अस्पताल में 24 घंटे स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं है. इस अस्पताल में 6 डॉक्टर 16 नर्सिंग स्टॉफ है, लेकिन ये भी आपसी तालमेल से छुट्टी मार लेते हैं. मरीजों की माने तो यहां डॉक्टर सुबह के बाद सीधे शाम को राउंड लगाते हैं. साफ-सफाई पर अस्पताल प्रबंधन को आये दिन कलेक्टर की फटकार मिलती है, बावजूद इसके कोई असर नहीं हुआ है.
इस अस्पताल में सप्ताह में मात्र 2 दिन सोनोग्राफी होती है. अस्पताल के चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. खुले में डस्टबिन के कचरे जलाये जाते है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है. अस्पताल परिसर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ पर भी मरीज के परिजनों से बदसलूकी के आरोप लगते रहे हैं.