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बेमेतरा में स्पंज आयरन प्लांट लगाने का किसानों ने किया विरोध - establishment of sponge iron plant in bemetara

बेमेतरा के सरदा में स्पंज आयरन प्लांट (Sponge Iron Plant in Sarda ) का विरोध हो रहा है. इस प्लांट के खिलाफ जिले में जनसुनवाई हुई. यहां किसानों को रोके जाने पर बवाल हो गया. जिसे लेकर किसान नेता योगेश तिवारी ने (Farmer Leader Yogesh Tiwari) पुलिस प्रशासन पर नाराजगी जाहिर की.

farmer opposed bemetara
किसान का विरोध
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Published : Dec 27, 2021, 4:12 PM IST

बेमेतरा: जिले में बेरला क्षेत्र के सरदा में स्पंज आयरन प्लांट की स्थापना (Establishment of Sponge Iron Plant in Sarda) को लेकर जिला प्रशासन ने ग्रामीणों की जनसुनवाई बुलाई. जहां अंचल के किसान और ग्रामीण बड़ी संख्या में विरोध दर्ज कराने पहुंचे. लेकिन पुलिस द्वारा लोगों को पंडाल में आने से रोका गया. इस वजह से यहां बवाल शुरू हो गया. किसान नेता योगेश तिवारी ने (Farmer Leader Yogesh Tiwari) पुलिस प्रशासन पर नाराजगी जाहिर की है.उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में प्लांट नहीं लगने देंगे. चाहे हमें खून बहाना पड़े या जेल जाना पड़े.

यह भी पढ़ें: raipur dharma sansad controversy : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर विवादित बयान देकर चौतरफा घिरे कालीचरण महाराज

ग्रामीण प्लांट का कर रहे विरोध

इस प्लांट का किसान शुरू से ही विरोध कर रहे हैं. इसलिए जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में 8 सितंबर को बैठक बुलाई गई. जनसुनवाई को कोविड के मद्देनजर स्थगित कर दिया गया था. एक बार फिर 27 दिसंबर को जिला प्रशासन ने डिप्टी कलेक्टर दुर्गेश वर्मा की अध्यक्षता में जनसुनवाई बुलाई. जहां किसान नेता योगेश तिवारी. जिला पंचायत सभापति राहुल टिकरिहा सहित क्षेत्र के किसान, ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंचकर एक स्वर में प्लांट लगाने का विरोध कर रहे हैं

यह भी पढ़ें: Balrampur Panchayat election: बलरामपुर में त्रि-स्तरीय पंचायत उपचुनाव, आचार संहिता लागू

प्लांट का क्यों हो रहा है विरोध

बेमेतरा कृषि प्रधान क्षेत्र (Bemetara Agricultural Area) है. इस क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय कृषि है. बेरला क्षेत्र के निवासी धान, दलहन, तिलहन, सब्जी और फलों का उत्पादन करते है. यहां आय का प्रमुख स्रोत खेती है. ऐसे में प्लांट लगा तो किसानों को नुकसान होना तय है. सरदा में 42.68 एकड़ में स्टील प्लांट की स्थापना की तैयारी की जा रही है. इससे कृषि क्षेत्र के साथ-साथ फसल उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा

प्रदूषण की समस्या से गांव होगा प्रभावित

सरदा में उद्योग लगने से कृषि कार्यों में, प्लांट से निकलने वाले धुंए, वेस्ट वाटर और अपशिष्ट पदार्थों से कृषि कार्य के साथ-साथ आम जन जीवन प्रभावित होगा. एक समय के बाद यहां कृषि कार्य समाप्त हो जाएगा. जिससे किसानों के सामने जीवकोपार्जन के लिए आर्थिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी. इसलिए किसान इसका विरोध कर रहे हैं.

बेमेतरा: जिले में बेरला क्षेत्र के सरदा में स्पंज आयरन प्लांट की स्थापना (Establishment of Sponge Iron Plant in Sarda) को लेकर जिला प्रशासन ने ग्रामीणों की जनसुनवाई बुलाई. जहां अंचल के किसान और ग्रामीण बड़ी संख्या में विरोध दर्ज कराने पहुंचे. लेकिन पुलिस द्वारा लोगों को पंडाल में आने से रोका गया. इस वजह से यहां बवाल शुरू हो गया. किसान नेता योगेश तिवारी ने (Farmer Leader Yogesh Tiwari) पुलिस प्रशासन पर नाराजगी जाहिर की है.उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में प्लांट नहीं लगने देंगे. चाहे हमें खून बहाना पड़े या जेल जाना पड़े.

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ग्रामीण प्लांट का कर रहे विरोध

इस प्लांट का किसान शुरू से ही विरोध कर रहे हैं. इसलिए जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में 8 सितंबर को बैठक बुलाई गई. जनसुनवाई को कोविड के मद्देनजर स्थगित कर दिया गया था. एक बार फिर 27 दिसंबर को जिला प्रशासन ने डिप्टी कलेक्टर दुर्गेश वर्मा की अध्यक्षता में जनसुनवाई बुलाई. जहां किसान नेता योगेश तिवारी. जिला पंचायत सभापति राहुल टिकरिहा सहित क्षेत्र के किसान, ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंचकर एक स्वर में प्लांट लगाने का विरोध कर रहे हैं

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प्लांट का क्यों हो रहा है विरोध

बेमेतरा कृषि प्रधान क्षेत्र (Bemetara Agricultural Area) है. इस क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय कृषि है. बेरला क्षेत्र के निवासी धान, दलहन, तिलहन, सब्जी और फलों का उत्पादन करते है. यहां आय का प्रमुख स्रोत खेती है. ऐसे में प्लांट लगा तो किसानों को नुकसान होना तय है. सरदा में 42.68 एकड़ में स्टील प्लांट की स्थापना की तैयारी की जा रही है. इससे कृषि क्षेत्र के साथ-साथ फसल उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा

प्रदूषण की समस्या से गांव होगा प्रभावित

सरदा में उद्योग लगने से कृषि कार्यों में, प्लांट से निकलने वाले धुंए, वेस्ट वाटर और अपशिष्ट पदार्थों से कृषि कार्य के साथ-साथ आम जन जीवन प्रभावित होगा. एक समय के बाद यहां कृषि कार्य समाप्त हो जाएगा. जिससे किसानों के सामने जीवकोपार्जन के लिए आर्थिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी. इसलिए किसान इसका विरोध कर रहे हैं.

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