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दंपति पर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के सहारे सरकारी नौकरी करने का आरोप - सरकारी नौकरी में फर्जीवाड़ा

बेमेतरा में एक दंपति पर पिछले तेरह साल से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के सहारे सरकारी नौकरी करने का आरोप है. जिसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की गई है.

government job with help of fake experience certificate
फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के सहारे सरकारी नौकरी
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Published : Oct 24, 2020, 4:39 PM IST

बेमेतरा: साजा विकासखंड में धोखाधड़ी का सनसनीखेज केस सामने आया है. जहां एक दंपति पर पिछले तेरह साल से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के सहारे सरकारी नौकरी करने का आरोप है. घटना उजागर होने के बाद प्रशासनिक अमले की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. आखिर जांच के बाद भी ये दंपति कार्रवाई से कैसे बचे यह भी जांच का विषय है. इस केस की शिकायत डीईओ बेमेतरा से की गई है.

government job with help of fake experience certificate
शिकायत पत्र
government job with help of fake experience certificate
शिकायत पत्र

भुनेश्वर शुक्ला और संगीता शुक्ला की नियुक्ति सन 2007 में जनपद पंचायत नवागढ़ से शिक्षाकर्मी वर्ग 3 में हुई थी. अनुभव प्रमाण पत्र में 12 अंक और खेलकूद प्रमाण पत्र में 4.5 अंक का लाभ लेकर अंक विभाजन वरीयता सूची में स्थान बनाने में ये सफल रहे. जो इनके नियुक्ति का कारण बना. अनुभव प्रमाण पत्र की सत्यता की जानकारी आरटीआई के माध्यम से ली गई. जनभागीदारी समिति द्वारा सन 2002 से 2006 तक नियुक्त किए गए शिक्षकों की सूची में इस दंपति का नाम ही नहीं है. साथ ही खेल प्रमाण पत्र भी संदिग्ध नजर आ रहा है.

पढ़ें-लाखों का फर्जीवाड़ा, जहां स्कूल ही नहीं वहां अहाता निर्माण के लिए निकाल लिए गए 5 लाख

सन 2008 में जनपद पंचायत नवागढ़ में 2007 भर्ती की जांच हुई थी, तब कई शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त किया गया था. उस दौरान इस दंपति पर कार्रवाई नहीं होने जांच अधिकारी सवालों के घेरे में है.

दंपति का ट्रांसफर भी गलत

सन 2009 में शुक्ला दंपति का ट्रांसफर भी ट्रांसफर नीति के विपरीत हुआ है. पति-पत्नी जब एक ही विकासखंड में कार्यरत थे तो दोनों का ट्रांसफर पति-पत्नी प्रकरण में एक साथ कैसे हुआ. साजा और नवागढ़ जनपद पंचायत ने किस आधार पर इन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया. कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनो जनपद में अधिकारी-कर्मचारी ने इन्हें अवैधानिक तरीके से लाभ पहुंचाया. फर्जी नियुक्ति के केस में कार्रवाई से बचाने के लिए भी इन्हें ट्रांसफर लाभ दिया गया. वर्तमान में भुनेश्वर शुक्ला प्राथमिक शाला गभराडीह और संगीता शुक्ला संकुल केंद्र गाड़ाडीह के अंतर्गत कार्यरत है.

पढ़ें-लापरवाही: मृत किसानों के नाम पर धान खरीदी, प्रशासनिक अमले में हड़कंप

कई थानों में शुक्ला के खिलाफ फर्जीवाड़े का केस का दर्ज

बेरोजगारों से मोटी रकम लेकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी लगाने के आरोप में छत्तीसगढ़ के कई थानों में भुनेश्वर शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी जैसे आपराधिक मामले दर्ज है. जिनका अलग-अलग न्यायालय में प्रकरण चल रहा है. लोगों का आरोप है कि जब से शुक्ला नवागढ़ से साजा आया है, जनपद और बीइओ ऑफिस के सरंक्षण में लगातार विभिन्न स्कूलों में मनमर्जी ट्रांसफर कराता रहा है.

बेमेतरा: साजा विकासखंड में धोखाधड़ी का सनसनीखेज केस सामने आया है. जहां एक दंपति पर पिछले तेरह साल से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के सहारे सरकारी नौकरी करने का आरोप है. घटना उजागर होने के बाद प्रशासनिक अमले की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. आखिर जांच के बाद भी ये दंपति कार्रवाई से कैसे बचे यह भी जांच का विषय है. इस केस की शिकायत डीईओ बेमेतरा से की गई है.

government job with help of fake experience certificate
शिकायत पत्र
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शिकायत पत्र

भुनेश्वर शुक्ला और संगीता शुक्ला की नियुक्ति सन 2007 में जनपद पंचायत नवागढ़ से शिक्षाकर्मी वर्ग 3 में हुई थी. अनुभव प्रमाण पत्र में 12 अंक और खेलकूद प्रमाण पत्र में 4.5 अंक का लाभ लेकर अंक विभाजन वरीयता सूची में स्थान बनाने में ये सफल रहे. जो इनके नियुक्ति का कारण बना. अनुभव प्रमाण पत्र की सत्यता की जानकारी आरटीआई के माध्यम से ली गई. जनभागीदारी समिति द्वारा सन 2002 से 2006 तक नियुक्त किए गए शिक्षकों की सूची में इस दंपति का नाम ही नहीं है. साथ ही खेल प्रमाण पत्र भी संदिग्ध नजर आ रहा है.

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सन 2008 में जनपद पंचायत नवागढ़ में 2007 भर्ती की जांच हुई थी, तब कई शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त किया गया था. उस दौरान इस दंपति पर कार्रवाई नहीं होने जांच अधिकारी सवालों के घेरे में है.

दंपति का ट्रांसफर भी गलत

सन 2009 में शुक्ला दंपति का ट्रांसफर भी ट्रांसफर नीति के विपरीत हुआ है. पति-पत्नी जब एक ही विकासखंड में कार्यरत थे तो दोनों का ट्रांसफर पति-पत्नी प्रकरण में एक साथ कैसे हुआ. साजा और नवागढ़ जनपद पंचायत ने किस आधार पर इन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया. कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनो जनपद में अधिकारी-कर्मचारी ने इन्हें अवैधानिक तरीके से लाभ पहुंचाया. फर्जी नियुक्ति के केस में कार्रवाई से बचाने के लिए भी इन्हें ट्रांसफर लाभ दिया गया. वर्तमान में भुनेश्वर शुक्ला प्राथमिक शाला गभराडीह और संगीता शुक्ला संकुल केंद्र गाड़ाडीह के अंतर्गत कार्यरत है.

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कई थानों में शुक्ला के खिलाफ फर्जीवाड़े का केस का दर्ज

बेरोजगारों से मोटी रकम लेकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी लगाने के आरोप में छत्तीसगढ़ के कई थानों में भुनेश्वर शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी जैसे आपराधिक मामले दर्ज है. जिनका अलग-अलग न्यायालय में प्रकरण चल रहा है. लोगों का आरोप है कि जब से शुक्ला नवागढ़ से साजा आया है, जनपद और बीइओ ऑफिस के सरंक्षण में लगातार विभिन्न स्कूलों में मनमर्जी ट्रांसफर कराता रहा है.

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