बेमेतरा: बारदाना और परिवहन की समस्या के कारण धान खरीदी बार-बार प्रभावित हो रही है. सबसे बड़ी परेशानी बारदाना की है, जिससे अन्नदाता दोहरी मार झेलने को मजबूर है. उन्हें अपना धान भी बेचना है और धान खरीदी केंद्रों में पर्याप्त बारदाना भी नहीं है. बाजार में बारदाना के भाव आसमान छुते नजर आ रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के मद्देनजर हुए लॉकडाउन की वजह से जूट उद्योग बंद थे और अपेक्षाकृत बारदाने का निर्माण नहीं हो पाया है. इसका साफ असर धान खरीदी में देखा जा रहा है. क्षमता के अनुरूप बारदाना उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, जिससे लगातार धान खरीदी प्रभावित हो रही है. किसान बाजार से 30 रुपये की दर से बारदाना लेने को मजबूर हैं.
किसानों को प्रति बारदाना 15 रुपये का नुकसान
किसानों को एक बारदाने का सेवा सहकारी समिति से 15 रुपये का भुगतान होता है. किसानों को प्रति बारदाना 15 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं बीते साल का बारदाना का अब तक किसानों का भुगतान नहीं हुआ है. किसान पिछली राशि के लिए अब भी भटकते नजर आ रहे हैं.
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क्षेत्र के किसान विकास तिवारी और संतोष यादव ने बताया कि धान खरीदी में बारदाना संकट दूर होने का नाम नहीं ले रहा है. उन्हें बाजार से महंगे दर पर बारदाना खरीदना पड़ रहा है. वहीं मामले में डीएमओ डीएल चंद्राकर बारदाना आते ही सप्लाई करने की बात कह रहे हैं.
अवैध धान बिक्री को रोकने बनाए गए चेक पोस्ट
बेमेतरा जिले में 102 समितियों के 113 धान उपार्जन केंद्र के माध्यम से धान खरीदी का काम किया जा रहा है. जिले में अब तक कुल 26 लाख 78 हजार 673 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है. वहीं अवैध धान बिक्री को रोकने प्रशासन ने 9 चेक पोस्ट भी बनाए हैं.