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Eye Flu Outbreak In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में आईफ्लू के केसों में तेजी से इजाफा, बेमेतरा और दुर्ग में रोजाना मिल रहे मरीज, फैल रहा संक्रमण - आई फ्लू हो तो क्या करें

Eye Flu Outbreak In Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में आईफ्लू के केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है. यहां के बेमेतरा और दुर्ग जिले में आईफ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. बेमेतरा में रोज चार से अधिक मामले आ रहे हैं, जबकि दुर्ग में रोजाना 30 से 40 मरीज आई फ्लू के मिल रहे हैं.

Eye Flu outbreak in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में आईफ्लू के केसों में तेजी से इजाफा
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Published : Jul 25, 2023, 11:11 PM IST

Updated : Jul 26, 2023, 1:14 AM IST

छत्तीसगढ़ में आईफ्लू के केसों में तेजी से इजाफा

बेमेतरा/दुर्ग: छत्तीसगढ़ में मानसूनी बारिश के साथ ही आई फ्लू संक्रमण की बीमारी बढ़ती जा रही है. प्रदेश के कई जिलों में आई फ्लू के केस आ रहे हैं. सबसे ज्यादा बुरा हाल दुर्ग का है. यहां आई फ्लू कंजक्टिवाइटिस के प्रतिदिन तीस से चालीस मरीज मिल रहे हैं. धीरे धीरे यह बीमारी फैलती जा रही है. इस बीमारी को पिंक आई भी कहते हैं.

दुर्ग में तेजी से फैल रहा पिंक आई संक्रमण: दुर्ग के अस्पतालों में आई फ्लू संक्रमण ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. यहां हर चौथा शख्स इस बीमारी से पीड़ित है. सबसे ज्यादा आई फ्लू बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है. इस संक्रमण के इलाज के लिए लोगों की भीड़ अस्पतालों में लगने लगी है. दुर्ग में बीते 16 से 23 जुलाई के बीच 762 मरीज आई फ्लू के पाए गए हैं. सुपेला के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में हर रोज 30 से चालीस मरीज कंजक्टिवाइटिस के मिल रहे हैं.

आई फ्लू के साथ वायरल फीवर का प्रकोप: दुर्ग में आई फ्लू के साथ वायरल फीवर का भी प्रकोप फैल रहा है. यहां के अस्पतालों में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वायरल फीवर के साथ-साथ आंखों के संक्रमण की बीमारी भी तेजी से फैल रही है.यह एक तरह से वायरस है, जो किसी को भी हो सकता है. यह एलर्जी से भी जुड़ी बीमारी है.

बेमेतरा में बच्चों में फैल रहा आई फ्लू: बेमेतरा में सबसे ज्यादा यह बीमारी बच्चों में देखी जा रही है. खासकर स्कूली बच्चों में इस बीमारी का असर दिख रहा है. स्कूली बच्चों में यह संक्रमण एक बच्चे से दूसरे बच्चे में तेजी से फैल रहा है. आई फ्लू (कंजेक्टिवाइटिस )संक्रमण होने से 3 से 4 दिनों तक बच्चों के आंखों में इसका प्रभाव होता है. आंखें सूज जाती है.

"कन्जक्टिवाइटिस संक्रामक बीमारी है, जो सम्पर्क से फैलती है. मरीज को अपनी आंखों को हाथ नहीं लगाने की सलाह दी जाती है. मरीज के उपयोग की चीजों को अलग रखकर इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है. संक्रमित आंख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा गलत है."-डॉक्टर सुभाष मिश्रा, संचालक, महामारी नियंत्रण

क्या होता है आई फ्लू ?: आई फ्लू बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैलता है. इसे गुलाबी आंख और लाल आंख की बीमारी भी कहा जाता है. जो व्यक्ति आई फ्लू संक्रमण से प्रभावित होता है, उसके आंखों में सूजन हो जाता है. आंखें लाल हो जाती है. आंखों में जलन की समस्या भी बनती है. इसके अलावा आंखों से लगातार मवाद और पानी निकलता है. इसको ठीक करने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं और ड्रॉप पेशेंट को देते हैं.

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आई फ्लू हो तो क्या करें ?: यदि किसी को आई फ्लू की बीमारी होती है तो उसे बार बार आंखें नहीं छूनी चाहिए. आंख से अगर पानी आ रहा है तो टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करना चाहिए. यदि रुमाल का उपयोग कर रहे हैं तो एक आंख पोछने के बाद दूसरे आंख को उसी रुमाल से नहीं पोछना चाहिए. लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहे. डॉक्टर के बताए नियमों का पालन करें.

छत्तीसगढ़ में आईफ्लू के केसों में तेजी से इजाफा

बेमेतरा/दुर्ग: छत्तीसगढ़ में मानसूनी बारिश के साथ ही आई फ्लू संक्रमण की बीमारी बढ़ती जा रही है. प्रदेश के कई जिलों में आई फ्लू के केस आ रहे हैं. सबसे ज्यादा बुरा हाल दुर्ग का है. यहां आई फ्लू कंजक्टिवाइटिस के प्रतिदिन तीस से चालीस मरीज मिल रहे हैं. धीरे धीरे यह बीमारी फैलती जा रही है. इस बीमारी को पिंक आई भी कहते हैं.

दुर्ग में तेजी से फैल रहा पिंक आई संक्रमण: दुर्ग के अस्पतालों में आई फ्लू संक्रमण ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. यहां हर चौथा शख्स इस बीमारी से पीड़ित है. सबसे ज्यादा आई फ्लू बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है. इस संक्रमण के इलाज के लिए लोगों की भीड़ अस्पतालों में लगने लगी है. दुर्ग में बीते 16 से 23 जुलाई के बीच 762 मरीज आई फ्लू के पाए गए हैं. सुपेला के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में हर रोज 30 से चालीस मरीज कंजक्टिवाइटिस के मिल रहे हैं.

आई फ्लू के साथ वायरल फीवर का प्रकोप: दुर्ग में आई फ्लू के साथ वायरल फीवर का भी प्रकोप फैल रहा है. यहां के अस्पतालों में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वायरल फीवर के साथ-साथ आंखों के संक्रमण की बीमारी भी तेजी से फैल रही है.यह एक तरह से वायरस है, जो किसी को भी हो सकता है. यह एलर्जी से भी जुड़ी बीमारी है.

बेमेतरा में बच्चों में फैल रहा आई फ्लू: बेमेतरा में सबसे ज्यादा यह बीमारी बच्चों में देखी जा रही है. खासकर स्कूली बच्चों में इस बीमारी का असर दिख रहा है. स्कूली बच्चों में यह संक्रमण एक बच्चे से दूसरे बच्चे में तेजी से फैल रहा है. आई फ्लू (कंजेक्टिवाइटिस )संक्रमण होने से 3 से 4 दिनों तक बच्चों के आंखों में इसका प्रभाव होता है. आंखें सूज जाती है.

"कन्जक्टिवाइटिस संक्रामक बीमारी है, जो सम्पर्क से फैलती है. मरीज को अपनी आंखों को हाथ नहीं लगाने की सलाह दी जाती है. मरीज के उपयोग की चीजों को अलग रखकर इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है. संक्रमित आंख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा गलत है."-डॉक्टर सुभाष मिश्रा, संचालक, महामारी नियंत्रण

क्या होता है आई फ्लू ?: आई फ्लू बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैलता है. इसे गुलाबी आंख और लाल आंख की बीमारी भी कहा जाता है. जो व्यक्ति आई फ्लू संक्रमण से प्रभावित होता है, उसके आंखों में सूजन हो जाता है. आंखें लाल हो जाती है. आंखों में जलन की समस्या भी बनती है. इसके अलावा आंखों से लगातार मवाद और पानी निकलता है. इसको ठीक करने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं और ड्रॉप पेशेंट को देते हैं.

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आई फ्लू हो तो क्या करें ?: यदि किसी को आई फ्लू की बीमारी होती है तो उसे बार बार आंखें नहीं छूनी चाहिए. आंख से अगर पानी आ रहा है तो टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करना चाहिए. यदि रुमाल का उपयोग कर रहे हैं तो एक आंख पोछने के बाद दूसरे आंख को उसी रुमाल से नहीं पोछना चाहिए. लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहे. डॉक्टर के बताए नियमों का पालन करें.

Last Updated : Jul 26, 2023, 1:14 AM IST
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