बेमेतराः दीपावली के आस-पास धान की फसल की कटाई शुरू हो जाती है, लेकिन बे-मौसम बारिश किसानों के लिए आफत बन गई है. इस बारिश ने किसानों की दिवाली के दीए की चमक को फीका कर दिया है. जिले में पिछले 3 दिनों तक हुई तेज हवा के साथ बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है.
बारिश के पहले किसान फसलों की बीमारी से जूझ रहे थे. तेज हवा की वजह से धान की फसल पलट गई है. साथ ही क्षेत्र में सोयाबीन की फसल की कटाई शुरू हो गई है, लेकिन बारिश की वजह से खेतों में कटे हुए सोयाबीन की फसल अंकुरित होने लगी है.
बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर
15 दिन पहले किसान फसलों में कीटनाशक, फफूंद नाशक दवाइयों का छिड़काव खेतो में कर रहे थे. दवाइयों के छिड़काव के बाद से फसल जैसे- तैसे बर्बाद होने से बच गई थी, लेकिन बे-मौसम बारिश होने से धान और सोयाबीन के फसलों को नुकसान पहुंचा है. इसके बाद क्षेत्र के किसानों की परेशानी दोगुनी रफ्तार से बढ़ी है.
गलत आंकड़ों से किसानों को नुकसान
क्षेत्र के किसान सुजीत शर्मा ने आरोप लगाया है कि कृषि विभाग फसलों का निरीक्षण नहीं करता है और ऑफिस में बैठकर ही आंकड़े निकालते हैं. इस वजह से किसानों को बे-मौसम बारिश जैसे आपदा से होने वाले नुकसान पर उचित लाभ नहीं मिल पाता है.
फसलों में प्रकोप
कृषि अधिकारी ने बताया कि वर्तमान समय में धान फसलों में माहो का प्रकोप ज्यादा है. इससे बचाव के लिए समय-समय पर रोजाना फसलों का निरीक्षण करना बहुत जरूरी है. बारिश के कारण क्षेत्र की फसलों को नुकसान हुआ है.वहीं कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने कहा कि फसलों के नुकसान का आंकलन किया जाएगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.