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बेमेतरा: किराये के मकान में संचालित हो रही 127 आंगनबाड़ी केंद्र, 20 सरकारी भवनों का हाल बेहाल

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Published : Oct 4, 2020, 11:02 PM IST

बेमेतरा में जर्जर आंगनबाड़ी भवनों को डिस्मेंटल करने और मरम्मत कराने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पत्र लिखा है. कई जर्जर आंगनबाड़ी भवनों के गिरने का डर सता रहा है. जिससे कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है.

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जर्जर आंगनबाड़ी भवन

बेमेतरा: जिले में जर्जर आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग सजग दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसे में भवन के गिरने का डर सता रहा है. जिससे कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है. जिले में सालों से सैकड़ों आंगनबाड़ी किराये के भवन में संचालित हो रही है. विभाग नए भवन निर्माण कराने पर ध्यान नहीं दे रहा है.

आंगनबाड़ी भवन जर्जर

जिले में दर्जन भर से ज्यादा आंगनबाड़ी भवन जर्जर स्थिति में है. जो कभी भी गिर सकता है. जिससे कभी भी बड़ी अप्रिय घटना हो सकती है. जिसकी जिम्मेदारों को कोई परवाह नहीं है. संबंधित विभाग इसे ढहाने की भी कोई योजना बनाते नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में विभाग जिले में आंगनबाड़ी किराए के भवनों से संचालन करने को मजबूर है. सालों से आंगनबाड़ी का क्रियान्वयन किराये के भवनों में किया जा रहा है. आंगनबाड़ी के नए भवनों के निर्माण पर विभाग ने अबतक कोई पहल नहीं किया है.

पढ़ें: जगदलपुर: गुमलवाड़ा गांव में ग्रामीण की हत्या, एसपी ने जताई नक्सली वारदात की आशंका

127 आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवन में संचालित

आंकड़ों की मानें तो जिले के 127 आंगनबाड़ी किराये के भवन से संचालित हो रही है. वहीं 20 भवन जर्जर है. विगत 10 सालों से ग्रामीणों की मांग के बाद भी अबतक नए भवन का निर्माण नहीं कराया गया है. विभाग लगातार मनमानी पर उतारू नजर आ रहा है.

डिस्टमेंटल के लिए आरईएस विभाग को लिखा पत्र
मामले में पूछे जाने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी अनीता अग्रवाल ने बताया कि जिले में 127 आंगनबाड़ी भवन को किराये के मकान में संचालित कराया जा रहा है. वहीं 20 भवन डिस्मेंटल के लायक है. जिनके डिस्मेंटल के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पत्र लिखा गया है.

बेमेतरा: जिले में जर्जर आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग सजग दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसे में भवन के गिरने का डर सता रहा है. जिससे कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है. जिले में सालों से सैकड़ों आंगनबाड़ी किराये के भवन में संचालित हो रही है. विभाग नए भवन निर्माण कराने पर ध्यान नहीं दे रहा है.

आंगनबाड़ी भवन जर्जर

जिले में दर्जन भर से ज्यादा आंगनबाड़ी भवन जर्जर स्थिति में है. जो कभी भी गिर सकता है. जिससे कभी भी बड़ी अप्रिय घटना हो सकती है. जिसकी जिम्मेदारों को कोई परवाह नहीं है. संबंधित विभाग इसे ढहाने की भी कोई योजना बनाते नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में विभाग जिले में आंगनबाड़ी किराए के भवनों से संचालन करने को मजबूर है. सालों से आंगनबाड़ी का क्रियान्वयन किराये के भवनों में किया जा रहा है. आंगनबाड़ी के नए भवनों के निर्माण पर विभाग ने अबतक कोई पहल नहीं किया है.

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127 आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवन में संचालित

आंकड़ों की मानें तो जिले के 127 आंगनबाड़ी किराये के भवन से संचालित हो रही है. वहीं 20 भवन जर्जर है. विगत 10 सालों से ग्रामीणों की मांग के बाद भी अबतक नए भवन का निर्माण नहीं कराया गया है. विभाग लगातार मनमानी पर उतारू नजर आ रहा है.

डिस्टमेंटल के लिए आरईएस विभाग को लिखा पत्र
मामले में पूछे जाने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी अनीता अग्रवाल ने बताया कि जिले में 127 आंगनबाड़ी भवन को किराये के मकान में संचालित कराया जा रहा है. वहीं 20 भवन डिस्मेंटल के लायक है. जिनके डिस्मेंटल के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पत्र लिखा गया है.

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