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बारिश नहीं होने से किसानों के चेहरे पर छाई मायूसी, करोड़ों के नुकसान की आशंका - मानसून

इस साल भी मानसून आये लगभग एक महीना होने को है और जिले में बारिश की स्थिति बेहद खराब है. हालात ये हैं कि जिले में सैकड़ों एकड़ में लगी फसल सूखने के कगार पर है. खेतों में दरारें पड़ रही है और बीते 12 दिनों से बारिश नहीं हुई है.

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Published : Jul 18, 2019, 3:19 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 7:46 PM IST

बेमेतरा: जिले में चार साल से सूखे की स्थिति है. बावजूद इसके किसान धान की खेती में ज्यादा रुची ले रहे हैं. इसके पीछे धान पर समर्थन मूल्य और बोनस को कारण बताया जा रहा है. जबकि धान के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है और जिले में चार साल से औसत से भी काफी कम बारिश हो रही है.

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इस साल भी मानसून आये लगभग एक महीना होने को है और जिले में बारिश की स्थिति बेहद खराब है. हालात ये हैं कि जिले में सैकड़ों एकड़ में लगी फसल सूखने के कगार पर है. खेतों में दरारें पड़ रही है और बीते 12 दिनों से बारिश नहीं हुई है.

किसानों को उठाना पड़ सकता है नुकसान
कम बारिश और पानी की कमी के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें आने लगी है. किसान जिले में पानी की समस्या को लेकर चिंतत हैं. अगर इस साल बारिश नहीं हुई तो जिले के किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. वहीं किसान कम पानी में होने वाली फसल सोयाबीन को छोड़ धान की फसल उगा रहे हैं. जिससे आने वाले दिनों में और ज्यादा पानी की समस्या हो सकती है.

17-18 जुलाई को होगी बारिश!
कृषि के जानकार बताते हैं अगर अगले 15 दिनों में बारिश नहीं हुई तो जिले में लोगों को पीने के पानी के लिए भी सोचना पड़ सकता है. हालांकि मौसम विभाग ने 17 और 18 जुलाई को जिले में अच्छी बारिश की संभावना जताई है. वहीं धान के बढ़ते रकबे को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले के किसानों को जल संरक्षण और सोयाबीन की फसल उगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

बेमेतरा: जिले में चार साल से सूखे की स्थिति है. बावजूद इसके किसान धान की खेती में ज्यादा रुची ले रहे हैं. इसके पीछे धान पर समर्थन मूल्य और बोनस को कारण बताया जा रहा है. जबकि धान के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है और जिले में चार साल से औसत से भी काफी कम बारिश हो रही है.

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इस साल भी मानसून आये लगभग एक महीना होने को है और जिले में बारिश की स्थिति बेहद खराब है. हालात ये हैं कि जिले में सैकड़ों एकड़ में लगी फसल सूखने के कगार पर है. खेतों में दरारें पड़ रही है और बीते 12 दिनों से बारिश नहीं हुई है.

किसानों को उठाना पड़ सकता है नुकसान
कम बारिश और पानी की कमी के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें आने लगी है. किसान जिले में पानी की समस्या को लेकर चिंतत हैं. अगर इस साल बारिश नहीं हुई तो जिले के किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. वहीं किसान कम पानी में होने वाली फसल सोयाबीन को छोड़ धान की फसल उगा रहे हैं. जिससे आने वाले दिनों में और ज्यादा पानी की समस्या हो सकती है.

17-18 जुलाई को होगी बारिश!
कृषि के जानकार बताते हैं अगर अगले 15 दिनों में बारिश नहीं हुई तो जिले में लोगों को पीने के पानी के लिए भी सोचना पड़ सकता है. हालांकि मौसम विभाग ने 17 और 18 जुलाई को जिले में अच्छी बारिश की संभावना जताई है. वहीं धान के बढ़ते रकबे को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले के किसानों को जल संरक्षण और सोयाबीन की फसल उगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

Intro:एंकर-प्रदेश सरकार के लोकलुभावन धान के बिक्री में समर्थन मूल्य और बोनस की राशि मे वृद्धि को लेकर किसानो का धान के प्रति प्रेम बढ़ा है वही सोयाबीन से किसानों का मोहभंग हो रहा है जिससे भविष्य में जिले में धान का रकबा लगातार बढ़ रहा है जिससे पानी और बिजली की समस्या का होना तय है। वही अभी हालात ये है कि जिले में धान बुवाई पूरी हो चुकी है और 12 दिनों से इंद्र देवता की कृपा नही हुई है यदि ऐसा ही रहा तो फिर आकाल पड़ना तय है जो लगातार 4 वर्ष से अकाल झेल रहे क्षेत्र के किसानों के लिए चिंता का विषय है।Body:बढ़ते धान के रकबा के कारण किसानों का सोयाबीन के प्रति मोहभंग हो गया है और किसान धान की खेती करने में रुचि ले रहे है जो बाद भी बड़ी समस्या का रुप लेगा बता दे कि बढ़ते धान के रकबे से और मानसून से रैवया से तो पानी के लिए त्राहि त्राहि होना तय है। जिले के ग्राम धनगांव के किसान संतोष साहू बुटी निषाद ने कहा कि पानी की कमी से धान सुख रहे है यदि 15 दिन और बारिश नही हुई तो परिणाम भयावह होगा।असाढ़ से हार खाये किसान सावन से आस लगाये बैठे है।Conclusion:इस संबंध में कृषि विभाग के उपसंचालक एस के राजपूत ने बताया कि धान का रकबा बढ़ा है अभी पानी की कमी की वजह से धान की फसल को नुकसान की बात सामने नही आई है मौषम विभाग की माने तो 17-18 जुलाई तक बारिश होने की संभावना है। वही कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक आशीष श्री वास्तव ने बताया कि किसानों को खेती के बारे में जागरूक किया रहा है अभी फसल ठीक है मौसम विभाग के
मुताबित शुक्रवार तक बारिश संभव है।
बाइट-किसान
बाइट- एस के राजपूत उपसंचालक कृषि (चश्मा)
बाइट-आशीष श्रीवास्तव वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र(चेक शर्ट)

Last Updated : Jul 18, 2019, 7:46 PM IST
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