बेमेतरा: दुर्ग संभाग की हाईप्रोफाइल सीट नवागढ़ विधानसभा में जबरदस्त उलटफेर देखने को मिला है. भूपेश सरकार के मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी गुरु रूद्र कुमार को नवागढ़ विधानसभा सीट से करारी हार मिली है. बीजेपी के दयालदास बघेल को नवागढ़ सीट पर शानदार जीत मिली है. इस बार दुर्ग जिले में कुल 69.36 प्रतिशत मतदान हुआ. नवागढ़ विधानसभा सीट पर भी जमकर वोटिंग हुई थी.
परिसीमन के बाद बदले सियासी समीकरण : नवागढ़ विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास अपने आप मे रोचक रहा है. दरअसल राज्य बनने से पहले इस सीट पर कांग्रेस का राज हुआ करता था. लेकिन जैसे ही मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना. नवागढ़ क्षेत्र में भी सियासी समीकरण बदलने लगे. 2003 में जनता ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी पर भरोसा जताया.लगातार तीन बार दयालदास बघेल इस सीट से विधायक रहे.जिन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया.
बीजेपी और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला : नवागढ़ विधानसभा सीट में परिसीमन के बाद अब तक तीन विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. जिनमें से दो बार चुनाव बीजेपी के पक्ष में रहे हैं. वहीं 1 बार कांग्रेस इस सीट पर जीती है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी जंग में बसपा यहां तीसरे नंबर की पार्टी रही है. बीजेपी और कांग्रेस के अलावा नवागढ़ में बसपा पार्टी अस्तित्व में है. लेकिन कार्यकर्ताओं की कमी के कारण बीएसपी ने अपना जनाधार खो दिया है.इस बार भी सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी से होगा.
मतदाताओं की स्थिति : नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 266714 मतदाता है. जिनमें 135168 पुरुष मतदाता हैं. वहीं 131544 महिला मतदाता हैं. वहीं थर्ड जेंडर 2 हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या अधिक है. वहीं दूसरे नंबर पर साहू मतदाताओं की संख्या क्षेत्र में अधिक है.
पिछले चुनाव के नतीजे : 2018-19 को नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी के गुरुदयाल सिंह बंजारे को 86 हजार 779 मत और बीजेपी के दयालदास बघेल को 53 हजार 579 मत मिले थे. कांग्रेस प्रत्याशी गुरुदयाल सिंह बंजारे ने बीजेपी प्रत्याशी दयालदास बघेल को 33,200 मतों से मात दी थी.
किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा चुनाव : इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ में चुनाव है. ऐसे में नवागढ़ विधानसभा में कई मुद्दे हैं जो हावी रहेंगे. इस विधानसभा में सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था ना होने से किसान परेशान हैं. नवागढ़ से नारायणपुर तक ड्राई जोन में आता है. इसलिए सिंचाई के साथ-साथ पेयजल की व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है.क्षेत्र में कृषि आधारित किसी भी तरह का कोई उद्योग नहीं है.शिक्षा की यदि बात करें तो कॉलेज और स्कूल की कमी है. विधानसभा में जर्जर सड़कें लोगों की तकलीफ बढ़ा रही हैं.