहीं होने से खरीदी प्रभावित हो रही है.

पढ़े: माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10 वीं और 12वीं के समय सारणी किए घोषित

बाजार में नहीं बिक रहा धान
प्रदेश सरकार ने प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान लेने की बात कही है. वहीं उत्पादन प्रति एकड़ 22 से 25 क्विंटल का हुआ है, जिसे किसान नहीं बेच पा रहे हैं. प्रशासन के बढ़ते दबाव के कारण कोचियों ने धान लेना बंद कर दिया है. इससे किसान परेशान है और हार्वेस्टिंग का खर्च नहीं दे पा रहे हैं.

Intro:एंकर-जिले में धान खरीदी शुरू होने के 12 दिन बाद भी धान का परिवहन शुरू नहीं किया गया है। परिवहन के अभाव में केंद्रों में धान का भंडारण क्षमता से अधिक होने लगा है। जिले के झाल, हाटहाडाडु, मुरता, संबलपुर में केन्द्रों की क्षमता से दोगुना से अधिक धान का स्टोरेज हो चुका है बिना पूर्व तैयारी के धान खरीदी के कारण हो रही अव्यवस्थाओ ने शासन प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी है।Body:जिले में बिते 12 दिनो में 7 लाख69 हजार 670 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। जिसमें 47634 क्विंटल मोटा, 346258 क्विंटल महामाया, 139634 क्विंटल पतला, 82 क्विंटल एचएमटी, 944 क्विंटल आईआर 36 व 235116 क्विंटल सरना धान है। जिले के 91 धान खरीदी केंद्रों में 16हजार 428 किसानों से 92 करोड़ का धान खरीदा जा चुका है।
(खरीदी केंद्रों में ओवर स्टॉक की स्थिति)
जिले के 91 केन्द्रों में से 51 केन्द्रों में क्षमता से अधिक भंडारण हो चुका है। ओवरस्टाक के शिकार हो रहे कई केंद्र ऐसे भी हैं, जहां पर क्षमता से दो गुना - तीन गुना अधिक भंडारण हो चुका है और धान खरीदी के बाद रखने के लिए जगह नही है।Conclusion:(परिवहन नही होने से बढ़ी परेशानी)
जिले में धान खरीदी शुरू हुए 12 दिन हो गए और 12 दिनों में खरीदी केंद्रों में ओवर स्टॉक कि स्थिति है और अभी तक धान का परिवहन शुरू नही हो पाया है जिससे खरीदी प्रभावित हो रही है आने वाले दिनों में हालात यदि ऐसे ही रहे तो धान खरीदी बंद हो जाएगी।
(बारदाने की समस्या बढी)
अधिकतर सेवा सहकारी समिति मे बारदाने नही है जिससे खरीदी प्रभावित हो रही है खरीदी से पूर्व जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त बारदाने होने की बात कही जा रही थी जिसकी पोल 12 दिनों के खरीदी ने ही खोल कर रख दी है जैसे तैसे पुराने बार खरीदी चल रही थी वह भी नए बारदाने नही होने से खरीदी प्रभावित हो रही है।
(बाजार में नही बिक रहा धान)
प्रदेश सरकार ने प्रति एकड़ 15 क्यूंटल धान लेने की बात कही है और उत्पादन प्रति एकड़ 22 से 25 क्यूंटल का हुआ है जिसे किसान नही बेच पा रहा है प्रशासन के बढ़ते दबाव कर कारण कोचियों ने धान लेना बंद कर दिया है जिससे किसान परेशान है और हार्वेस्टिंग का खर्च नही दे पा रहे है।
बाईट-1 सागर साहू किसान हटहाडाडु
बाईट-2 शिखा राजपूत तिवारी कलेक्टर बेमेतरा
Last Updated : Dec 13, 2019, 1:35 PM IST
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