बेमेतरा: पिछले दस दिनों से बारिश नहीं होने से धान की फसल खेतों में सूख कर बर्बाद हो रही है, जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. वहीं बादलों की दगाबाजी ने किसानों के तमाम उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
हाल ही में जिले के किसानों ने अपनी फसल में खरपतवार नाशक का दवाओं का छिड़काव किया है. जिसका पानी के आभाव में कोई असर नहीं हुआ है. अब जहां फसल को बारिश की दरकार है. वहीं 10 दिनों से बारिश नहीं होने से खेत सूखे पड़े हैं, जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे है.
चालू सत्र में प्रशासन ने धान के रकबे में 12 हजार 990 हेक्टेयर की कमी कर 1 लाख 73 हजार 730 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लेना प्रस्तावित किया है. हालांकि बेमेतरा जिलेमें धान का रकबा कम नहीं हुआ है.
आज प्रदेश में एक-दो जगहों पर हो सकती है भारी बारिश, 18 जुलाई तक 371 मिमी औसत वर्षा दर्ज
बिना पानी किसानी कार्य ठप, किसान परेशान
किसानों ने कहा कि विगत 10 दिनों से बारिश नहीं होने से खेतों में भरा पानी सूख गया है, जिससे धान भी सूखने लगी है. किसानों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही खेतों में खरपतवार नाशक का छिड़काव किया गया है, लेकिन पानी के अभाव में असर होता नजर नहीं आ रहा है. वहीं खेतों में निंदाई का कार्य भी करते नहीं बन रहा है. जिससे वे परेशान हैं और बारिश की आस लगाए बैठे हैं.
बारिश में देरी को लेकर राजधानी के लालपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एचपी चंद्रा का कहना है कि जून के पहले सप्ताह से ही छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश हुई और यह बारिश पूरे प्रदेश में 24 जून तक देखने को मिली है. उसके बाद से सिस्टम कमजोर होने के कारण एक तरह से पिछले 20 दिनों से मानसून ब्रेक जैसी स्थिति देखने को मिल रही है.
मानसून द्रोणिका नागालैंड और हिमालय की तराई पर स्थित होने के कारण सिस्टम कमजोर हुआ है. जून महीने में प्रदेश के 8 जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई, जिसमें सबसे ज्यादा सुकमा जिले में 123% बारिश हुई है. मौसम विभाग का कहना है कि जो सिस्टम कमजोर हुआ है उसके 18 जुलाई से प्रबल होने की संभावना बनी हुई है. 20 जुलाई से लेकर 23 जुलाई तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावनाएं बन रही है. इस दौरान प्रदेश के एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई है.