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बेमेतरा: कृमि मुक्ति कार्यक्रम की हुई शुरुआत, 3 लाख से ज्यादा बच्चों को खिलाई जाएंगी गोलियां

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Published : Sep 24, 2020, 2:13 PM IST

Updated : Sep 24, 2020, 4:23 PM IST

बेमेतरा में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. 23 से 30 सितंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन दीदियां 1 वर्ष के बच्चे से लेकर 19 वर्ष तक युवाओं को कृमि नाशक गोली खिलाएंगी.

Collectorate Bemetara
कलेक्ट्रेट बेमेतरा

बेमेतरा: जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का शुरुआत हो चुकी है. ये कार्यक्रम 30 सितंबर तक जारी रहेगा. इसके अंतर्गत 1 वर्ष के बच्चे से लेकर 19 वर्ष तक युवाओं को कृमि नाशक एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जायेगी. कृमि मुक्ति दवा खिलाने के लिए जिले के मितानिन दीदी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. ये मितानित दीदियां जिले के 3 लाख 50 हजार बच्चों को दवा खिलायी जाएगी.

Health Department Office Bemetra
स्वास्थ्य विभाग कार्यालय बेमेतरा

पढ़ें- छत्तीसगढ़ में 23 से 30 सितंबर तक चलाया जाएगा कृमि-मुक्ति दिवस

कलेक्टर शिव अनन्त तायल ने सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिन दीदी को कार्यक्रम में भाग लेने से पूर्व कोविड की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के बचाव किया जा सकें. जांच पूरी होने के बाद सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन दीदी अपने क्षेत्र और ग्राम में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम को सफल बनाने का प्रयास करेगी.

कृमि नाशक दवा से बच्चें रहेंगे स्वस्थ

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसके शर्मा ने बताया कि कृमि की वजह से कुपोषण व खून में कमी हो जाती है. इस वजह से बच्चों में हमेशा थकावट रहती है. कृमि नाशक दवा से पेट में पनप रहे कृमि खत्म होंगे. कृमि के बचाव हेतु आसपास सफाई नाखून छोटे रखना, खुले भोजन नहीं करना इत्यादि बचाव बताये गए हैं.डॉ सतीश शर्मा ने कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए उन्होंने कहां कि आप स्वस्थ है तो कोरोना से बचने के लिए सावधानियों का पालन करें. घर से निकलते समय मास्क जरूर पहने, भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचे एक दूसरे से कम से कम 3 से 6 फीट की दूरी बनाए.

क्या होता है कृमि

'कृमि लोगों के पेट और आंतों के भीतर रहने वाले परजीवी हैं. लोग जो भोजन करते हैं उसमें से जब पोषक तत्व शरीर अलग करता है तो उस पोषक तत्व को कृमि खा लेते हैं. जिससे लोगों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है. कृमि के कारण ही एनीमिया मतलब खून की कमी की बीमारी भारत में काफी बढ़ी है क्योंकि खून बनने की प्रक्रिया के पहले ही पोषक तत्व कृमि खा लेते हैं. इसके अलावा बच्चों में कुपोषण भी कृमि की वजह से होता है'.

बेमेतरा: जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का शुरुआत हो चुकी है. ये कार्यक्रम 30 सितंबर तक जारी रहेगा. इसके अंतर्गत 1 वर्ष के बच्चे से लेकर 19 वर्ष तक युवाओं को कृमि नाशक एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जायेगी. कृमि मुक्ति दवा खिलाने के लिए जिले के मितानिन दीदी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. ये मितानित दीदियां जिले के 3 लाख 50 हजार बच्चों को दवा खिलायी जाएगी.

Health Department Office Bemetra
स्वास्थ्य विभाग कार्यालय बेमेतरा

पढ़ें- छत्तीसगढ़ में 23 से 30 सितंबर तक चलाया जाएगा कृमि-मुक्ति दिवस

कलेक्टर शिव अनन्त तायल ने सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिन दीदी को कार्यक्रम में भाग लेने से पूर्व कोविड की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के बचाव किया जा सकें. जांच पूरी होने के बाद सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन दीदी अपने क्षेत्र और ग्राम में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम को सफल बनाने का प्रयास करेगी.

कृमि नाशक दवा से बच्चें रहेंगे स्वस्थ

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसके शर्मा ने बताया कि कृमि की वजह से कुपोषण व खून में कमी हो जाती है. इस वजह से बच्चों में हमेशा थकावट रहती है. कृमि नाशक दवा से पेट में पनप रहे कृमि खत्म होंगे. कृमि के बचाव हेतु आसपास सफाई नाखून छोटे रखना, खुले भोजन नहीं करना इत्यादि बचाव बताये गए हैं.डॉ सतीश शर्मा ने कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए उन्होंने कहां कि आप स्वस्थ है तो कोरोना से बचने के लिए सावधानियों का पालन करें. घर से निकलते समय मास्क जरूर पहने, भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचे एक दूसरे से कम से कम 3 से 6 फीट की दूरी बनाए.

क्या होता है कृमि

'कृमि लोगों के पेट और आंतों के भीतर रहने वाले परजीवी हैं. लोग जो भोजन करते हैं उसमें से जब पोषक तत्व शरीर अलग करता है तो उस पोषक तत्व को कृमि खा लेते हैं. जिससे लोगों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है. कृमि के कारण ही एनीमिया मतलब खून की कमी की बीमारी भारत में काफी बढ़ी है क्योंकि खून बनने की प्रक्रिया के पहले ही पोषक तत्व कृमि खा लेते हैं. इसके अलावा बच्चों में कुपोषण भी कृमि की वजह से होता है'.

Last Updated : Sep 24, 2020, 4:23 PM IST
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