बेमेतरा : धान के जल्द उठाव के लिए जिला सहकारी समिति के कर्मचारी संघ ने कलेक्टर ने शिव अनंत तायल को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. संघ के सदस्यों ने कहा है कि जिले के धान खरीदी केंद्रों में मार्कफेड और एजेंट कार्य कर रहे हैं. वर्तमान में खरीदे गए धान का परिवहन कराया जा रहा है, जिसे समितियों को लाभ के बजाय नुकसान हो सकता है. जिले के 113 धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी की गई है. धान परिवहन धीमी गति से होने की वजह से धान समितियों में जाम पड़ा हुआ है. समितियों का परिवहन करा पाना संभव नहीं है, इस वजह से खरीदी के बाद समय से परिवहन नहीं होने से समितियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.समितियों में बंपर लिमिट से अधिक धान हैं.
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समितियों को बारिश का सता रहा डर
समितियों के कर्मचारियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की नीति के अनुसार 17 फीसदी नमी तक धान किसानों से खरीदा गया है. धान का उठाव नहीं होने की वजह से तेज धूप, कीट, चूहे और बेमौसम बारिश से धान खराब हो रहा है. धान के सूख जाने से समितियां घाटे में जा रही है. धान के सूख जाने पर समितियों के कर्मचारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाती है. जबकि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 खरीदी अनुबंध के अनुसार मार्कफेड के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.
30 लाख क्विंटल धान शेष
बेमेतरा में लाखों क्विंटल धान का उठाव नहीं हुआ है, जिससे बहुत ही शार्टेज का सामना करना पड़ रहा है. समिति को आर्थिक घाटे का सामना करना पड़ सकता है. कर्माचारियों ने मांग की है कि धान का परिवहन जल्द किया जाए. वर्तमान महंगाई के हिसाब से रंग, सुतली, बिजली में वृद्धि की जाए. सुरक्षा बढाई जाए. जिले के 113 उपार्जन केंद्रों में अब भी 30 लाख क्विंटल धान परिवहन होना शेष है.