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बेमेतरा: आवारा मवेशियों से किसान परेशान, फसल हो रही बर्बाद

बेमेतरा के ग्रामीण इलाकों में किसान आवारा मवेशियों से परेशान हैं. शासन, प्रशासन से मांग करने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया. स्थिति यह है कि अब किसान मवेशियों को रात में एक गांव से दूसरे गांव में छोड़ देते हैं.

आवारा मवेशियों से किसान परेशान
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Published : Sep 26, 2019, 1:26 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 2:11 PM IST

बेमेतरा: जिले के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों किसान आवारा मवेशियों (बदैलीन गाय) से परेशान हैं. मवेशी किसानों की फसल चट कर रहे हैं. स्थिति यह है कि हर गांव में करीब 50 से 100 आवारा मवेशी हैं, जिसे किसान रोज रात में एक गांव से दूसरे गांव छोड़ देते हैं.

आवारा मवेशियों कर रहे फसल बर्बाद

क्षेत्र में आवारा मवेशियों की समस्या कोई नई बात नहीं है. पहले भी इसके लिये सड़क जाम कर शासन से मांग की गई थी. जिसके बाद जिले के ग्राम झालम में प्रदेश का पहला गौ अभ्यारण खोला गया था. आज स्थिति यह है कि 50 एकड़ के परिक्षेत्र में फैले अभ्यारण में केवल 150 मवेशी हैं, बाकी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, जो सरकारी उदासीनता का प्रमाण है.

पढ़े:रायपुर: बारिश का कहर, कई घरों में घुसा पानी, सड़कें हुईं जलमग्न

आवारा मवेशियों का प्रकोप
ग्राम चंदनु, अंधियारखोर, झाल, खंडसरा, बिजाभाट और कांतेली क्षेत्र के किसान आवारा मवेशियों से परेशान हैं. कई बार शासन, प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया है.

बेमेतरा: जिले के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों किसान आवारा मवेशियों (बदैलीन गाय) से परेशान हैं. मवेशी किसानों की फसल चट कर रहे हैं. स्थिति यह है कि हर गांव में करीब 50 से 100 आवारा मवेशी हैं, जिसे किसान रोज रात में एक गांव से दूसरे गांव छोड़ देते हैं.

आवारा मवेशियों कर रहे फसल बर्बाद

क्षेत्र में आवारा मवेशियों की समस्या कोई नई बात नहीं है. पहले भी इसके लिये सड़क जाम कर शासन से मांग की गई थी. जिसके बाद जिले के ग्राम झालम में प्रदेश का पहला गौ अभ्यारण खोला गया था. आज स्थिति यह है कि 50 एकड़ के परिक्षेत्र में फैले अभ्यारण में केवल 150 मवेशी हैं, बाकी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, जो सरकारी उदासीनता का प्रमाण है.

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आवारा मवेशियों का प्रकोप
ग्राम चंदनु, अंधियारखोर, झाल, खंडसरा, बिजाभाट और कांतेली क्षेत्र के किसान आवारा मवेशियों से परेशान हैं. कई बार शासन, प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया है.

Intro:एंकर-जिले के ग्रामीण इलाकों इन दिनों किसान आवारा मवेशियों (बदैलींन गाय) से परेशान है जो रातो रात किसानों की फसल चट कर रहे है आलम यह है कि प्रति गांव में करीब 50 से 100 आवारा मवेशी है जिसे किसान रोज रातो में एक गांव से दूसरे गांव छोड़ देते है।Body:क्षेत्र में आवारा मवेशियो की समस्या कोई नई बात नही है पहले भी इसके लिये सड़क अवरुद्ध कर शासन से मांग की गई थी जिसके बाद जिले के ग्राम झालम में प्रदेश का पहला गौ अभ्यारण खोला गया था आज आलम यह है कि 50 एकड़ के परिक्षेत्र में फैले अभ्यारण में केवल 150 मवेशी है बाकी के लिए कोई व्यवस्था नही है जो सरकारी उदासीनता का प्रमाण है।जिले के ग्राम चंदनु अँधियारखोर झाल खंडसरा बिजाभाट काँतेली क्षेत्र के किसान आवारा मवेशियों से परेशान है और कई बार शासन प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी कोई हल नही निकल पाया है।जिले में 4 वर्ष बाद हुई अच्छी बारिश से फसल अच्छी है जिस पर अब बदैलींन गाय (आवारा मवेशी) का प्रकोप है जो रातो रात फसल चट कर देती है आलम यह है कि एक गांव के किसान दूसरे गांव में रातो रात मवेशियो को छोड़ देते है यह क्रम निरंतर जारी है।Conclusion:हाल में ही पखवाड़े दिनों पहले बेमेतरा परिक्षेत्र के किसानों ने मवेशियों को पकड़ कर कलेटोरेट जाने की तैयारी में थे कि पालिका अधिकारी ने तत्काल मौके पर पहुँच कर मवेशियओ को अपने सुरक्षित ठिकाने क्रिकेट स्टेडियम में रखा जिसे 4 दिनों बाद छोड़ दिया गया।
बाईट-हेमंत कुमार किसान अँधियारखोर
बाईट-सहदेव साहू किसान पडकीडीह
Last Updated : Sep 26, 2019, 2:11 PM IST
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