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बेमेतराः शिवभक्तों का जत्था जलाभिषेक करने भोरमदेव के लिए पैदल रवाना

सोमवार को जल चढ़ाने के लिए भक्तों ने यात्रा शुरू की है. ये लोग सोमवार को जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर कवर्धा के भोरमदेव स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे.

बेमेतराः शिवभक्तों का जत्था जलाभिषेक करने भोरमदेव के लिए पैदल रवाना
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Published : Aug 4, 2019, 3:31 PM IST

बेमेतराः सावन के पावन महीने में भगवान शिव की पूजा विशेष मानी जाती है. साथ ही उनके भक्त भी उनकी अलग-अलग तरीके से पूजा करते हैं. भगवान शिव को खुश करने के लिए पद यात्रा कर जलाभिषेक करने की मान्यता सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है. इसमें भक्त गण भगवा कपड़े पहनकर, कंधे पर जल कलश से भरे कांवर लेकर क्षेत्र के प्रसिद्ध शिवालय के लिए पैदल यात्रा शुरू करते हैं और वहां पहुंच शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है.

बेमेतराः शिवभक्तों का जत्था जलाभिषेक करने भोरमदेव के लिए पैदल रवाना

शिव भक्तों ने तय किया शिवालय के लिए यात्रा
सोमवार को जल चढ़ाने के लिए भक्तों ने यात्रा शुरू की है. ये लोग सोमवार को जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर कवर्धा के भोरमदेव स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे. इनमें सभी आयु वर्ग के श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिए है. श्रद्धालुओं के भीड़ से पूरा रास्ता भगवामय हो गया है. 'बाबा नगरिया दूर है जाना जरूर है' के नारे के साथ बोलबम के जयकारे से गूंज रहे हैं.

कावरियों के लिए है भण्डारे की व्यवस्था
भोरमदेव मंदिर में जल अभिषेक के लिए कांवरिये जिले के शिव धाम भेड़नी के जल लेकर यात्रा प्रारंभ करते हैं. भक्त गण शिव धुन पर थिरकते हुए आगे बढ़ते हैं. कावरियों के लिए रास्ते में समाजसेवियों के द्वारा जगह-जगह भोजन प्रसाद और भण्डारे की व्यवस्था की गई है.

बेमेतराः सावन के पावन महीने में भगवान शिव की पूजा विशेष मानी जाती है. साथ ही उनके भक्त भी उनकी अलग-अलग तरीके से पूजा करते हैं. भगवान शिव को खुश करने के लिए पद यात्रा कर जलाभिषेक करने की मान्यता सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है. इसमें भक्त गण भगवा कपड़े पहनकर, कंधे पर जल कलश से भरे कांवर लेकर क्षेत्र के प्रसिद्ध शिवालय के लिए पैदल यात्रा शुरू करते हैं और वहां पहुंच शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है.

बेमेतराः शिवभक्तों का जत्था जलाभिषेक करने भोरमदेव के लिए पैदल रवाना

शिव भक्तों ने तय किया शिवालय के लिए यात्रा
सोमवार को जल चढ़ाने के लिए भक्तों ने यात्रा शुरू की है. ये लोग सोमवार को जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर कवर्धा के भोरमदेव स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे. इनमें सभी आयु वर्ग के श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिए है. श्रद्धालुओं के भीड़ से पूरा रास्ता भगवामय हो गया है. 'बाबा नगरिया दूर है जाना जरूर है' के नारे के साथ बोलबम के जयकारे से गूंज रहे हैं.

कावरियों के लिए है भण्डारे की व्यवस्था
भोरमदेव मंदिर में जल अभिषेक के लिए कांवरिये जिले के शिव धाम भेड़नी के जल लेकर यात्रा प्रारंभ करते हैं. भक्त गण शिव धुन पर थिरकते हुए आगे बढ़ते हैं. कावरियों के लिए रास्ते में समाजसेवियों के द्वारा जगह-जगह भोजन प्रसाद और भण्डारे की व्यवस्था की गई है.

Intro:एंकर-जिले भर के हज़ारो कावरियों का दल सावन मास के सोमवार को जल आभिषेक करने आज सुबह भोरमदेव रवाना हो गया ।बच्चे बूढ़े महिलाओं का कई जत्था भगवा परिधान में छतीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्द भोरमदेव मंदिर में जल अभिषेक लिए पदयात्रा में निकला जसमे युवा हूबहू शंकर भगवान के वेश में नज़र आये।Body:बेमेतरा से लेकर कवर्धा तक पूरा सड़क भगवामय दिखा रास्ते भर बोलबम के जयकारे गूंजते रहे बाबा नगरिया दूर है जाना जरूर है के नारे के साथ कांवरिये आगे बढ़ते है नगर के समाजसेवियों एवम व्यपारियो ने जगह जगह कावरियों के लिए भोजन प्रसाद एवम भण्डारे की व्यवस्था की है ।Conclusion:सावन में जिले के शिव धाम भेड़नी के जल लेकर कांवरिये भोरमददेव का यात्रा प्रारंभ करते है और बिना चप्पल के पदयात्रा करते है इस बार कावरियों के दल के साथ ट्रैक्टर एवम डीजे भी जा रहे है जिसकी धुन पर थिरकते शिव भक्त यात्रा कर रहे है।
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