ETV Bharat / state

बेमेतरा: विकासकार्य के नाम पर हरियाली की दी जा रही बलि, काटे गए कई पेड़ - एनएच 30

जिला मुख्यालय में सौंदर्यीकरण का काम जारी है. जिसके तहत सड़क चौड़ीकरण और नाली का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन विकासकार्यों के नाम पर सालों पुराने पेड़ों को भी काटा जा रहा है. कवर्धा से सिमगा रोड पर पेड़ो की आधाधुंद कटाई जारी है.

Felling of trees in Bemetara
विकास के नाम पर पेड़ों की बलि
author img

By

Published : Oct 9, 2020, 3:50 PM IST

Updated : Oct 9, 2020, 4:54 PM IST

बेमेतरा: जिले में इन दिनों लगातार पेड़ों की कटाई की जा रही है. नगर में विकास कार्य के नाम पर पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है. उसकी तुलना में पौधरोपण और सुरक्षा के अभाव में जिले के मुख्य मार्ग से हरियाली गायब हो रही है. नगर में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर मुख्य सड़क के दोनों ओर से सालो पुराने पेड़ अंधाधुन काटे जा रहे हैं.

विकास के नाम पर पेड़ों की बलि

शहर में विकास के लिए बेहतर काम किए जा रहे हैं. लेकिन विकास के नाम पर पेड़ों की बलि चिंतनीय विषय है. यह कोई नई बात नहीं है, जब निर्माण कार्य के नाम पर हरियाली का हनन किया जा रहा है. इससे पहले भी लगातार पेड़ों की कटाई होती रही है. पहले भी जिला मुख्यालय में NH30 के निर्माण के लिए 1 हजार 419 पेड़ काटे गए थे. इसके बदले सालों बाद पौधरोपण किया गया, लेकिन उन पौधों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए किसी भी तरह के इंतजाम प्रसाशने नहीं किया है. सालों से इन पेड़ों के संरक्षण की मांग उठती आ रही है. लेकिन जिम्मेदार इसकी सुध ही नहीं ले रहे हैं.

कोरबा: पेड़ काटने की शिकायत पर वन विभाग का सुस्त रवैया, आदिवासी विकास परिषद ने किया धरना प्रदर्शन

सौंदर्यीकरण के नाम पर पेड़ो की बलि

पेड़ काटने की अनुमति कलेक्टर की ओर से भू राजस्व संहिता 240,241 के तहत दी जाती है. जिसमें बकायदा चिन्हांकित क्षेत्र में काटे गए पेड़ों से 2 गुना पौधे लगाने और संरक्षण की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है. लेकिन शहर में इस पर सकारात्मक पहल होते नजर नहीं आ रहा है.

Felling of trees in Bemetara
पेड़ों की कटाई

NH निर्माण में जिले के 24 गांव के पेड़ कटे

कवर्धा से सिमगा रोड पर टू लेन सड़क के निर्माण के लिए जिले की सीमा के अंतर्गत आने वाले 24 गांव में कुल 1हजार 490 पेड़ काटे गए हैं. वन विभाग ने पेड़ों की कटाई करके बकायदा उन पेड़ों की नीलामी भी की थी. नगर के समाजसेवी ताराचंद महेश्वरी ने कहा की जरूरी न हो तो पेड़ों की कटाई नहीं की जानी चाहिए. शहर में हरियाली और ऑक्सीजन की दृषिकोण से पौधरोपण करना अनिवार्य है.

बेमेतरा: जिले में इन दिनों लगातार पेड़ों की कटाई की जा रही है. नगर में विकास कार्य के नाम पर पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है. उसकी तुलना में पौधरोपण और सुरक्षा के अभाव में जिले के मुख्य मार्ग से हरियाली गायब हो रही है. नगर में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर मुख्य सड़क के दोनों ओर से सालो पुराने पेड़ अंधाधुन काटे जा रहे हैं.

विकास के नाम पर पेड़ों की बलि

शहर में विकास के लिए बेहतर काम किए जा रहे हैं. लेकिन विकास के नाम पर पेड़ों की बलि चिंतनीय विषय है. यह कोई नई बात नहीं है, जब निर्माण कार्य के नाम पर हरियाली का हनन किया जा रहा है. इससे पहले भी लगातार पेड़ों की कटाई होती रही है. पहले भी जिला मुख्यालय में NH30 के निर्माण के लिए 1 हजार 419 पेड़ काटे गए थे. इसके बदले सालों बाद पौधरोपण किया गया, लेकिन उन पौधों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए किसी भी तरह के इंतजाम प्रसाशने नहीं किया है. सालों से इन पेड़ों के संरक्षण की मांग उठती आ रही है. लेकिन जिम्मेदार इसकी सुध ही नहीं ले रहे हैं.

कोरबा: पेड़ काटने की शिकायत पर वन विभाग का सुस्त रवैया, आदिवासी विकास परिषद ने किया धरना प्रदर्शन

सौंदर्यीकरण के नाम पर पेड़ो की बलि

पेड़ काटने की अनुमति कलेक्टर की ओर से भू राजस्व संहिता 240,241 के तहत दी जाती है. जिसमें बकायदा चिन्हांकित क्षेत्र में काटे गए पेड़ों से 2 गुना पौधे लगाने और संरक्षण की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है. लेकिन शहर में इस पर सकारात्मक पहल होते नजर नहीं आ रहा है.

Felling of trees in Bemetara
पेड़ों की कटाई

NH निर्माण में जिले के 24 गांव के पेड़ कटे

कवर्धा से सिमगा रोड पर टू लेन सड़क के निर्माण के लिए जिले की सीमा के अंतर्गत आने वाले 24 गांव में कुल 1हजार 490 पेड़ काटे गए हैं. वन विभाग ने पेड़ों की कटाई करके बकायदा उन पेड़ों की नीलामी भी की थी. नगर के समाजसेवी ताराचंद महेश्वरी ने कहा की जरूरी न हो तो पेड़ों की कटाई नहीं की जानी चाहिए. शहर में हरियाली और ऑक्सीजन की दृषिकोण से पौधरोपण करना अनिवार्य है.

Last Updated : Oct 9, 2020, 4:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.