बेमेतरा: जिले में चार साल से सूखे की स्थिति है. बावजूद इसके किसान धान की खेती में ज्यादा रुची ले रहे हैं. इसके पीछे धान पर समर्थन मूल्य और बोनस को कारण बताया जा रहा है. जबकि धान के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है और जिले में चार साल से औसत से भी काफी कम बारिश हो रही है.
इस साल भी मानसून आये लगभग एक महीना होने को है और जिले में बारिश की स्थिति बेहद खराब है. हालात ये हैं कि जिले में सैकड़ों एकड़ में लगी फसल सूखने के कगार पर है. खेतों में दरारें पड़ रही है और बीते 12 दिनों से बारिश नहीं हुई है.
किसानों को उठाना पड़ सकता है नुकसान
कम बारिश और पानी की कमी के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें आने लगी है. किसान जिले में पानी की समस्या को लेकर चिंतत हैं. अगर इस साल बारिश नहीं हुई तो जिले के किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. वहीं किसान कम पानी में होने वाली फसल सोयाबीन को छोड़ धान की फसल उगा रहे हैं. जिससे आने वाले दिनों में और ज्यादा पानी की समस्या हो सकती है.
17-18 जुलाई को होगी बारिश!
कृषि के जानकार बताते हैं अगर अगले 15 दिनों में बारिश नहीं हुई तो जिले में लोगों को पीने के पानी के लिए भी सोचना पड़ सकता है. हालांकि मौसम विभाग ने 17 और 18 जुलाई को जिले में अच्छी बारिश की संभावना जताई है. वहीं धान के बढ़ते रकबे को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले के किसानों को जल संरक्षण और सोयाबीन की फसल उगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है.